हैदराबाद-मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि संसदीय पद्धति को आंदोलन पद्धति से समन्वय करके संघर्ष करने पर ही देश की कृषि और किसान समस्याओं को हल करना संभव है। उन्होंने बताया कि पृथक तेलंगाना हासिल करने के लिए इसी पद्धति को अपनाया गया था। उन्होंने किसान विरोधियों से भी जय किसान नारे लगवाने के लिए देशभर के किसान नेताअों को एकजुट होकर शपथ लेने की आवश्यकता जताई।
केसर की अध्यक्षता में रविवार को भी प्रगति भवन में राष्ट्रीय किसानों की बैठक जारी रही। राष्ट्रीय स्तर पर किसान एकता मंच का गठन करने से संबंधित पिछले दिन के प्रस्ताव पर गहन चर्चा हुई और दिशा-निर्देश तय करने के लिए शीघ्र ही एक और बैठक का आयोजन करने का निर्णय लिया गया। बैठक के दौरान केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों से कृषि क्षेत्र को हो रहे नुकसान और वर्तमान समस्याओं के समाधान को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। देश के आजाद होने के बाद से लेकर आज तक हुए किसान आंदोलन पर भी बैठक में चर्चा हुई। बैठक में भाग लेने वाले किसान नेताओं ने केसीआर से देशभर में कृषकों को संगठित करने के लिए रणनीति तैयार करने की अपील की।
केसीअार ने कहा कि खेती देश की जनता की जीवनी है और कृषि को देश से कोई अलग नहीं कर सकता है। किसानों में अपार शक्ति छिपी है और उसे बाहर लाने की जरूरत है। कटिबद्धता से संघर्ष करने पर कोई असंभव नहीं होने की बात पृथक तेलंगाना आंदोलन ने साबित कर दिया। संसदीय पद्धति और आंदोलन पद्धति को समन्वय करने से ही यह सफलता हासिल हुई। इस कारण किसान समस्याओं का समाधान करने के लिए शांतिपूर्ण ढंग से संसदीय पद्धति में आंदोलन करना होगा। कृषि क्षेत्र की समस्याओं को सुलझाने के लिए किसान नेताओं को भी बड़े पैमाने पर राजनीति में आना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान समस्याओं का समाधान करने के लिए जहां पर आंदोलन की जरूरत है, वहाँ पर अांदोलन ही करेंगे और वहां पर राजनीति की जरूरत है, वहाँ पर राजनीति ही करेंगे।
बैठक में पंजाब, उत्तर प्रदेश, केरल, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के किसान नेताओं ने कहा कि वह अाज तक किसान समस्याओं का समाधान के लिए मात्र आंदोलन करना ही एकमात्र विकल्प समझ कर राजनीति के प्रति ध्यान नहीं दिये। अब से केसीआर द्वारा दिखाये गये मार्ग पर ही वे आगे बढेंगे। देशभर में किसान समस्याओं के समाधान के लिए वोट का सदुपयोग करेंगे। इसके अलावा बैठक में कृषि क्षेत्र को कमजोर करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर हो रहे साजिशों पर पलटवार करने का प्रस्ताव पारित किया गया। उन्होंने केसीआर से देश के किसान हितों की रक्षा करने अागे अाने का आग्रह किया। बैठक के समापन के समय केसीआर ने राष्ट्रीय किसान संघों के नेताओं का सम्मान किया। (डीवी भीमाशंकर)
केसर की अध्यक्षता में रविवार को भी प्रगति भवन में राष्ट्रीय किसानों की बैठक जारी रही। राष्ट्रीय स्तर पर किसान एकता मंच का गठन करने से संबंधित पिछले दिन के प्रस्ताव पर गहन चर्चा हुई और दिशा-निर्देश तय करने के लिए शीघ्र ही एक और बैठक का आयोजन करने का निर्णय लिया गया। बैठक के दौरान केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों से कृषि क्षेत्र को हो रहे नुकसान और वर्तमान समस्याओं के समाधान को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। देश के आजाद होने के बाद से लेकर आज तक हुए किसान आंदोलन पर भी बैठक में चर्चा हुई। बैठक में भाग लेने वाले किसान नेताओं ने केसीआर से देशभर में कृषकों को संगठित करने के लिए रणनीति तैयार करने की अपील की।
केसीअार ने कहा कि खेती देश की जनता की जीवनी है और कृषि को देश से कोई अलग नहीं कर सकता है। किसानों में अपार शक्ति छिपी है और उसे बाहर लाने की जरूरत है। कटिबद्धता से संघर्ष करने पर कोई असंभव नहीं होने की बात पृथक तेलंगाना आंदोलन ने साबित कर दिया। संसदीय पद्धति और आंदोलन पद्धति को समन्वय करने से ही यह सफलता हासिल हुई। इस कारण किसान समस्याओं का समाधान करने के लिए शांतिपूर्ण ढंग से संसदीय पद्धति में आंदोलन करना होगा। कृषि क्षेत्र की समस्याओं को सुलझाने के लिए किसान नेताओं को भी बड़े पैमाने पर राजनीति में आना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान समस्याओं का समाधान करने के लिए जहां पर आंदोलन की जरूरत है, वहाँ पर अांदोलन ही करेंगे और वहां पर राजनीति की जरूरत है, वहाँ पर राजनीति ही करेंगे।
बैठक में पंजाब, उत्तर प्रदेश, केरल, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के किसान नेताओं ने कहा कि वह अाज तक किसान समस्याओं का समाधान के लिए मात्र आंदोलन करना ही एकमात्र विकल्प समझ कर राजनीति के प्रति ध्यान नहीं दिये। अब से केसीआर द्वारा दिखाये गये मार्ग पर ही वे आगे बढेंगे। देशभर में किसान समस्याओं के समाधान के लिए वोट का सदुपयोग करेंगे। इसके अलावा बैठक में कृषि क्षेत्र को कमजोर करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर हो रहे साजिशों पर पलटवार करने का प्रस्ताव पारित किया गया। उन्होंने केसीआर से देश के किसान हितों की रक्षा करने अागे अाने का आग्रह किया। बैठक के समापन के समय केसीआर ने राष्ट्रीय किसान संघों के नेताओं का सम्मान किया। (डीवी भीमाशंकर)