हम खिलाड़ी हैं, रोबोट नहीं : पहलवान विनेश फोगाट

 We are players, not robots: Wrestler Vinesh Phogat
नई दिल्ली,  विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने के बाद सोशल मीडिया पर हुई आलोचना को निराशाजनक करार देते हुए भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने कहा कि खिलाड़ी रोबोट नहीं होते है।

विनेश ने इसके साथ ही साथी खिलाड़ियों से मेहनत जारी रखने को कहा ताकि इस तरह की आलोचना की संस्कृति को खत्म किया जा सके।विनेश ने बेलग्रेड में पिछले सप्ताह 53 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीता। उन्होंने विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में दो पदक जीतकर इतिहास रच दिया। वह ऐसा करने वाली देश की पहली महिला पहलवान है।  वह क्वालीफिकेशन दौर में मंगोलिया की खुलान बटखुयाग से जिस तरह से 0-7 की हारी उसकी सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हुई। उन्होंने हालाँकि शानदार वापसी करते हुए रेपेचेज में दो दौर के बाद कांस्य पदक मुकाबले को बिना अंक गंवाए अपने नाम किया। यह 28 साल की खिलाड़ी हालाँकि सोशल मीडिया पर हुई आलोचना से काफी आहत है।

उन्होंने सोशल मीडिया पर जारी पोस्ट में लिखा,खिलाड़ी भी इंसान होते है। खिलाड़ी होने का यह मतलब नहीं कि हम किसी भी टूर्नामेंट में रोबोट की तरह काम करें। मुझे यह नहीं पता कि यह संस्कृति सिर्फ भारत में ही है या और जगह भी है। जहाँ लोग घर में बैठकर ही विशेषज्ञ बन जाते है। उन्होंने लिखा कि व्यविÌत पेशेवर हो या नहीं उसने अपने सफर में कई कठिनाइयों, संघर्षों और चुनौतियों का सामना किया होता है। वे टिप्पणी नहीं करते, आलोचना करते है। वह आलोचना करते समय खुद को पेशेवर करियर के विशेषज्ञ समझने लगते है।  विनेश ने एथलीटों की लगातार आलोचना पर सवाल उठाते हुए कहा कि हम एथलीट के रूप में हर चीज के लिए जवाबदेह वÌयों हैं। एथलीटों को समर्थन और प्रोत्साहन के बजाय उसके प्रशिक्षण को लेकर टिप्पणियों का सामना वÌयों करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यह बहुत हतोत्साहित करने वाला होता है, जब लोग यह मान लेते हैं कि वे इस पर टिप्पणी कर सकते हैं कि एथलीटों को अपनाकरियर कब समाप्त करना चाहिए, कब खेलना चाहिए और कब नहीं खेलना चाहिए।

उन्होंने लिखा कि एक जीत का मतलब हमेशा यह नहीं होता है कि एक एथलीट ने कुछ अतिरिवÌत असाधारण किया है और हार का मतलब यह नहीं है कि एथलीट ने उस खेल के दौरान कोशिश नहीं की है। जीत और हार हर एथलीट की यात्रा का एक हिस्सा है और एथलीट हर बार कड़ी मेहनत करते हैं। विनेश कहा कि आलोचकों को खिलाड़ियों के प्रयासों और संसाधनों के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है।  उन्होंने कहा कि इन चीजों पर टिप्पणी करना बहुत आसान है, वÌयोंकि उनके लिए यह मैच देखने जीवन के सिर्फ एक दिन के बारे है। उन्हें इस बात का एहसास नहीं है कि उस समय खिलाड़ी की मानसिक स्थिति, खासकर मुश्किल समय में कैसी है। (भाषा)
Comments System WIDGET PACK