हैदराबाद- इंडिया लेबरलाइन ने सरकार से असंगठित क्षेत्रों के मजदूरों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए सहयोग देने की अपील की। फोन आधारित राष्ट्रीय हेल्पलाइन सेवा संगठन इंडिया लेबरलाइन ने आज राज्य में अपनी स्थापना के एक वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस संदर्भ में सोमाजीगुडा प्रेस क्लब में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में तेलंगाना टीम द्वारा वर्षभर की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। तेलंगाना टीम द्वारा अब तक 350 मामले पंजीकृत किए गए, जिसमें से 136 मामलों का समाधान किया गया। वहीं आंशिक रूप से 5 मामले हल किए गए। 20.36 लाख रुपये की राशि वसूल की गई। लंबित मजदूरी के तौर पर 80.67 लाख रुपये प्राप्त हुए। इसके अलावा 74 सूचना कॉल दर्ज की गयी।
राष्ट्रीय निदेशक सुशोभन धर ने बताया कि असंगठित क्षेत्रों के मजदूर काम से संबंधित धोखाधड़ी जैसे मजदूरी की चोरी, शारीरिक और मौखिक दुर्व्यवहार और कार्यस्थलों में होने वाली दुर्घटनाओं के बाद मुआवजे का भुगतान न करने जैसी समस्याओं से गुजरते हैं। श्रम विभाग इस हकीकत से पूरी तरह वाकिफ नहीं है। अधिकारी श्रमिकों, विशेषकर प्रवासियों को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं है। न्याय मिलने की उम्मीद खो चुके संकटग्रस्त श्रमिकों के लिए लेबर लाइन आशा की किरण बना। जुलाई 2021 में वर्किंग पीपल्स कोएलिशन (डब्ल्यूपीसी) और आजीविका ब्यूरो द्वारा स्थापित राष्ट्रीय हेल्पलाइन को अब 50,000 से अधिक संकट कॉल प्राप्त हुई हैं।
राष्ट्रीय निदेशक सुशोभन धर ने बताया कि असंगठित क्षेत्रों के मजदूर काम से संबंधित धोखाधड़ी जैसे मजदूरी की चोरी, शारीरिक और मौखिक दुर्व्यवहार और कार्यस्थलों में होने वाली दुर्घटनाओं के बाद मुआवजे का भुगतान न करने जैसी समस्याओं से गुजरते हैं। श्रम विभाग इस हकीकत से पूरी तरह वाकिफ नहीं है। अधिकारी श्रमिकों, विशेषकर प्रवासियों को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं है। न्याय मिलने की उम्मीद खो चुके संकटग्रस्त श्रमिकों के लिए लेबर लाइन आशा की किरण बना। जुलाई 2021 में वर्किंग पीपल्स कोएलिशन (डब्ल्यूपीसी) और आजीविका ब्यूरो द्वारा स्थापित राष्ट्रीय हेल्पलाइन को अब 50,000 से अधिक संकट कॉल प्राप्त हुई हैं।
हेल्पलाइन ने लगभग 9000 श्रमिकों को कानूनी और मध्यस्थता सहायता प्रदान की है, जिन्हें कार्यस्थल पर समस्याओं का सामना करना पड़ा था। आईएलएल टीम को विवाद के मामले में 13 करोड़ रुपये और श्रमिकों को उनकी मेहनत की कमाई 2.7 करोड़ रुपये की वसूली में मदद की। हेल्पलाइन ने श्रमिकों को पुलिस, श्रम विभाग आदि जैसे उपयुक्त हितधारकों से जोड़ने में उनकी मदद की। ऐसे मामलों में जहां सभी मध्यस्थता के विफल हो जाने पर श्रमिकों को अदालतों का दरवाजा खटखटाने में मदद दी गई। डब्ल्यूपीसी के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य शेख सलाउद्दीन ने बताया कि संगठन अपनी ओर से असंगठित क्षेत्रों के मजदूरों की समस्याओं को दूर करने के लिए हर संभव मदद कर रहा है, लेकिन इसमें सरकार का सहयोग आवश्यक है। अक्सर ऐसे मामले उनके सामने आते हैं, जहाँ संगठन के कार्य करने का दायरा सिमट जाता है।
ऐसे में यदि सरकार का सहयोग मिले तो समस्याओं के समाधान को और गति मिलेगी। इंडिया लेबर इन श्रमिकों के लिए एक वैकल्पिक मंच है। इसके द्वारा योजनाओं या अधिकारों के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलती है। अक्टूबर, 2022 तक हेल्पलाइन के 11 अतिरिक्त शहरों तक विस्तारित होने की उम्मीद है। इसमें बड़े पैमाने पर दक्षिणी और पश्चिमी शहरी कार्य शामिल होंगे। आईएलएल गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए समर्पित हेल्पलाइन तैयार कर रहा है, जिसे हैदराबाद में शुरू किया जाएगा। संवाददाता सम्मेलन में डब्ल्यूपीसी हैदराबाद के सचिव ब्रदर टी.एसजी वर्गीस, तेलंगाना संयोजक सुरेश बाबू एवं अन्य ने हिस्सा लिया।