हैदराबाद - कृष्णा जिला, इब्राहिमपट्टनम में ए.पी. जेनको द्वारा संचालित कोयला अाधारित ताप बिजली संयंत्र के विस्तार के लिये केन्द्रीय पर्यावरण विभाग की ओर से दी गई अनुमतियों पर यदि आपत्ति हो, तो उसी विभाग से शिकायत करने की बात याचिकाकर्ता को आज उच्च न्यायालय ने बताई।
अदालत ने बताया कि पर्यावरण की अनुमति मंजूर करने का मामला सरकार द्वारा लिए जाने वाले निर्णय से संबंधित है। इस मामले पर पहले उसी विभाग से शिकायत करनी चाहिए। 26 जून, 2015 को ताप बिजली संयंत्र का विस्तार करने के लिये पर्यावरणीय अनुमति देने को चुनौती देते हुए जन कल्याण संघ के सचिव अनिल कुमार ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।
8,000 मेगावॉट की क्षमता वाले ताप बिजली संयंत्र का विस्तार करने पर उससे होने वाले परिणामों की सार्वजनिक सुनवाई किये बगैर इसके लिये केन्द्र सरकार द्वारा अनुमति दिये जाने की बात कहते हुए याचिकाकर्ता ने अदालत में दलील दी। न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी. राधाकृष्णन तथा न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी. राधासुब्रमणियन की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को पर्यावरण विभाग से शिकायत करने का अवसर देते हुए मामले की सुनवाई को बंद घोषित कर दिया।
अदालत ने बताया कि पर्यावरण की अनुमति मंजूर करने का मामला सरकार द्वारा लिए जाने वाले निर्णय से संबंधित है। इस मामले पर पहले उसी विभाग से शिकायत करनी चाहिए। 26 जून, 2015 को ताप बिजली संयंत्र का विस्तार करने के लिये पर्यावरणीय अनुमति देने को चुनौती देते हुए जन कल्याण संघ के सचिव अनिल कुमार ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।
8,000 मेगावॉट की क्षमता वाले ताप बिजली संयंत्र का विस्तार करने पर उससे होने वाले परिणामों की सार्वजनिक सुनवाई किये बगैर इसके लिये केन्द्र सरकार द्वारा अनुमति दिये जाने की बात कहते हुए याचिकाकर्ता ने अदालत में दलील दी। न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी. राधाकृष्णन तथा न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी. राधासुब्रमणियन की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को पर्यावरण विभाग से शिकायत करने का अवसर देते हुए मामले की सुनवाई को बंद घोषित कर दिया।