मनखल प्लास्टिक पार्क की 100 एकड़ भूमि एसएमई के लिए : जयेश

हैदराबाद- तेलंगाना राज्य के औद्योगिक व वाणिज्य विभाग तथा आईटी के प्रधान सचिव जयेश रंजन ने कहा कि मनखल में बनाये जा रहे प्लास्टिक पार्क में दिग्गज प्लास्टिक उद्योगों की स्थापना की जायेगी। उन्होंने बताया कि पार्क में 100 एकड़ भूमि स्थानीय एसएमई, दलित, बहुजन वर्गों को उद्योग स्थापित करने के लिए निर्धारित की गयी है।

आज यहाँ होटल ताज डेक्कन में तेलंगाना एंड आंध्र-प्रदेश प्लास्टिक मैन्यूफैक्चर्स असोसिएशन (टाप्मा) द्वारा आगामी 3 से 6 अगस्त तक हाईटेक्स में आयोजित होने वाले प्लास्टिक एक्सपो आई फ्लेक्स-18 के कर्टन रेजर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रधान सचिव जयेश रंजन ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक उद्योग काफी पुराना है। इसको छोटी पूँजी से आरंभ कर कई लोगों को रोजगार दिया जा सकता है। प्रदेश में 2,000 से अधिक यूनिट हैं, जिससे 3 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। तेलंगाना राज्य नया है और राज्य के विकास के लिए औद्योगिक नीतियाँ बनायी गयी हैं। सरकार ने मनखल में प्लास्टिक पार्क स्थापित करने के लिए कदम उठाये हैं। राज्य के चार साल में उद्योगों में 50 प्रतिशत की अधिक वृद्धि हुई है।

जयेश रंजन ने कहा कि आई फ्लेक्स हैदराबाद में गत 2014 में आयोजित किया गया था। इसमें प्रदार्शित सभी मशीनों की बिक्री हुई थी। वर्ष 2018 में इससे अधिक की अपेक्षा की गयी है। इसमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्लास्टिक उद्योग और अाधुनिक मशीनों को देखा जा सकेगा। उन्होंने अाईप्लेक्स का ब्रोचर भी जारी किया।

प्लास्टिक इकोनॉमी को विकसित करने की आवश्यकता
अवसर पर फैटाप्सी के अध्यक्ष गौरा श्रीनिवास ने कहा कि प्लास्टिक उद्योग का भविष्य काफी उज्ज्वल है, क्योंकि आज हर क्षेत्र में प्लास्टिक का उपयोग जरूरी हो गया है। वर्ष 2011 में प्लास्टिक का उत्पाद 50 मिलियन मैट्रिक टन था, जो वर्ष 2014 में 311 मिलियन मैट्रिक टन तक पहुँचा और आगामी 20 सालों में यह 600 मिलियन मैट्रिक टन तक पहुँच जायेगा। उन्होंने कहा कि अाज पर्यावरण को देखते हुए नये प्लास्टिक इकोनॉमी को विकसित करने की आवश्यकता है।

प्लास्टिक की रिसाइकिलिंग पर ध्यान दिया जा रहा है, ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके। आज औद्योगिक प्लास्टिक जोन को अलग से बनाने की आवश्यकता है।

आईफ्लेक्स बी2बी के लिए अच्छा मंच
अाईप्लेक्स के विपणन समिति के चेयरमैन शिव कुमार गुप्ता ने कहा कि आई फ्लेक्स बी2बी के लिए बहुत ही अच्छा मंच है। यह दक्षिण भारत के विभिन्न राज्यों की राजधानी में आयोजित किया जाता है। इसकी शुरुआत चेन्नई से हुई थी। हैदराबाद में इसका आयोजन वर्ष 2014 के बाद 2018 में किया जा रहा है। इसमें लक्ष्य से अधिक प्रतिभागी और 300 से अधिक एक्जीबिटर्स अपनी आधुनिक मशीनों, उत्पादों के साथ भाग लेंगे। इसके लिए हाईटेक्स के तीन हैंकरों को भव्य रूप से तैयार किया जा रहा है। साथ ही एसी हॉल के सेटअप तैयार हो रहे हैं। इसमें 50,000 से अधिक विजिटरों के भाग लेने की संभावना है।

प्लास्टिक पर पूरी तरह बैन संभव नहीं
आई फ्लेक्स सलाहकार बोर्ड के चेयरमैन अनिल रेड्डी वेनम ने कहा कि प्लास्टिक लोगों के जीवन में बसा हुआ है। इसे पूर्ण रूप से बैन नहीं किया जा सकता। प्लास्टिक के वनटाइम उपयोग वाले उत्पादों को ही बैन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक उद्योग की काफी समस्याएँ हैं, जिन्हें सरकार द्वारा दूर किया जाना चाहिए। अधिकतर प्लास्टिक उत्पादों को रिसाइकिल किया जा सकता है। यह पेपर से अधिक सुरक्षित और टिकाउ है।

आईफ्लेक्स के संयोजक और टाप्मा के अध्यक्ष वेणुगोपाल जस्ती ने कहा कि आई फ्लेक्स इससे पूर्व चेन्नई, बेंगलुरू, कोच्चि और हैदराबाद में आयोजित किया जा चुका है। यह प्लास्टिक उद्योग, निर्माता, डीलर्स, बायर्स और यूजर्स के लिए उचित मंच है। आईफ्लेक्स में उद्योग की प्रगति, आधुनिक तकनीक और विश्व में चल रहे ट्रेंड्स के बारे में जानकारी मिलती है। इस इवेंट में प्लास्ट इंडिया फाउंडेशन, एआईपीएमए, इंडियन प्लास्टिक फेडरेशन, इंडियन प्लास्टिक इंस्टीट्यूट गुजरात राज्य प्लास्टिक मैन्यूफैक्चरर्स असोसिएशन व अन्य सहयोग प्रदान कर रहे हैं। 

अवसर पर टाप्मा के उपाध्यक्ष विमलेश गुप्ता ने आभार प्रकट किया। उन्होंने प्लास्टिक उद्योग से इसका लाभ लेने का आग्रह किया।(चन्द्रभान आर.)
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