हैदराबाद, हैदराबाद की टास्क फोर्स पुलिस ने पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी आईएसआई के तीन आतंकियों को गिरफ्तार कर दशहरे पर शहर को दहलाने की साजिश का पर्दाफाश किया। पुलिस ने आतंकियों के पास से चार हैंड ग्रेनेड, 5,41,800 रुपये, मोटरसाइकिल व सेलफोन जब्त किये।
फरार आतंकी वर्ष 2002 के दौरान साईबाबा मंदिर, दिलसुखनगर में बम धमाका, मुम्बई के घाटकोपर स्टेशन पर बम धमाका और वर्ष 2004 के दौरान गणेश मंदिर, सिंकदराबाद में बम धमाका करने की साजिश रचने को लेकर वांछित हैं। अब्दुल जाहेद ने पुलिस को दिये गये बयान में बताया कि तीनों फरार आतंकियों से उसके संबंध हैं और वह उनके दिशा-निर्देश पर ही शहर में आतंकी संगठनों में युवाओं की भर्ती करने के अलावा साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने के लिए भीड़-भाड़ वाले इलाकों में बम धमाके करने की साजिश रच रहा था।
छापे के दौरान पुलिस ने जाहेद के घर से 3,91,800 रुपये, दो सेलफोन, दो हैंड ग्रेनेड, समीउद्दीन के घर से 1.5 लाख रुपये व एक सेलफोन व एक हैंड ग्रेनेड, एक बुलेट मोटरसाइकिल तथा माज के घर से दो सेलफोन व एक हैंड ग्रेनेड बरामद किया। पूछताछ के दौरान पता चला है कि वर्ष 2007 के दौरान जाहेद के भाई शाहिद बिलाल को पाकिस्तान में आतंकी घटना में मार गिराया गया। वहीं जाहेद को मक्का मस्जिद बम विस्फोट के मामले में अदालत ने बरी कर दिया है।
पुलिस ने बताया कि केंद्रीय सतर्कता ब्यूरो द्वारा दी गयी विश्वसनीय सूचना के आधार पर शनिवार रात को मूसारामबाग में एक मकान पर छापा मारकर मुख्य आरोपी व आईएसआई आतंकी अब्दुल जाहेद उर्फ मोटू (39) को गिरफ्तार किया। पुलिस ने जाहेद के बयान के आधार पर उसके दो साथियों अरमान टॉवर, अकबर बाग, सईदाबाद निवासी व्यापारी मोहम्मद समीउद्दीन उर्फ अब्दुल समी (39) और रॉयल कॉलोनी, हुमायूँनगर निवासी माज हसन फारूख उर्फ माज (29) को भी गिरफ्तार कर लिया।
अब्दुल जाहेद ने दोनों साथियों के साथ मिलकर शहर में साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने के लिए धमाके करने की साजिश रची थी। इसके लिए उसने आईएसआई से अपने संबंधों के दम पर हैंड ग्रेनेड भी परप्त कर लिये थे। अब्दुल जाहेद पहले भी आतंकी गतिविधियों में शामिल था। वर्ष 2005 के दौरान बेगमपेट स्थित टास्क फोर्स कार्यालय को मानव बम के जरिए उड़ाने में भी जाहेद ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उसके आईएसआई और लश्कर-ए-तोयबा जैसे आतंकी संगठनों के साथ गहरे संबंध हैं। इन दोनों आतंकी संस्थाओं के लिए वह शहर में युवाओं को भड़का कर उनकी भर्ती कर रहा था। आतंकी संगठनों में युवाओं की भर्ती के अलावा धमाके करने के लिए उसे तीन फरार आतंकी फरहतुल्ला घोरी उर्फ एफजी, सिद्दीक बिन उस्मान उर्फ रफीक उर्फ अबू हमजा, अब्दुल मजीद उर्फ छोटू आार्थिक रूप से मदद दे रहे थे। फरार होकर पाकिस्तान चले गये ये तीनों आतंकी हैदराबाद के ही रहने वाले हैं। इन तीनों के सहयोग से ही अब्दुल जाहेद ने शहर में धमाके करने के लिए चार हैंड ग्रेनेड जुटाए थे।
फरार आतंकी वर्ष 2002 के दौरान साईबाबा मंदिर, दिलसुखनगर में बम धमाका, मुम्बई के घाटकोपर स्टेशन पर बम धमाका और वर्ष 2004 के दौरान गणेश मंदिर, सिंकदराबाद में बम धमाका करने की साजिश रचने को लेकर वांछित हैं। अब्दुल जाहेद ने पुलिस को दिये गये बयान में बताया कि तीनों फरार आतंकियों से उसके संबंध हैं और वह उनके दिशा-निर्देश पर ही शहर में आतंकी संगठनों में युवाओं की भर्ती करने के अलावा साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने के लिए भीड़-भाड़ वाले इलाकों में बम धमाके करने की साजिश रच रहा था।
छापे के दौरान पुलिस ने जाहेद के घर से 3,91,800 रुपये, दो सेलफोन, दो हैंड ग्रेनेड, समीउद्दीन के घर से 1.5 लाख रुपये व एक सेलफोन व एक हैंड ग्रेनेड, एक बुलेट मोटरसाइकिल तथा माज के घर से दो सेलफोन व एक हैंड ग्रेनेड बरामद किया। पूछताछ के दौरान पता चला है कि वर्ष 2007 के दौरान जाहेद के भाई शाहिद बिलाल को पाकिस्तान में आतंकी घटना में मार गिराया गया। वहीं जाहेद को मक्का मस्जिद बम विस्फोट के मामले में अदालत ने बरी कर दिया है।