हैदराबाद, आरबीआई के पूर्व गवर्नर डॉ. दुव्वुरी सुब्बा राव ने कहा कि सफलता के लिए सिविल सेवकों का मजबूत चरित्र और प्रभावी व्यक्तित्व होना जरूरी है।
डॉ. दुव्वुरी सुब्बा राव आज डॉ. एमसीआर एचआरडी संस्थान में फाउंडेशन पाठयक्रम में भाग लेने वाले प्रशिक्षु सिविल सेवकों को संबोधित कर रहे थे। पाठयक्रम का विषय `नेतृत्व का सबक मैंने कठिन तरीके से सीखा' पर आधारित रहा। उन्होंने अखिल भारतीय सेवाओं, केंद्रीय सिविल सेवाओं और सैन्य अभियंता सेवा अधिकारियों से सफलता के मंत्र साझा किए। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक पदानुक्रम के विभिन्न स्तरों पर सिविल सेवकों को लोगों से काम करवाने के लिए प्रभावी नेतृत्व प्रदान करने की आवश्यकता होती है।
हालाँकि सफल नेता बनने के लिए उन्होंने सिविल सेवकों से माँग करने के बजाय अपनी टीम के सदस्यों से विश्वसनीयता अर्जित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सिविल सेवकों की ओर से महान नेताओं के रूप में उभरने के लिए मजबूत चरित्र और स्वस्थ व्यक्तित्व का निर्माण सोच विचार कर किया गया प्रयास है, जो उचित कदम है। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से आह्वान किया कि जो भी काम उन्हें सौंपे जाते हैं, उन्हें उनकी पसंद और नापसंद के बावजूद जुनून के साथ सीखना चाहिए। हर काम चुनौतीपूर्ण होता है और अधिकारियों को अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देना चाहिए। उन्होंने प्रशिक्षु सिविल सेवकों को सलाह दी कि वह अपने कान खुले रखें। विभिन्न हितधारकों के अलावा सिविल सेवकों को समाज के गरीब वर्गों के साथ बातचीत करनी चाहिए, ताकि विभिन्न मुद्दों को बेहतर तरीके से समझा जा सके। राजनेताओं के दृष्टिकोण को खुले दिमाग से सुनना एक अच्छा अभ्यास है और अधिकारियों को इस कला को सीखना और सिद्ध करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक नीति में कोई श्वेत-श्याम नहीं है। समकालीन समाज में सिविल सेवकों द्वारा सामना की जा रही समस्याएँ अत्यधिक जटिल हैं। उनके लिए कोई त्वरित समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि केवल वही अधिकारी अपने कैरियर में सफल होंगे, जो इन समस्याओं के मूल कारण को समझने, उनका स्थायी समाधान खोजने और लगातार सीखने के इच्छुक हैं। उन्होंने प्रशिक्षुओं को अपने समय का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने की सलाह दी, ताकि वह सभी महत्वपूर्ण कार्यों के साथ पूर्ण न्याय कर सकें। अवसर पर डॉ. एमसीआर एचआरडी संस्थान के डीजी बेन्हुर महेश दत्त एक्का ने डॉ. सुब्बा राव को स्मृति चिÚ भेंट किए। सैन्य अभियंता सेवा अधिकारी कमल पासी ने अतिथि अध्यक्ष का परिचय दिया।
हालाँकि सफल नेता बनने के लिए उन्होंने सिविल सेवकों से माँग करने के बजाय अपनी टीम के सदस्यों से विश्वसनीयता अर्जित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सिविल सेवकों की ओर से महान नेताओं के रूप में उभरने के लिए मजबूत चरित्र और स्वस्थ व्यक्तित्व का निर्माण सोच विचार कर किया गया प्रयास है, जो उचित कदम है। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से आह्वान किया कि जो भी काम उन्हें सौंपे जाते हैं, उन्हें उनकी पसंद और नापसंद के बावजूद जुनून के साथ सीखना चाहिए। हर काम चुनौतीपूर्ण होता है और अधिकारियों को अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देना चाहिए। उन्होंने प्रशिक्षु सिविल सेवकों को सलाह दी कि वह अपने कान खुले रखें। विभिन्न हितधारकों के अलावा सिविल सेवकों को समाज के गरीब वर्गों के साथ बातचीत करनी चाहिए, ताकि विभिन्न मुद्दों को बेहतर तरीके से समझा जा सके। राजनेताओं के दृष्टिकोण को खुले दिमाग से सुनना एक अच्छा अभ्यास है और अधिकारियों को इस कला को सीखना और सिद्ध करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक नीति में कोई श्वेत-श्याम नहीं है। समकालीन समाज में सिविल सेवकों द्वारा सामना की जा रही समस्याएँ अत्यधिक जटिल हैं। उनके लिए कोई त्वरित समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि केवल वही अधिकारी अपने कैरियर में सफल होंगे, जो इन समस्याओं के मूल कारण को समझने, उनका स्थायी समाधान खोजने और लगातार सीखने के इच्छुक हैं। उन्होंने प्रशिक्षुओं को अपने समय का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने की सलाह दी, ताकि वह सभी महत्वपूर्ण कार्यों के साथ पूर्ण न्याय कर सकें। अवसर पर डॉ. एमसीआर एचआरडी संस्थान के डीजी बेन्हुर महेश दत्त एक्का ने डॉ. सुब्बा राव को स्मृति चिÚ भेंट किए। सैन्य अभियंता सेवा अधिकारी कमल पासी ने अतिथि अध्यक्ष का परिचय दिया।