सीबीअाई के अनुरोध पर इंटरपोल का कदम | निशाल मोदी और सुभाष परब की अावाजाही मुश्किल
नई दिल्ली, 2 जुलाई-(भाषा) इंटरपोल ने दो अरब डॉलर के पीएनबी घोटाले की जाँच कर रही सीबीअाई के अनुरोध पर भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी, उसके भाई निशाल मोदी और उसके कर्मचारी सुभाष परब के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। सूत्रों ने बताया कि यह नोटिस 29 जून को जारी किया गया था, लेकिन इंटरनेशनल पुलिस कॉर्पोरेशन एजेंसी ने इसे अाज सार्वजनिक किया है। उनके मुताबिक इससे नीरव मोदी की सीमा पार सुगम अावाजाही अब मुश्किल हो जाएगी और हो सकता है कि इसी के रास्ते उसे गिरफ्तार भी कर लिया जाए। इंटरपोल ने यह रेड कॉर्नर नोटिस (अारसीएन) मुंबई की विशेष अदालत में दाखिल सीबीअाई के अारोप-पत्र और वहाँ के विशेष न्यायाधीश जे. सी. जगदाले द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के अाधार पर जारी किया है।
अारसीएन में इंटरपोल ने अपने 192 सदस्य देशों से कहा है कि अगर भगोड़ा व्यक्ति उनके देश में देखा जाता है तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाए या हिरासत में ले लिया जाए। इसके बाद उसके प्रत्यर्पण या निर्वासन की प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी। देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले के सामने अाने से कई हफ्ते पहले, जनवरी के पहले सप्ताह में नीरव मोदी ने अपनी पत्नी अमी मोदी जो अमेरिकी नागरिक हैं, भाई निशाल मोदी जो बेल्जियम का नागरिक है और मामा मेहुल चोकसी के साथ देश छोड़ दिया था। इन सभी के नाम अारोपियों के रूप में सीबीअाई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में हैं। कथित भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के मामले में सीबीअाई ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के अलावा निशाल और परब के नाम अारोप-पत्र में शामिल किए हैं।
नीरव और उसके मामा मेहुल चोकसी ने कारोबार और सेहत संबंधी कारणों और अन्य वजहों का हवाला देते हुए जाँच में शामिल होने के लिए भारत लौटने से इनकार कर दिया। अारसीएन में इंटरपोल ने नीरव के सभी पाँच पासपोर्ट की विस्तृत जानकारी दी है। ये पासपोर्ट उसे मई, 2008 से मई, 2017 के बीच जारी किए गए थे। इसमें यह जानकारी भी है कि भारत सरकार ने ये पासपोर्ट रद्द कर दिए हैं फिर भी वह इनके अाधार पर यात्रा करने में सफल रहा है।
सीबीअाई ने इंटरपोल को नीरव मोदी के पाँच पते भी दिए हैं, जो न्यूयॉर्क के मेनहट्टन, ईस्ट चेस्टर और सेंट्रल के हैं तथा एक पता दुबई के अल बायान का है।
सूत्रों के मुताबिक, यह जानकारी भी दी गई है कि उसके हांगकांग, यूनाइटेड किंगडम, बेलारूस, ब्रुसेल्स, न्यूयॉर्क, यूएई तथा अन्य स्थानों पर जाने की संभावना है। सीबीअाई ने 15 फरवरी को इंटरपोल के जरिए जारी डिफ्यूजन नोटिस के जरिए नीरव मोदी का पता लगाने का प्रयास किया था, लेकिन इससे भी खास सफलता नहीं मिली, क्योंकि सीबीअाई के अनुरोध का जवाब केवल ब्रिटेन ने ही दिया। सीबीअाई ने बताया था कि 24 फरवरी को इंटरपोल के सेंट्रल डेटाबेस में यह जानकारी प्रसारित की गई थी कि भारत सरकार नीरव का पासपोर्ट रद्द कर रही है उसके बावजूद वह कई देशों की यात्रा करता रहा। सीबीअाई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा था, `विदेश मंत्रालय ने उसका पासपोर्ट रद्द कर दिया था, जिसके बाद हमने यह जानकारी डिफ्यूजन नोटिस में जोड़ दी।
नीरव मोदी का पासपोर्ट रद्द करने की जानकारी 24 फरवरी को इंटरपोल के सेंट्रल डेटाबेस को भी भेज दी गई, यह डेटाबेस सभी सदस्य देशों के पास उपलब्ध होता है।' उन्होंने बताया कि सीबीअाई के अनुरोध पर इंटरपोल द्वारा डिफ्यूजन नोटिस जारी किये जाने के बाद एजेंसी ने उन छह देशों से संपर्क साधा जहाँ नीरव के जाने की अाशंका थी। एजेंसी ने इन देशों से नीरव के बारे में जानकारी देने का अनुरोध किया। एजेंसी ने 25 अप्रैल, 22 मई, 24 मई और 28 मई को यूनाइटेड किंगडम की इंटरपोल कॉर्डिनेशन एजेंसी को ये रिमाइंडर भेजे। इसी तरह के रिमाइंडर अमेरिका, सिंगापुर, बेल्जियम, यूएई और फ्रांस की एजेंसियों को भी भेजे गए।