हैदराबाद - वित्त मंत्री टी.हरीश राव ने केंद्र में भाजपा सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि एक ओर दिल्ली में तेलंगाना सरकार की योजनाओं की प्रशंसा करते हुए लगातार पुरस्कार दे रहे हैं, दूसरी तरफ राज्य के दौरे करने वाले केंद्रीय मंत्री तेलंगाना में कोई विकास नहीं होने तथा बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने के आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रति दो दिन में एक केंद्रीय मंत्री राज्य का दौरा कर तेलंगाना सरकार की आलोचना कर रहे हैं।
हरीश राव पंचायती राज मंत्री एर्राबेल्ली दयाकर राव के साथ मिलकर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्रियों के दोहरे रवैये पर खूब बरसे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने तेलंगाना सरकार के प्रतिष्ठात्मक मिशन भगीरथ की भूरी-भूरी प्रशंसा कर पुरस्कार की घोषणा की। कम से कम इससे केंद्रीय मंत्रियों को जमीनी स्तर का तथ्य समझ में आना चाहिए। उन्होंने दावे के साथ कहा कि तेलंगाना सरकार की कार्यशैली आज केंद्र सरकार के साथ-साथ कई राज्यों के लिए आदर्श साबित हो रही है। तेलंगाना सरकार की मिशन भगीरथ, मिशन काकतिया, रैतु बंधु जैसी कई योजनाओं को आदर्श मान कर देशभर में लागू किया गया। उन्होंने कहा कि पेयजल समस्या को स्थाई रूप से सुलझाने का श्रेय सीएम केसीआर को जाता है। पदयात्रा, साइकिल यात्रा...इस प्रकार विपक्ष के नेताओं के विभिन्न प्रकार के आंदोलन कार्यक्रम चल रहे हैं, लेकिन क्या कहीं पर भी वे पेयजल, बिजली आदि समस्याओं का उल्लेख कर सक रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि 70 वर्षों से देश में कोई सरकार पेयजल समस्या का हल नहीं कर पायी, लेकिन केसीआर ने इसे एक चुनौती की तरह लेकर हल किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मन की बात कार्यक्रम में इस योजना की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि शत प्रतिशत घरों को सुरक्षित पेयजल की आपूार्ति करने से आज कई प्रकार की बीमारियों का उन्मूलन संभव हो पाया है। फ्लोराइड समस्या को जड़ से खत्म कर दिया गया।
उन्होंने आगे कहा कि मात्र मिशन भगीरथ को ही नहीं बल्कि कई अन्य योजनाओं व कार्यक्रमों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार मिले। उन्होंने कहा कि एक ओर केंद्र सरकार तेलंगाना को कई पुरस्कार देने तथा दूसरी ओर केंद्रीय मंत्रियों द्वारा आलोचना किये जाने को तेलंगाना की जनता अच्छी तरह से देख रही है। अगर केंद्रीय मंत्री तेलंगाना की जनता की प्रशंसा प्राप्त करना चाह रहे हैं, तो राज्य को केंद्रीय निधियां देनी चाहिए, परंतु नीति आयोग ने मिशन काकतिया व मिशन भगीरथ को 24 हजार करोड़ रुपये देने की सिफारिश की, लेकिन आज तक 24 पैसे भी नहीं दिये गये। उन्होंने कहा कि अब तक तेलंगाना की चार योजनाओं की केंद्र सरकार ने नकल की। चौबीस घंटे बिजली मात्र तेलंगाना में है। किसान की मौत होने पर उनके परिवार को रैतु बीमा योजना द्वारा 5 लाख रुपये दिया जा रहा है। इसकी भी नकल कर देशभर में केंद्र सरकार इसे लागू करे। अवसर पर मंत्री एर्राबेल्ली दयाकर राव ने कहा कि योजनाओं की अमलावरी करने में और राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने में तेलंगाना अव्वल है। उन्होंने कहा कि विगत की परिस्थितियों से वर्तमान परिस्थितियों की तुलना कर विपक्ष के नेताओं को आत्ममंथन करना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से पुरस्कारों के साथ-साथ तेलंगाना को निधियां भी देने की मांग की।