नई दिल्ली, 8 जुलाई-(एजेंसियाँ)
बीजेपी के साथ बिहार में गठबंधन सरकार चला रहे जेडीयू ने भले ही 2019 में साथ लड़ने की बात कही है, लेकिन उससे पहले भगवा दल को झटका देने की भी तैयारी है। जेडीयू ने कहा कि वह राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मणिपुर के चुनाव में अपने दम पर मैदान में उतरेगा। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने यह बात कही। त्यागी ने कहा कि हम अपने दम पर कुछ सीटों पर इन राज्यों के विधानसभा चुनावों में उतरेंगे। यही नहीं त्यागी ने कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि हम बीजेपी की मदद कर रहे हैं, लेकिन हम न तो उनका सपोर्ट कर रहे हैं और न ही उनका विरोध कर रहे हैं। हम उनकी कोई मदद नहीं कर रहे हैं। पार्जी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव के बाहर होने और नई पार्जी बनाए जाने के बाद असली जेडीयू को लेकर चली रही बहस को लेकर केसी त्यागी ने कहा है कि जेडीयू एक ही है, जिसका नेतृत्व नीतीशजी कर रहे हैं।
एक साथ चुनाव के प्रस्ताव पर जताई सहमति पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से एक साथ चुनाव के प्रस्ताव को लेकर जेडीयू ने सहमति जताई है। केसी त्यागी ने कहा कि हम एक चुनाव के पक्ष में हैं, लेकिन हमारा मानना है कि यह अासान नहीं है। हम इसका विरोध इसलिए नहीं कर सकते, क्योंकि यह चुनाव का कम खचाaला रास्ता होगा। इससे गवर्नेंस सुधारने में मदद मिलेगी और ब्लैक मनी से भी जंग लड़ी जा सकेगी।
अाप, बसपा, सपा जैसे दलों की मौजूदगी ने बढ़ाई मध्य-प्रदेश चुनावी जंग की दिलचस्पी
मध्य-प्रदेश में दशकों से भाजपा एवं कांग्रेस ही चुनावी दंगल में अामने सामने रही हैं, लेकिन इस बार बसपा, सपा, जीजीपी, अाप और सपा जैसी पार्टियों की मौजूदगी से मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद है।
प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस जहाँ प्रदेश में अपना पहले वाला रूतबा हासिल करने और भाजपा से सत्ता छीनने के लिए प्रयासरत है वहीं भाजपा अपना गढ़ बचाए रखने की कोशिश में है। कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता कमलनाथ को प्रदेश का मुखिया बनाया है। भाजपा ने अपना प्रदेश अध्यक्ष बदलते हुए जबलपुर से लोकसभा सांसद और संगठन के महारथी राकेश सिंह को प्रदेश की कमान सौंपी है। प्रदेश में पहली बार चुनावी दंगल में उतरने जा रही अाम अादमी पार्टी अपने उम्मीदवारों की दो सूचियाँ जारी कर चुकी है। अाप की मप्र इकाई के संयोजक अालोक अग्रवाल ने कहा कि अागे चरणबद्ध तरीके से अाप के उम्मीदवारों की घोषणा की जायेगी। प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी अाप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की 15 जुलाई को इन्दौर में अामसभा प्रस्तावित है।
शरद यादव के नेतृत्व वाले जनता दल(यू) के बागी गुट ने प्रदेश में महागठबंधन के गठन के प्रयास तेज दिये हैं। इसके तहत गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) और इससे अलग हुए गुट भारतीय गोंडवाना पार्टी (बीजीपी) जैसे दलों को एक साथ लाने के प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश सरकार की रोजगार, पदोन्नति और शिक्षा में अारक्षण की नीति के विरोध से पैदा हुए संगठन सपावÌस (सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी, कर्मचारी संस्था) के संरक्षक और सेवानिवृत्त अाईएएस अधिकारी हीरालाल त्रिवेदी ने कहा कि उनकी पार्टी ने प्रदेश की सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ने का पैसला किया है। अाप, बसपा और अन्य दलों का चुनाव में कोई असर न होने का दावा करते हुए भाजपा के प्रववÌता रजनीश अग्रवाल ने पीटीअाई-भाषा से कहा कि मध्य-प्रदेश में राजनीति सामान्यत: दो मुख्य दलों भाजपा और कांग्रेस के बीच रही है। अन्य दलों की मौजूदगी से भाजपा का फायदा ही होगा, वÌयोंकि यह विपक्षी दल कांग्रेस के मतों का विभाजन करेंगे।
कांग्रेस के प्रववÌता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि मध्य-प्रदेश में दो धुव्रीय राजनीति रही है इसलिये कांग्रेस बसपा और सपा जैसे समान विचारधारा वाले दलों के साथ गठबंधन कर सकती है ताकि वोटों, विशेषकर एसटी, एससी और पिछड़े वर्गों के वोटों का विभाजन रोका जा सके। इस बारे में निर्णय उच्च स्तर पर लिया जाएगा।
