नाव दुर्घटना के मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख देने की घोषणा

10-10 lakhs of kin of deceased victims of boat crash
अमरावती, 16 मई
मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायुडू ने अाज पूवाa गोदावरी ज़िले के वंटूरू तथा पश्चिम गोदावरी ज़िले के वाड़ापल्ली के बीच गोदावरी नदी में मंगलवार की शाम को तेज़ हवाएँ चलने से नाव के डूब जाने से हुई दुर्घटना में मारे गये लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रूपये मुअावजा देने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि दुर्घटना के समय नाव में 44 लोग सवार थे। इनमें से 22 सुरक्षित किनारे पहुँच गये। शेष 22 लोगों की नदी में डूबने से मौत हो गई। उन्होंने बताया कि नाव के साथ 12 शवों को एनडीअारएफ के दलों ने बाहर निकाल लिया। शेष 10 शवों की तलाश की जा रही है।
उन्होंने बताया कि तुरन्त सहायता के तहत एक-एक लाख रूपये दिए जाएँगे। उन्होंने बताया कि पीडि़त परिवारों के शिक्षितों को रोज़गार के अवसर देने के साथ-साथ मृतकों के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा तथा अावास मंजूर किए जाएँगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि दुर्घटना के कारणों की जाँच की जा रही है। अागे कहा कि नाव चलाने वालों की गलती के कारण ही यह दुर्घटना घटी। उन्होंने कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि देवीपटनम के लिए सड़क का निर्माण करने के साथ-साथ न्यूनतम सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जाएँगी। उन्होंने कहा कि ग्राम में अार एण्ड अार वेंद्र का निर्माण किया जाएगा।
नाव दुर्घटना में मरने वालों के परिजनों से मिलकर दी सांत्वना
मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायुडू  अाज सुबह पूवाa गोदावरी ज़िला, देवीपटनम मंडल के मंटूरू पहुंचे। उन्होंने बचाव कार्यों का निरीक्षण कर ़, नाव में डूबे मृतकों के परिजनों को सांत्वना दी।
इस दौरैन उन्हें बताया गया कि पोलावरम परियोजना स्थल से मंगाए गए विशाल क्रेनों की सहायता से 60 फीट भीतर पानी के अंदर रेत में फँसे नाव को किनारे लाया गया। गोताखोरों की सहायता से लापता हो गए लोगों की तलाश की गई। नाव की खिड़कियों के शीशे फोड़कर शवों को बाहर निकाला गया। इस बचाव कार्य में काकीनाड़ा के 60 एसडीअारएफ दल के कार्मियों तथा विजयवाड़ा एवं विशाखापट्टनम के एनडीअारएफ के 60 कार्मियों ने भाग लिया।
अभी तक यह बात स्पष्ट नहीं हो पाई कि लक्ष्मी वेंकटेश्वरा बोट सार्विस को नाव चलाने के लिए सरकार की ओर से अनुमति दी गई है या नहीं। वहाँ पर उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि जल संसाधन विभाग के उच्च अधिकारियों ने सभी प्रकार के नावों के संचालन पर रोक लगा दी थी। संभवतः स्थानीय अधिकारियों ने नाव चलाने की अनुमति दी होगी।
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