मनोरंजन की विरासत गंडीपेट पार्क उद्घाटित

 Heritage of Recreation Gandipet Park inaugurated
हैदराबाद, नागरिक प्रशासन एवं शहरी विकास मंत्री के. तारक रामाराव ने कहा कि सरकार तालाबों के संरक्षण और उन्हें प्रदूषण से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। विशेष रूप से उस्मान सागर और कोतवालगुड़ा तालाब को 111 जीओ से खतरे की जो बातें की जा रही हैं, वह बेबुनियाद हैं। इससे इन दोनों तालाबों की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि फिरंगी नाले और बल्कापुर नाले पर किये गये अतिक्रमणों को तत्काल हटाया जाए।
केटीआर ने आज हैदराबाद में पारिवारिक मनोरंजन की विरासत समझे जाने वाले गंडीपेट (उस्मानसागर) में नवीनीकृत पार्क का उद्घाटन किया। उन्होंने अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए कहा कि वह भी पिकनिक मनाने के लिए यहाँ आये थे। लंबे अरसे तक हैदराबादियों के पिकनिक के लिए गंडीपेट लोकप्रिय स्थान रहा है। अब फिर से यहाँ बड़े पार्क की नवनिर्माण किया गया है। शीघ्र ही इस पार्क को और विस्तार दिया जाएगा। यहाँ 45 किलोमीटर का साइकिलिंग ट्रैक भी बनाया जाएगा, जिस पर अंतरराष्ट्रीय साइकिलिंग प्रतियोगिता का आयोजन होगा। उन्होंने कहा कि गंडीपेट से कुछ ही दूरी पर कोतवालगुड़ा में 100 एकड़ पर 85 करोड़ से एक बड़े पार्क का निर्माण किया जाएगा। मंत्री ने इस इको पार्क की आधारशिला रखी। उन्होंने आश्वासन दिया कि तालाबों को प्रदूषण से बचाने के लिए मल नालों की सुव्यवस्थित रूप से मोड़ा जाएगा।  

केटीआर ने कहा कि गंडीपेट के बारे में कहा जाता था किदो चार साल हैदराबाद में रहकर किसी ने अगर गंडीपेट का पानी पी लिया, तो वह हैदराबाद का ही होकर रह जाएगा। उन्होंने कहा कि हैदराबाद विश्व स्तर के शहर के रूप में विकसित हो रहा है। शहर में सड़कें, फ्लाईओवर, अंडरपास सहित कई प्रकार की परियोजनाओं का निर्माण किया जा रहा है। बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उपलब्ध होने के कारण यहाँ देश-विदेश के लोग आकर रहने लगे हैं। शहर में बड़े बड़े पार्कों के लिए जगह नहीं है। इसलिए सरकार शहर के सीमांत क्षेत्रों में बड़े पार्कों का निर्माण कर रही है। कोतलवालगुड़ा में अपनी तरह का देश का सबसे बड़ा एक्वेरियम एवं पक्षी उद्यान स्थापित किया जाएगा।  

केटीआर ने कहा कि उस्मान सागर और हिमायत सागर के आस पास बड़े पैमाने पर आबादी बस गयी है। यहाँ बड़ी बड़ी आवासीय परियोजनाओं का निर्माण किया गया है। हैदराबाद में पिछले वर्षों में वर्षाजल के बाढ़ की जो परिस्थिति बनी थी, वह नालों पर कब्ज़ों के कारण थी। इस बात को ध्यान में रखते हुए रंगारेड्डी जिला अधिकारियों को चाहिए कि वह शहर के नये इलाकों में नालों और सड़कों पर कब्ज़े की अनुमति न दें, बल्कि जो कब्जे किये गये हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि यदि अब लापरवाही बरतेंगे, तो भविष्य में इन क्षेत्रों की हालत भी हैदराबाद मुख्य शहर जैसी हो जाएगी। उन्होंने इस संबंध में स्थानीय विधायकों एवं जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वह कब्ज़े हटाने में अधिकारियों का सहयोग करें।  
 
अवसर पर स्थानीय विधायक प्रकाश गौड़, हम्डा आयुत्त एवं नागरिक प्रशासन तथा शहरी विकास विभाग के विशेष मुख्य सचिव अरविंद कुमार एवं अन्य उपस्थित थे।
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