दर्शन, ज्ञान और चरित्र का मेल है जीवन : डॉ. प्रतिभाजी

हैदराबाद, धन गंवाया तो वापस कमा सकते हैं, स्वास्थ्य खराब हुआ उपचार किया जा सकता है, लेकिन चरित्र चला गया तो सब कुछ खो बैठते हैं। जीवन में चरित्र का बहुत महत्व है।'
उक्त उग्दार सिकंदराबाद स्थित श्री वर्धमान स्थानक जैन श्रावक संघ मारुति विधि में जारी प्रवचन सभा में आज डॉ. प्रतिभाजी म.सा. ने व्यक्त किए। मंत्री सुरेंद्र कटारिया द्वारा आज यहाँ जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, म.सा. ने कहा कि मन में भाव आना दर्शन, उसे पूरा करने के बारे में विचार करना ज्ञान और क्रियान्वित करना चरित्र कहलाता है। हमारा जीवन दर्शन, ज्ञान और चरित्र का मिश्रण है। चारित्रिक जीवन के आगे हर किसी को झुकना पड़ता है। वेशभूषा के अंदर एक पहचान होती है। ज्ञान और चरित्र का मेल साधु वेश है। साधु का पता बदल सकता है, लेकिन उसकी वेशभूषा एकसमान रहती है। उनके पास वेशभूषा बदलने का कोई चयन नहीं होता है। संयम जीवन के लिए मन में भाव आता है, लेकिन सिर्फ भाव आने से कुछ नहीं होता, बल्कि क्रियान्वित भी करना पड़ता है।

अनुज्ञाजी म.सा. ने ओली पद के 8वें दिन ज्ञान का महत्व और आत्मा के कल्याण पर प्रकाश डाला। अध्यक्ष अशोक शेरमल बोहरा की अध्यक्षता में सभा का आयोजन किया गया। मंच का संचालन महामंत्री शांतिलाल बोहरा ने किया। आज के नवकार जाप का लाभ गौतमराज राजेश श्लोक बलाई परिवार और एक अन्य परिवार ने लिया। प्रतिभा बहू मंडल द्वारा आज दिवाली विशेष मिठाई कार्यशाला का आयोजन किया गया। नवपद ओली के 8वें दिन आयंबिल करने वाले तपस्वियों की सुख साता संघ की ओर से पूछी गई।
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