नई दिल्ली, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को कहा कि 25 अवÌतूबर से राष्ट्रीय राजधानी के पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण नियंत्रण जाँच (पीयूसी) प्रमाण-पत्र के बिना पेट्रोल और डीजल उपलब्ध नहीं कराया जाएगा। राय ने कहा कि पर्यावरण, परिवहन और यातायात विभाग के अधिकारियों की एक बैठक 29 सितंबर को बुलाई गई थी, जिसमें इस योजना को लागू करने के तौर-तरीके पर चर्चा की गई। राय ने यहाँ एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के लिए काफी हद तक वाहनों से होने वाला उत्सर्जन जिम्मेदार है। इसे कम करना आवश्यक है, इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि 25 अवÌतूबर से वाहन के पीयूसी प्रमाण-पत्र के बिना पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल, डीजल उपलब्ध नहीं कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक अधिसूचना जल्द ही जारी की जाएगी और इस सप्ताह के अंत तक यह स्पष्ट हो जाएगा कि इस योजना को कैसे लागू किया जाएगा।
दिल्ली के परिवहन विभाग के अनुसार, जुलाई-2022 तक 13 लाख दुपहिया वाहन तथा 3 लाख कारों समेत 17 लाख से अधिक वाहन वैध पीयूसी प्रमाण-पत्र के बिना सड़कों पर चल रहे थे। अगर किसी वाहन चालक के पास वैध पीयूसी प्रमाण-पत्र नहीं पाया जाता है, तो उसे मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार 6 माह की कैद या 10,000 रुपये का जुर्माना या दोनों सजा भुगतनी पड़ सकती है। मंत्री ने कहा कि सभी सरकारी विभागों को भी अपने वाहनों के पीयूसी प्रमाण-पत्र की जाँच कराने की सलाह दी गयी है। उन्होंने कहा कि 3 मार्च, 2022 को हमने एक सार्वजनिक नोटिस जारी करके नो पीयूसी, नो फ्यूल कदम के ि¯ायान्वयन पर सुझाव माँगे थे। दो मई को सुझाव मिले तथा कई लोग इस कदम को लागू करने के पक्ष में थे, इसलिए सरकार 25 अवÌतूबर से इसे लागू करने की तैयारी कर रही है।
राय ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण से निपटने और संशोधित ग्रेडेड रेस्पॉन्स एवÌशन प्लान (जीआरएपी) के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 3 अवÌतूबर से 24 घंटे संचालित होने वाला नियंत्रण कक्ष शुरू करेगी। संशोधित जीआरएपी के तहत मौसम पूर्वानुमान के आधार पर तीन दिन पहले तक प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर पाबंदियाँ लगायी जा सकती हैं।