बीजेपी के साथ बिहार में गठबंधन सरकार चला रहे जेडीयू ने भले ही 2019 में साथ लड़ने की बात कही है, लेकिन उससे पहले भगवा दल को झटका देने की भी तैयारी है। जेडीयू ने कहा कि वह राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मणिपुर के चुनाव में अपने दम पर मैदान में उतरेगा। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने यह बात कही। त्यागी ने कहा कि हम अपने दम पर कुछ सीटों पर इन राज्यों के विधानसभा चुनावों में उतरेंगे। यही नहीं त्यागी ने कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि हम बीजेपी की मदद कर रहे हैं, लेकिन हम न तो उनका सपोर्ट कर रहे हैं और न ही उनका विरोध कर रहे हैं। हम उनकी कोई मदद नहीं कर रहे हैं। पार्जी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव के बाहर होने और नई पार्जी बनाए जाने के बाद असली जेडीयू को लेकर चली रही बहस को लेकर केसी त्यागी ने कहा है कि जेडीयू एक ही है, जिसका नेतृत्व नीतीशजी कर रहे हैं।
एक साथ चुनाव के प्रस्ताव पर जताई सहमति पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से एक साथ चुनाव के प्रस्ताव को लेकर जेडीयू ने सहमति जताई है। केसी त्यागी ने कहा कि हम एक चुनाव के पक्ष में हैं, लेकिन हमारा मानना है कि यह अासान नहीं है। हम इसका विरोध इसलिए नहीं कर सकते, क्योंकि यह चुनाव का कम खचाaला रास्ता होगा। इससे गवर्नेंस सुधारने में मदद मिलेगी और ब्लैक मनी से भी जंग लड़ी जा सकेगी।
अाप, बसपा, सपा जैसे दलों की मौजूदगी ने बढ़ाई मध्य-प्रदेश चुनावी जंग की दिलचस्पी
मध्य-प्रदेश में दशकों से भाजपा एवं कांग्रेस ही चुनावी दंगल में अामने सामने रही हैं, लेकिन इस बार बसपा, सपा, जीजीपी, अाप और सपा जैसी पार्टियों की मौजूदगी से मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद है।
प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस जहाँ प्रदेश में अपना पहले वाला रूतबा हासिल करने और भाजपा से सत्ता छीनने के लिए प्रयासरत है वहीं भाजपा अपना गढ़ बचाए रखने की कोशिश में है। कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता कमलनाथ को प्रदेश का मुखिया बनाया है। भाजपा ने अपना प्रदेश अध्यक्ष बदलते हुए जबलपुर से लोकसभा सांसद और संगठन के महारथी राकेश सिंह को प्रदेश की कमान सौंपी है। प्रदेश में पहली बार चुनावी दंगल में उतरने जा रही अाम अादमी पार्टी अपने उम्मीदवारों की दो सूचियाँ जारी कर चुकी है। अाप की मप्र इकाई के संयोजक अालोक अग्रवाल ने कहा कि अागे चरणबद्ध तरीके से अाप के उम्मीदवारों की घोषणा की जायेगी। प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी अाप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की 15 जुलाई को इन्दौर में अामसभा प्रस्तावित है।
शरद यादव के नेतृत्व वाले जनता दल(यू) के बागी गुट ने प्रदेश में महागठबंधन के गठन के प्रयास तेज दिये हैं। इसके तहत गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) और इससे अलग हुए गुट भारतीय गोंडवाना पार्टी (बीजीपी) जैसे दलों को एक साथ लाने के प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश सरकार की रोजगार, पदोन्नति और शिक्षा में अारक्षण की नीति के विरोध से पैदा हुए संगठन सपावÌस (सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी, कर्मचारी संस्था) के संरक्षक और सेवानिवृत्त अाईएएस अधिकारी हीरालाल त्रिवेदी ने कहा कि उनकी पार्टी ने प्रदेश की सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ने का पैसला किया है। अाप, बसपा और अन्य दलों का चुनाव में कोई असर न होने का दावा करते हुए भाजपा के प्रववÌता रजनीश अग्रवाल ने पीटीअाई-भाषा से कहा कि मध्य-प्रदेश में राजनीति सामान्यत: दो मुख्य दलों भाजपा और कांग्रेस के बीच रही है। अन्य दलों की मौजूदगी से भाजपा का फायदा ही होगा, वÌयोंकि यह विपक्षी दल कांग्रेस के मतों का विभाजन करेंगे।
कांग्रेस के प्रववÌता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि मध्य-प्रदेश में दो धुव्रीय राजनीति रही है इसलिये कांग्रेस बसपा और सपा जैसे समान विचारधारा वाले दलों के साथ गठबंधन कर सकती है ताकि वोटों, विशेषकर एसटी, एससी और पिछड़े वर्गों के वोटों का विभाजन रोका जा सके। इस बारे में निर्णय उच्च स्तर पर लिया जाएगा।