हैदराबाद, 7 जुलाई-(मिलाप ब्यूरो)
श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रमणोपासक संघ, रामकोट के तत्वावधान में गुजराती उपाश्रय रामकोट में श्रमणसंघीय सलाहकार सुमतिप्रकाशजी म.सा., विशालमुनिजी म.सा. अादि ठाणा, उत्तर भरतीय प्रवर्तक पंकजमुनिजी म.सा. अादि ठाणा एवं तप सिद्धेश्वरी विभाश्रीजी म.सा. अादि ठाणा विराजमान हैं। अाज यहाँ रतनयंद कटारिया एवं राजेंद्र खारीवाल द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, धर्मसभा में सर्वप्रथम गुरू भगवंतों ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। विशालमुनिजी म.सा. ने अपने प्रवचन में कहा कि वर्तमान में मनुष्य की ऐसी अवस्था है कि संसार के चौराहे पर स्वर्ग-नर्क चुनने में वह भ्रमित है, लेकिन हमारी पुण्यवाणी के प्रभाव से कौन-सा भी दरवाजा खुल सकता है। म.सा. ने कहा कि 84 लाख योनियों में सिर्फ मनुष्य एक ऐसा जीव है, जो ज्ञानी और समझदार है।
वर्तमान में मनुष्य जीवन में चिंताएँ, समस्याएँ हैं और इसी वजह से वह धर्म-कर्म की ओर ध्यान नहीं दे पाता है। देवलोक में देवताअों को सुख ही सुख है, तो वे धर्म, तप करने को तरसते हैं। इस संसार में संपन्न व्यक्ति धर्म की ओर ध्यान नहीं देता, समय होते हुए वह धर्म से दूर रहता है। विशालमुनिजी ने अागे कहा कि गरीब व्यक्ति दिनभर कष्ट सहते हुए भी धर्म क्रिया को समय नहीं दे पाता। सिर्फ मध्यम वर्गीय मनुष्य ही धर्म के लिए कुछ समय निकाल पाता है। मुनिश्री ने कहा कि क्रोध अाने पर सब रिश्ते-नाते खत्म हो जाते हैं। क्रोध जहर से भी खतरनाक है। क्रोध के कारण विनय भाव, करूणा भाव नष्ट हो जाता है। अगर अापके जीवन में विनय, दया, करूणा है, तो जीवन अमृत है। अवसर पर अभिषेकमुनिजी ने कहा कि वर्तमान में घड़यिँ सबके पास हैं, मगर समय किसी के पास नहीं है। कालचक्र के अनुसार समय में परिवर्तन अा गया है। वर्तमान में व्यक्ति को धर्म-कर्म की नहीं, संपत्ति की चिंता है। जीवन में समय का बहुत बड़ा महत्व है। सबमें श्रेष्ठ मनुष्य भव हमें प्राप्त हुअा है। हमें इसका सदुपयोग करना चाहिए। समय की गति को कोई नहीं रोक पाया है। अक्षयमुनिजी ने सुंदर स्तवन प्रस्तुत किया।
संघ के भरत भाई ने श्रावकों से गुरू भगवंतों के प्रवचन का श्रवण करने का अाग्रह किया। महामंत्री किशोर मुथा ने सूचना देते हुए बताया कि रविवार, 8 जुलाई को नवजीवन स्कूल के एस.डी. हॉल में सुमतिप्रकाशजी म.सा. के सवा लाख नवकार मंत्र की पूर्णाहुति होने पर महामांगलिक का अायोजन सुबह 9 बजे से किया जाएगा। मांगलिक के पश्चात संघ की ओर से गौतम प्रसादी का अायोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में दिल्ली, लुधियाना, हिमाचल प्रदेश, कोलकाता, बेंगलुरू, चेन्नई, अहमदनगर, औरंगाबाद, रोहतक, पानीपत, मेरठ, पुणे, मुंबई से गुरू भक्त भाग लेंगे।
