पटेल न होते तो पूरा नहीं हो पाता हैदराबाद मुत्ति दिवस का सपना : शाह

 Had Patel not been there, the dream of Hyderabad's independence would not have been fulfilled: Shah

हैदराबाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हैदराबाद को निजाम के निरंकुश शासन में रजाकारों से मुत्ति दिलाकर अखंड भारत की नींव रखने का पूरा श्रेय लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को दिया और कहा कि यदि पटेल न होते तो हैदराबाद को अनेकों सालों तक मुत्ति नहीं मिलती।

आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत भारत सरकार के पर्यटन व संस्कृति मंत्रालय द्वारा मनाए जा रहे हैदराबाद मुत्ति दिवस स्वर्णोत्सव को सिकंदराबाद के परेड मैदान में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि भारत का बडा ऐतिहासिक हिस्सा आजादी की मुत्त हवा में सांस ले रहा है इसके लिए लौह पुरुष सरदार पटेल को अनेकों प्रणाम है। वो पटेल ही थे जिन्होंने निजाम व रजाकारों की सेना को पुलिस एक्शन से परास्त कर इस प्रदेश की जनता को स्वतंत्रता के साथ सांस लेने का अधिकार दिलाया। उन्होंने कहा कि सरदार ने ढेर सारी कठिर्नायों के बाद ऑपरेशन पोलो का निर्णय लिया था क्योंकि वे जानते थे जब तक निजाम व रजाकारों की सेना को परास्त नहीं करेंगे हैदराबाद स्टेट आजाद नहीं होगा तब तक अखंड भारत का स्वप्न पूरा नहीं हो पाएगा। उन्होंने कहा कि पटेल का मानना था कि भारत के मध्य में ही यदि इतना बडा हिस्सा खुद को स्वतंत्र मानकर अत्याचारी शासन करने लगेगा तो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का स्वतंत्र भारत का सपना कभी पूरा नहीं होगा। 

केसीआर पर हल्ला बोला

अमित शाह ने कहा कि आज भी जिन लोगों को 17 सितंबर के दिन को हैदराबाद मुत्ति दिवस बोलने में शर्म आती है उन लोगों से कहना चाहता हूं कि वे हजारों लोग जो निजाम के निरंकुश शासन से लड़कर शहीद हुए हैं जिनके बल पर आज आप सत्ता में बैठे हैं उन्हें यदि श्रद्धांजलि नहीं देंगे तो यह बलिदानियों के साथ द्रोह होगा। उन्होंने कहा कि आज भी हैदराबाद मुत्ति दिवस नाम लेने से कतराने वालों के जहन में डर बैठा हुआ है लेकिन वे डर को अपने दिलों दिमाग से उखाड़ फेंक दें अब रजाकार इस देश का निर्णय नहीं करने वाले हैं क्योंकि देश को आजाद हुए 75 साल हो चुके हैं। मुख्यमंत्री केसीआर सरकार पर परोक्ष हमला जारी रखते हुए शाह ने कहा कि महान तेलंगाना राज्य की स्थापना जिस उद्देश्य से की गई है उसे सत्ता में आते ही भुला दिया गया लेकिन जनता से इन लोगों को अवश्य याद रखे।  

निजाम के खिलाफ आंदोलन पर रीसर्च हो

शाह ने पुराने हैदराबाद के तीनों राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक व तेलंगाना के सभी विश्व विध्यालयों में आंदोलन के इतिहास पर शोध (रीसर्च) किए जाने पर जोर दिया और कहा कि रजाकारों के अत्याचारों के खिलाफ जो संघर्ष हुआ है उसका दस्तावेजीकरण (डॉक्युमेंटेशन) करके न केवल हैदराबाद के तीनों राज्यों बल्कि पूरे देश के कोने- कोने में इसे पहुंचाकर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाए जिससे देश की नई पीढी में देशभत्ति की भावना पुनर्जीवित होगी। उन्होंने कहा कि हैदराबाद मुत्ति दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य स्पष्ट है कि मुत्ति आंदोलन की कहानी को नई पीढी तक पहुंचाया जाए जिसके माध्यम से शहीदों को पुनिर्जीवित करके नई पीढी में देशभत्ति की लौ जलाई जाए। उन्होंने कहा कि रजाकारों ने अपना डर बनाए रखने के लिए कई कानून लाए थे तेलुगु, कन्नड व मराठी भाषा पर आक्रमण करके उर्दू भाषा को थोपा था। उर्दू माध्यम में ही पढाई करने का हुकुम दिया था। उन्होंने याद करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के परभणी जिले के गुडा गांव में एक कुंए में 300 लोगो को मिट्टी का तेल डालकर जिंदा जला दिया गया था, कर्नाटक के बीदर के घोटा गांव में महिलाओं का घोN अपमान किया गया वहीं तेलंगाना के गुंडराम पल्ली में नृशंस हत्याएं की गईं जिसे पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव ने दक्षिण का जलियांवाला बाग की संज्ञा दी थी। उन्होंने कहा कि इस निरंकुशता के खिलाफ हिन्दू महासभा, हिन्दू जागृति समिति व आर्य समाज ने आंदोलन छेडा जिसमें केशवराव कोरटकर, वामन राव नाईक जैसे महानुभावों ने लोकमान्य से प्रेरणा लेकर लडाई लडी थी। उन्होंने कहा कि तीनों राज्यों की जनता को कुचलने का प्रयास निजाम की रजाकार सेना ने किया था जिनके खिलाफ आंदोलन हुए अंततः सबकी विजय हुई। 

