अमरावती- आंध्र प्रदेश में विधानसभा के 9 वें सत्र के आखिरी दिन बुधवार को जमकर हंगामा हुआ। तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा)ने राज्य सरकार के एनटीआर स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय का नाम बदलने के कदम का विरोध करते हुए अध्यक्ष के आसन के सामने अपना विरोध दर्ज किया। हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने 13 तेदेपा विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया। आंध्र-प्रदेश विधानमंडल के दोनोें सदनोें में बुधवार को वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार ने एनटीआर यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (यूएचएस) का नाम बदलकर वाईएसआर यूएचएस करने का विधेयक पारित कर दिया। पांच दिवसीय मानसून सत्र के अंत में विपक्षी तेलुगु देशम पार्टी और अन्य विपक्षी दलों की आपत्तियोें और विरोध के बीच विधान परिषद ने विधेयक को मंजूरी दी।
तेदेपा एनटीआर का नाम हटा कर वाईएसआर का नाम रखने का विरोध कर रही है। टीडीपी विधायकों ने `एनटीआर अमर रहे' औक `जोहर एनटीआर' के नारे लगाये। उन्होंने स्पीकर तम्मिनेनी सीताराम पर कागज के टुकड़े उछाले। इससे क्रोधित होकर अध्यक्ष ने अपने हेडफोन फेंक दिए और कुछ समय के लिए ब्रेक की घोषणा भी कर दी। टीडीपी के संस्थापक अध्यक्ष एनटी रामाराव के नाम को हटाने पर विपक्ष ने कहा कि वाईएस जगन सरकार एक बुरी मिसाल कायम कर रही है। टीडीपी ने ये भी पूछा कि आखिर 1986 में स्थापित एनटीआर स्वास्थ्य विश्वविद्यालय से मुख्यमंत्री वाईएस जगन के पिता का क्या संबंध है।
टीडीपी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पूछा कि 36 साल पहले एनटीआर के विचारों से शुरू हुए इस विश्वविद्यालय में एनटीआर का नाम हटाकर वाईएसआर के नाम पर रखना बेईमानी है। साढ़े तीन साल में एक भी नया निर्माण नहीं कर सकने वाली यह सरकार नाम बदल रही है। इस सरकार ने विवि का 450 करोड़ का फंड जब्त किया है, वह किस अधिकार से नाम बदलेगी? एनटीआर हेल्थ यूनिवर्सिटी और वाईएसआर के बीच क्या संबंध है? उन्होंने कहा कि सीएम जगन को पता होना चाहिए कि सरकार को पागल विचारों से बचना चाहिए और हमेशा की तरह स्वास्थ्य विश्वविद्यालय के लिए एनटीआर का नाम जारी रखना चाहिए।