हैदराबाद, तेलंगाना उच्च न्यायालय की न्यायाधीश जी. राधा रानी ने बंजारा हिल्स पुलिस थाने से संबंधित विवाहिता तल्लुरी हेमलता की संदेहास्पद स्थिति में मौत के मामले की पुनः जाँच करने के नगर पुलिस आयुक्त को आदेश दिए। गौरतलब है कि एमएलए कॉलोनी, बंजारा हिल्स निवासी यासा प्रभाकर रेड्डी की पत्नी तल्लूरी हेमलता 25 जून, 2014 के दौरान संदेहास्पद स्थिति में अपने फ्लैट में मृत पाई गई थी।
इस मामले को लेकर मृतक तल्लूरी हेमलता के भाई चेन्नई निवासी तल्लूरी गणेश ने वर्ष 2017 के दौरान बंजारा हिल्स पुलिस के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रविन्दर शर्मा ने आज सुनवाई के दौरान दलील देते हुए बताया कि यासा प्रभाकर के उसके सहकर्मी कसांद्रा मेंडोनिका के साथ अवैध संबंध थे। दोनों के अवैध संबंध के बीच हेमलता बाधक बन रही थी, जिस कारण सोची-समझी साजिश के तहत दोनों ने हेमलता की हत्या कर दी और इस घटना को आत्महत्या का रूप दे दिया। रविन्दर शर्मा ने आरोप लगाया कि इस मामले पर बंजारा हिल्स पुलिस ने भी आरोपी के साथ मिलकर जान-बूझकर अदालत में काफी कमजोर आरोप-पत्र दायर किया। आरोप-पत्र में बताया गया कि हेमलता ने आत्महत्या कर ली। इस घटना के दौरान हेमलता के फ्लैट का मुख्य दरवाजा बाहर से बंद और उस पर ताला लगा था। घटना के समय हेमलता का बेटा स्कूल गया। हेमलता ने अपने पति प्रभाकर को फोन पर व्हॉट्सऐप मैसेज भेजकर लड़के के स्कूल से आने से पहले फ्लैट के मुख्य दरवाजे पर लगाए गए ताले को खोलने के लिए कहा था।
पुलिस ने हेमलता के पुत्र द्वारा दिए गए बयान पर भी ध्यान नहीं दिया, जबकि उसने बताया था कि उसके पिता के पास ताले की दूसरी चाभी थी और उसे ताला तोड़ने के लिए चाभी वाले को बुलाने की आवश्यकता नहीं थी। वहीं फ्लैट की नौकरानी ने अपने बयान में यह स्पष्ट कह दिया कि फ्लैट के काम के लिए उसके आने पर प्रभाकर ने यह कहकर रोक दिया कि हेमलता का स्वास्थ्य ठीक नहीं है और वह कमरे में सो रही है। अपार्टमेंट के वॉचमैन ने भी अपने बयान में कहा कि उसने हेमलता को फ्लैट से बाहर आते नहीं देखा। पुलिस ने यासा प्रभाकर और उसकी प्रेमिका के सेलफोन कॉल डाटा की भी जाँच-पड़ताल नहीं की। जाँच करने पर मामले के संबंध में और बहुत कुछ खुलासे हो सकते थे। हेमलता के आत्महत्या करने की पुष्टि के संबंध में जो सुसाइड नोट पेश किया गया, उसकी हैण्ड राइटिंग जाँच-पड़ताल करने पर प्रभाकर की हैण्ड राइटिंग से मेल खा रही है। रविन्दर शर्मा ने तर्क दिया कि इन सभी तथ्यों से यह स्पष्ट हो रहा है कि बंजारा हिल्स पुलिस ने आरोपी प्रभाकर के साथ मिलकर जान-बूझकर इस मामले के संबंध में कमजोर आरोप-पत्र पेश किया और मामले की सही छानबीन नहीं की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश राधा रानी ने मामले के संबंध में बंजारा हिल्स पुलिस द्वारा पेश किए गए आरोप-पत्र को रद्द कर दिया और इस पूरे मामले की पुनः जाँच करवाने के नगर पुलिस आयुक्त को आदेश दिए।