हैदराबाद, अवंति नगर स्थित शील चन्दन स्वाध्याय भवन में साध्वी चन्दन बालाजी म.सा. आदि ठाणा-4 के सान्निध्य में वीर लोकाशाह जयंती मनाई गई।
आज यहाँ अवंति नगर स्थित शील चन्दन स्वाध्याय भवन में आयोजित प्रवचन सभा में साध्वी धर्मज्योतिजी म.सा. ने लोकाशाह जयंती के उपलक्ष्य में उनका गुणानुवाद करते हुए कहा कि वीर लोकाशाह ने प्रभु महावीर के मार्ग में आई शिथिलता को दूर कर पुनः जागरण का काम किया था। साध्वीजी ने कहा कि लोकाशाहजी ने जैन धर्म के पुनः उत्थान का बहुत बड़ा कार्य किया।
साध्वी देवेन्द्रप्रभाजी म.सा. ने वंदन और नमस्कार के महत्व को बताते हुए कहा कि अमर कुमार ने नमस्कार मंत्र में श्रद्धा रखी। फलस्वरूप वह बलि में मृत्यु पाने से बच गया। आज के दिन भगवान ऋषभदेव के पोते द्रविड़ और नारिसेन 10 करोड़ आत्माओं के साथ मोक्ष में गये थे। आज आचार्य हेमचंद्राचार्य, श्रीमद राजचंद्र, दयानंद सरस्वती, गुरु नानक, आचार्य हरिभद्र सूरीश्वरजी का भी जन्म हुआ। आज काार्तिक पूार्णिमा का दिन चातुर्मास समापन का दिन है।
प्रचार संयोजक जसराज देवड़ा धोका ने बताया कि प्रवचन में प्रभावना संपूर्ण चातुर्मास लाभार्थी जसराज भंवरलाल उमेश निमेश देवड़ा धोका परिवार की ओर से दी गई। आज सभा में चातुर्मास के अंतिम दिन रीता, मंजू विनायकिया, कनिष्का बोहरा, मुस्कान जैन तथा शारदा ने स्तवन के माध्यम से साध्वी वृंद के चातुर्मास आराधना की अनुमोदना की। जसराज देवड़ा धोका ने अवज्ञा आशातना हेतु साध्वीजी से क्षमा माँगी।