हैदराबाद, नागरिक प्रशासन एवं शहरी विकास मंत्री के. तारक रामाराव ने कहा कि वृद्धिशील नवाचार राज्य की अर्थव्यवस्था के विकास की कुंजी है। राज्य की अर्थव्यवस्था अतिरिक्त चार प्रतिशत की वृद्धि के साथ तेलंगाना का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) चार से पांच सालों में लगभग 30 लाख करोड़ रुपये का आकड़ा तक पहुँच जाएगा। टी-हब ने कोहोर्ट स्टार्टअप्स द्वारा फंडिंग में लगभग 1.9 अरब डॉलर (करीब 15,400 करोड़ रुपये) जुटाए हैं।
शनिवार को यहां स्टार्टअप इनक्यूबेटर टी-हब के 7वें स्थापना दिवस समारोह को मंत्र्ाी केटीआर संबोधित कर रहे थे। अवसर पर उन्होंने कहा कि जीएसडीपी अब 11.55 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है। यह 2014 में लगभग 5.06 लाख करोड़ रुपये था और वर्तमान जीएसडीपी तक पहुंचने के लिए लगभग 11 प्रतिशत बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि राज्य की अर्थव्यवस्था चार प्रतिशत और बढ़ सकती है, तो जीएसडीपी चार से पांच वर्षों में 30 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी, जिसके लिए वृद्धिशील नवाचार महत्वपूर्ण है। गोवा ने पहले ही वहां एक समान सुविधा स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं और काम प्रगति पर है। आठ अन्य राज्यों ने भी अपने-अपने राज्यों में टी-हब जैसी सुविधा बनाने के लिए रुचि दिखाई है। टी-हब मेंटरशिप, धन, बाजार पहुंच, प्रेरणा, जनशक्ति, साझेदारी और नीति सलाहकार पर केंद्रित है। वर्तमान सुविधा 5,82,689 वर्ग फुट के कुल निर्मित क्षेत्र के साथ एक छत के नीचे 2,000 से अधिक स्टार्टअप का समर्थन कर सकती है, जिससे यह दुनिया का सबसे बड़ा नवाचार परिसर बन गया है। इसमें करीब 400 करोड़ रुपये का निवेश देखा गया है।
केटीआर ने आगे स्टार्टअप्स को राज्य सरकार के समर्थन को दोहराते हुए कहा कि तेलंगाना में स्टार्टअप्स से आने वाले उत्पादों और सेवाओं के लिए सरकार पहली ग्राहक होगी। बेहतर अवधारणा के प्रमाण के साथ सरकार के पास पहुंचें। उन्हें टी-हब में आकर खुशी हो रही है। उन्हें इसकी सफलता पर बहुत गर्व है। यह बिल्कुल अपने बच्चे को बढ़ते हुए देखने जैसा है। जून 2014 में राज्य के गठन के तुरंत बाद, विभिन्न हितधारकों के साथ कई बैठकें आयोजित की गईं, ताकि यह समझा जा सके कि हैदराबाद का उल्लेख उसी तर्ज पर क्यों नहीं किया गया जैसा कि स्टार्टअप्स के लिए बेंगलुरु के रूप में किया गया था। सरकार उस विशेष गुण और प्रतिभा को लाना चाहती थी, जो स्टार्टअप इकोसिस्टम में गायब था। सरकार ने इसे आईआईआईटी हैदराबाद में स्थापित करने का फैसला किया, क्योंकि यहाँ भवन तैयार था। सरकार ने गंभीर होकर कार्य को अंजाम दिया और सुविधा तैयार की गई। यहाँ एक टीम बनाई है जिसमें सरकारी अधिकारी, उद्योग और अकादमिक पेशेवर शामिल हैं।
तेलंगाना सरकार में आईटी विभाग के प्रधान सचिव जयेश रंजन ने कहा कि भारत में एक अधिक समृद्ध और न्यायसंगत अर्थव्यवस्था बनाने के लिए यहाँ के उद्यमी समुदाय को तेजी से बढ़ने और अधिक रोजगार सृजित करने के लिए सभी सशक्तिकरण की आवश्यकता होगी। तेलंगाना राज्य में टी-हब इस बात का उदाहरण साबित हुआ है कि भारत वैश्विक स्तर के स्टार्टअप इनोवेशन और इनक्यूबेशन हब के खेल में कैसे और क्यों मजबूत रह सकता है। टी-हब के सीईओ एम श्रीनिवास राव ने कहा यह एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देता है। यहाँ के इनोवेशन इकोसिस्टम ने अनुभवी दिग्गजों का नेटवर्क, फंडिंग के रास्ते, बाजार तक पहुंच और नेटवर्किंग के अवसर प्रदान करते हुए संस्थापकों को उद्यमशीलता की चुनौतियों से उबरने में मदद की है। टी-हब भारत की बढ़ती उद्यमिता संस्कृति का समर्थन करना जारी रखेगा।
अवसर पर मेंटर्स एंड प्रोग्राम्स-रिलीज ऑफ द मेंटर एंड मेंटी पुस्तक का विमोचन किया गया। इस पुस्तक में टी-हब के स्टार्टअप और क्षमता-निर्माण कार्यक्रमों के माध्यम से पिछले एक साल में मेंटर्स द्वारा किए गए प्रभाव और हस्तक्षेप का उल्लेख किया गया है। इसके अलावा टी-हब की नई वेबसाइट लांच की गई और रेडबेरी साझेदारी के बारे में सूचित किया गया। इस दौरान टी-हब ने कनेक्टिंग द डॉट्स: द टी-हब वे' पर पैनल चर्चा का आयोजन किया, जिसका संचालन श्रीनिवास कोलीपारा, अनु आचार्य और सुधीर बंडारू द्वारा पैनलिस्ट के रूप में किया गया। इंडियन सिलिकॉन वैली कैपिटल वेंचर ऑपरेशंस एंड एंजेललिस्ट इंडिया के संस्थापक जीवराज सिंह सच्चर और पिकर टेक्नोलॉजिस प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ और सह-संस्थापक गौरव मंगला के नेतृत्व में एक धुरी पर -समय से आगे कैसे रहें? चुनौतीपूर्ण समय को संभालना पर चर्चा की गई। नेफ्रोप्लस के संस्थापक व सीईओ विक्रम वुप्पला ने सफलता का रोडमैप पर अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम ने जर्नी फ्रॉम सीड टू सीरीज़ ए शीर्षक से एक और दिलचस्प पैनल चर्चा की मेजबानी की गई, जिसका संचालन डॉ श्रीकांत सुंदरराजन और सतीश आंद्रा, पवन कुमार चंदना और संदीप बोम्मिरेड्डी द्वारा पैनलिस्ट के रूप में किया गया। कार्यक्रम का समापन एक पुरस्कार प्रदान करने के साथ हुआ, जिसमें देश भर के नवोन्मेषकों को सम्मानित किया गया।
स्थापना दिवस से पहले, टी-हब ने अकादमिक और स्टार्टअप के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष तरह का इंटर्नशिप मेला आयोजित किया। परिणामस्वरूप लगभग 90 प्रतिशत से अधिक स्टार्टअप ने 350 से अधिक नौकरी के आवेदन के साथ पंजीकृत किया और 50 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों के लगभग 2000 से अधिक छात्रों ने मेले में भाग लिया। इसके माध्यम से, टी-हब ने उद्यमिता में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए स्टार्टअप्स से जुड़ना और इंटर्नशिप के अवसरों की तलाश करने में मदद की।