यौन उत्पीड़न आरोपी लिंगायत मठ के महंत शिवमूार्ति मुरुघा शरणारु गिरफ्तार

बेंगलुरू, 1 सितंबर-नाबालिग लड़कियों से जुड़े यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी लिंगायत मठ के महंत शिवमूार्ति मुरुघा शरणारु को कर्नाटक पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इस मामले में लिंगायत संत शिवमूार्ति मुरुघा शरणारु के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया था।

शरणारु की गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले गुरुवार को कर्नाटक पुलिस ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था। शिवमूार्ति मुरुघा शरणारु कर्नाटक के चित्रदुर्ग में लिंगायत मठ के प्रमुख महंत हैं। महंत की गिरफ्तारी की मांग की लेकर राज्य में विरोध प्रदर्शन भी हो रहे थे, जिसके बाद पुलिस और राज्य सरकार पर दबाव और बढ़ गया था। चुनावी राज्य में राजनीतिक दल शिवमूार्ति मुरुगा शरणारू के खिलाफ आरोपों पर फूंक-फूंककर कदम उठा रहे हैं। चित्रदुर्ग की एक स्थानीय अदालत ने गुरुवार को मठ के प्रमुख महंत शिवमूार्ति मुरुगा शरणारु की अग्रिम  
जमानत याचिका की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी है।

अधिवत्ताओं के एक समूह ने कर्नाटक हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखकर दावा किया है कि नाबालिग लड़कियों के कथित यौन शोषण मामले में चित्रदुर्ग स्थित मुरुगा मठ के शिवमूार्ति मुरुगा स्वामी के खिलाफ जांच निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से नहीं की जा रही है। मठ के प्रशासनिक अधिकारी एस. के. बसवराजन ने गुरुवार को कहा कि वह महंत शिवमूार्ति मुरुगा शरणारु के खिलाफ किसी साजिश में शामिल नहीं हैं और उन्होंने बच्चों की रक्षा करने की कोशिश कर अपना कर्तव्य निभाया है। मठ के अधिकारियों ने पूर्व विधायक बसवराजन और उनकी पत्नी पर महंत के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था। राज्य के सीएम बसवराजन बोम्मई ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि आने वाले दिनों में सभी को सब कुछ पता चल जाएगा और अगर बच्चे सही हैं, तो उन्हें न्याय मिलेगा।

महंत ने सोमवार को अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दायर की थी, लेकिन उनके खिलाफ मंगलवार को एससी-एसटी एक्ट के तहत अतिरित्त आरोप भी जोड़े गए, क्योंकि दो पीड़ितों में से एक अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय की है। अदालत ने पहले पॉक्सो अधिनियम के तहत जमानत याचिका पर आपत्तियों को लेकर बाल संरक्षण इकाई को नोटिस जारी किया था। अब एससी-एसटी एक्ट के तहत अतिरित्त आरोप शामिल किए जाने की पृष्ठभूमि में जमानत याचिका पर अब पुलिस (अभियोजन) की आपत्तियां भी जरूरी हो गई हैं। पुलिस ने अपनी आपत्तियां दर्ज कराने के लिए कल का समय मांगा है। इसके बाद ही अदालत अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी। चित्रदुर्ग पुलिस ने इस सप्ताह की शुरुआत में सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराने के लिए दो पीड़िताओं को पेश किया था।
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