सीतलवाड़ की जमानत अर्जी देरी से सूचीबद्ध करने पर उठे सवाल

 Questions raised on delayed listing of Setalvad's bail application
नई दिल्ली- उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को देरी पर हैरानी जताते हुए सवाल किया कि गुजरात उच्च न्यायालय ने कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर जवाब के लिए राज्य सरकार को नोटिस भेजने के उपरांत क्यों छह सप्ताह बाद 19 सितंबर को इसे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। न्यायालय ने राज्य सरकार से उसे शुक्रवार दोपहर 2 बजे तक यह बताने को कहा है कि क्यों इस तरह की परिपाटी है।

प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट्ट तथा न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने सीतलवाड़ की याचिका पर आगे की सुनवाई शुक्रवार को करना तय किया। सीतलवाड़ को 2002 के गुजरात दंगों के मामलों में कथित रूप से बेगुनाह लोगों को फँसाने के लिए सबूत गढ़ने के मामले में गिरफ्तार किया गया था।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि हम इस मामले में कल दोपहर 2 बजे सुनवाई करेंगे। हमें ऐसी कोई मिसाल दें, जिसमें ऐसे मामलों में किसी महिला आरोपी को उच्च न्यायालय से इस तरह तारीख मिली हो या तो ये महिला अपवाद हैं। यह अदालत यह तारीख कैसे दे सकती है? क्यों यह गुजरात में मानक व्यवस्था है?
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