प्रभु की भक्ति के लिए भाव को शुद्ध रखें- देवेन्द्र प्रभाजी

 Keep the spirit pure for the devotion of God - Devendra Prabhaji
हैदराबाद,भगवान की भक्ति का मोती पाना है तो हृदय के आंतरिक शुद्ध भावों से भक्ति साधना करो।  

उक्त उद्गार अवंती नगर स्थित शील चंदन स्वाध्याय भवन में साध्वीजी चंदनबाला जी म.सा. आदि ठाणा-4 के सानिध्य में आयोजित प्रवचन सभा में साध्वी देवेन्द्रप्रभाजी ने दिये। साध्वीजी ने कहा कि मनुष्य के जीवन में सद्गति, संपत्ति और सन्मति का अत्यधिक महत्व है। अगर आपको ज्यादा संपत्ति मिली है तो उसे विवाह शादी या लोग शौक में ज्यादा खर्च करने के बजाए जरूरतमंद साधार्मिक भाई की सहायता में लगाएँ। अपनी संतानों को सुसंस्कार देकर उन्हें सन्ततिवान बनाओ। पूट व कलह से घर, गांव व देश तरक्की नहीं कर सकते हैं। परिवार को प्रेम व आपसी सूझबूझ ही नामचीन व अच्छा खानदानी बनाते हैं। 36 के आंकड़े की जगह 63 का आंकड़ा भाईचारा का प्रतीक होता है उससे सीख लो।

साध्वीजी धर्मज्योतिजी म.सा. ने कहा कि हमारी जुबान साढ़े तीन इंच की होती है परंतु कई अनर्थ देती है। महिलाएं अक्सर ज्यादा बातें करती है जिससे कभी-कभी परिवार में विवाद हो जाते हैं। सत्य बोलकर हमें मित्त भाषी व मीठी भाषा बोलनी चाहिए। मौन रहने से क्रोध को शांत किया जा सकता है। हमारी कथनी, करनी एक समान होनी चाहिए। हमें वाणी के पुण्य गिनती के मिले हैं उन्हें विकथा और निंदा में नष्ट मत करो। वाणी की शक्ति खत्म हो गई तो हमारी हालत कैसे हो जाएगी इस बात का चिंतन करो।

प्रचार संयोजक जसराज देवड़ा धोका ने बताया कि अाज श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ वाटी (मेवाड़) से व वल्लभनगर से व चिंदूर से श्रावक श्राविकाएं, जालोर से हेमंत पारख, औरंगाबाद से देवेन्द्रप्रभाजी की संसारी भाणेजी कुसुम-ऋषभ-संजय मोदी व हुबली से शांतिलाल सुराणा अादि साध्वी वृंद के दर्शन वंदन हेतु पधारे। वाटी संघ ने आगामी चातुर्मास हेतु विनती की। विद्यासागर मेहता, गीता बंबोली, मोहनलाल रांका, रूपलाल बंबोली आदि ने शिक्षाप्रद स्तवन सुनाये। मंच का संचालन आशीष भंसाली ने करते हुए बताया कि रविवार 11 सितंबर को प्रवचन में सामूहिक पैंसठिया जाप होंगे और संपूर्ण चातुर्मास लाभार्थी परिवार की ओर से गौतम प्रसादी होगी। प्रश्नोत्तर पर प्रतिदिन इनाम दिये जा रहे हैं।
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