केंद्रीय गृह मंत्री ने पूर्व के निजाम शासित हैदराबाद के तीनों राज्यों की जनता को हैदराबाद मुत्ति दिवस की बधाई दी और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो परंपरा शुरू की है उस ऐतिहासिक हैदराबाद मुत्ति दिवस  को कोई मनाए या न मनाए भारत सरकार छाती फुलाकर पूरी धूमधाम के साथ हर बार मनाती रहेगी और स्वतंत्रता के लिए परण त्यागने वाले बलिदानियों को हमेशा याद किया जाता रहेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी बधाई देते हुए संतोष जताया और कहा कि प्रधानमंत्री ने कर्नाटक, महाराष्ट्र व तेलंगाना की जनता की भावना को समझते हुए संपूर्ण शासकीय आदेश के अंतर्गत मुत्ति दिवस मनाने का जो निर्णय लिया गया है उसके लिए साधूवाद है। 

शाह ने इतिहास दोहराया : किशन रेड्डी

केंद्रीय पर्यटन व संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि आजादी के 75 सालों से जिस दिन का इंतजार तेलंगाना की 4 करोड जनता वी 8 करोड आंखें कर रही थीं वह इंतजार खत्म हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुमति से इतना भव्य आयोजन किया गया इसके लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद है। उन्होंने दोहराया कि 17 सितंबर, 1948 के दिन निजाम के निरंकुश शासन से तेलंगाना को मुत्ति दिलाकर भारत के तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल ने हैदराबाद की भूमि पर तिरंगा फहराया था। अब फिर इतिहास दोहराते हुए आजादी के 75 वर्ष के अमृत काल में भारत सरकार की ओर से आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 17 सितंबर के दिन हैदराबाद की धरती पर तिरंगा फहराकर इतिहास दोहराया है।  तेलंगाना सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर तिरंगा फहराए जाने का उल्लेख करते हुए किशन रेड्डी ने कहा कि किस नाम से सरकार 17 सितंबर के दिन तिरंगा फहरा रही है यह मुख्य नहीं है बल्कि केंद्र सरकार की घोषणा के बाद जनता के दबाव में आकर सरकार नाम के वास्ते सही आधिकारिक तौर पर तिरंगा फहरा रही है यह जनता की विजय है। उन्होंने मजलिस पार्टी का नाम नहीं लेते हुए कहा कि रजाकारों की वारिस पार्टी ने भी रीढ की हड्डी को झुका लिया और तिरंगा हाथ में उठा लिया यह जनता विशेषकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को श्रेय जाता है। उन्होंने कहा कि रजाकारों ने हैदराबाद को स्वतंत्र रखना चाहा था इतना ही नहीं पाकिस्तान में जाने की इच्छा जाहिर कर जनता पर युद्ध छेड दिया था जिसके खिलाफ बैरानपल्ली, परकाला आदि कई गांवों में जनता ने जुल्मों के खिलाफ आंदोलन किया और जानें भी दीं। उन्होंने रामानंद तीर्थ, पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव,  नारायणराव पवार, वंदेमातरम रामचंदर राव, चाकली आयलम्मा, कोमरमभीम आदि बलिदानियों के नाम भी गिनाए और कहा कि इनके बलिदानों को आज फल मिला है इनकी आत्माओं को अवश्य आज शांति मिलेगी। उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत ए. नरेंद्र, पूर्व विधायक बद्दम बाल रेड्डी, पूर्व राज्यपाल वी. रामाराव, बंगारू लक्ष्मण  आदि के भी नाम लिए औN कहा कि कई आंदोलनकारियों द्वारा पिछले 25 सालों से हैदराबाद मुत्ति दिवस अधिकारिक तौर पर मनाने का जो सपना देखा जा रहा था वह आज सफल हुआ। 

कार्यक्रम को कर्नाटक के परिवहन व अनुसूचित जनजाति मंत्री श्रीरामुलू ने कन्नड भाषा में दिए अपने भाषण में निजाम के निरंकुश शासन के खिलाफ महाराष्ट्र, तेलंगाना व कर्नाटक में किए गए आंदोलनों का उल्लेख किया। परेड गरउंड में भारी संख्या में उपस्थित जनता में काफी उत्साह देखा गया। परेड में पैरा मिलिट्री फोर्स के अलावा नेश्नल कैडेट कोर (एनसीसी) के 75 छात्र व 75 छात्राओं ने हिस्सा लिया। इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नादस्वरम, बोनालू, बतुकम्मा, गुस्साडी, गोंड, बंजारा, कोया नृत्य के साथ ही मराठा ढोल, मर्फी बैंड आदि का अद्भुत प्रदर्शन किया गया। उन दृश्यों को अपने सेलफोन के कैमरे से कैद करने के लिए जनता उत्साहित दिखी। (विकास जगताप) 

 

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