श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रमणोपासक संघ, रामकोट के तत्वावधान में गुजराती उपाश्रय रामकोट में श्रमणसंघीय सलाहकार सुमतिप्रकाशजी म.सा., विशालमुनिजी म.सा. अादि ठाणा, उत्तर भरतीय प्रवर्तक पंकजमुनिजी म.सा. अादि ठाणा एवं तप सिद्धेश्वरी विभाश्रीजी म.सा. अादि ठाणा विराजमान हैं। अाज यहाँ रतनयंद कटारिया एवं राजेंद्र खारीवाल द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, धर्मसभा में सर्वप्रथम गुरू भगवंतों ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। विशालमुनिजी म.सा. ने अपने प्रवचन में कहा कि वर्तमान में मनुष्य की ऐसी अवस्था है कि संसार के चौराहे पर स्वर्ग-नर्क चुनने में वह भ्रमित है, लेकिन हमारी पुण्यवाणी के प्रभाव से कौन-सा भी दरवाजा खुल सकता है। म.सा. ने कहा कि 84 लाख योनियों में सिर्फ मनुष्य एक ऐसा जीव है, जो ज्ञानी और समझदार है।
वर्तमान में मनुष्य जीवन में चिंताएँ, समस्याएँ हैं और इसी वजह से वह धर्म-कर्म की ओर ध्यान नहीं दे पाता है। देवलोक में देवताअों को सुख ही सुख है, तो वे धर्म, तप करने को तरसते हैं। इस संसार में संपन्न व्यक्ति धर्म की ओर ध्यान नहीं देता, समय होते हुए वह धर्म से दूर रहता है। विशालमुनिजी ने अागे कहा कि गरीब व्यक्ति दिनभर कष्ट सहते हुए भी धर्म क्रिया को समय नहीं दे पाता। सिर्फ मध्यम वर्गीय मनुष्य ही धर्म के लिए कुछ समय निकाल पाता है। मुनिश्री ने कहा कि क्रोध अाने पर सब रिश्ते-नाते खत्म हो जाते हैं। क्रोध जहर से भी खतरनाक है। क्रोध के कारण विनय भाव, करूणा भाव नष्ट हो जाता है। अगर अापके जीवन में विनय, दया, करूणा है, तो जीवन अमृत है। अवसर पर अभिषेकमुनिजी ने कहा कि वर्तमान में घड़यिँ सबके पास हैं, मगर समय किसी के पास नहीं है। कालचक्र के अनुसार समय में परिवर्तन अा गया है। वर्तमान में व्यक्ति को धर्म-कर्म की नहीं, संपत्ति की चिंता है। जीवन में समय का बहुत बड़ा महत्व है। सबमें श्रेष्ठ मनुष्य भव हमें प्राप्त हुअा है। हमें इसका सदुपयोग करना चाहिए। समय की गति को कोई नहीं रोक पाया है। अक्षयमुनिजी ने सुंदर स्तवन प्रस्तुत किया।
संघ के भरत भाई ने श्रावकों से गुरू भगवंतों के प्रवचन का श्रवण करने का अाग्रह किया। महामंत्री किशोर मुथा ने सूचना देते हुए बताया कि रविवार, 8 जुलाई को नवजीवन स्कूल के एस.डी. हॉल में सुमतिप्रकाशजी म.सा. के सवा लाख नवकार मंत्र की पूर्णाहुति होने पर महामांगलिक का अायोजन सुबह 9 बजे से किया जाएगा। मांगलिक के पश्चात संघ की ओर से गौतम प्रसादी का अायोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में दिल्ली, लुधियाना, हिमाचल प्रदेश, कोलकाता, बेंगलुरू, चेन्नई, अहमदनगर, औरंगाबाद, रोहतक, पानीपत, मेरठ, पुणे, मुंबई से गुरू भक्त भाग लेंगे।