आभा श्रीजी आदि ठाणा का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश संपन्न

Chaturmasik Mangal entry of Abha Shriji Adi Thana
हैदराबाद-श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रमणोपासक संघ, हैदराबाद के तत्वावधान में साध्वी आभा श्रीजी म.सा., महिमाश्रीजी म.सा., श्रेयांसीश्रीजी म.सा.आदि ठाणा-3 का का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश रामकोट स्थित एसडी हॉल में हुआ।जयकारों के बीच रामकोट से निकाली गई शोभायात्रा में बड़ी संख्या में धर्म प्रेमियों ने भाग लिया और एस.डी.हॉल में महासती आभा श्रीजी म.सा.अादि ठाणा-3 का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश सम्पन्न करवाया।

अवसर पर धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए आभाश्रीजी ने कहा कि जिस प्रकार बारिश से सृष्टि का संचार होता है, उसी प्रकार चातुर्मास में धर्म-आराधना की वर्षा होती है। इसमें अंतर्मन भीगता है और जप, तप, त्याग जीवन में परिवर्तन लाता है। प्रकृति की वर्षा से शरीर भीगता है, लेकिन चातुर्मास की आध्यात्मिक बारिश से मन भीगता है, जो जीवन को उज्जवल बनाता है। संघ चातुर्मास लेकर आया है। इसको सफल बनाने की जिम्मेदारी सभी की है। चातुर्मास में आत्मा को जागृत करने की भावना से अाएं। अवसर पर साध्वी श्रेयांसीश्रीजी ने कहा कि मोह का नाश कर संयम और शील का लक्ष्य रखने का अवसर चातुर्मास है। जिस प्रकार धन अर्जित करने के लिए कठिन परिश्रम करते हैं, वैसे ही वर्ष के चार माह धर्म के लिए भी कड़ी मेहनत करें। अत्यन्त पुण्योदय से यह अवसर मिलता है। अधिक से अधिक जप, तप और त्याग कर जीवन को सार्थक करें।

साध्वी महिमाश्रीजी म.सा. ने कहा कि वर्ष में आठ माह भटके हैं। अब 4 माह के चातुर्मास का अवसर मिला है, धर्म आराधना कर इस अवसर का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि जिस तरह मंगल प्रवेश को सफल बनाया है, उसी तरह चातुर्मास को भी सफल बनाएं। विभिन्न अनुष्ठानों और तप जप मड्डा अधिक से अधिक उपस्थिति दर्ज करवायें। रविवार को अकेले नहीं, बल्कि पूरे परिवार के साथ चातुर्मास के कार्यक्रम का लाभ लें। साध्वी जी ने कहा कि धर्म व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन लाता है। इसके बिना जीवन सार्थक नहीं हो सकता है। सभी को धर्म की क्रिया से जुड़ना चाहिए। चातुर्मास में जीवन का नव निर्माण करें और बुराई का नाश करें। म.सा.ने कहा कि जीवन में कई अवसर आते हैं, लेकिन प्रमाद और आलस के चलते हम उन्हें गवां देते हैं। चातुर्मास के अनमोल समय को न गवाएं।

श्रमणोपासक संघ के अध्यक्ष किशोर मुथा ने सभी का स्वागत किया और महत्वपूर्ण सूचनाएं दीं। महामंत्री जे.पारसमल कटारिया ने संघ की गतिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि पूज्यश्री का चातुर्मास वर्ष 2020 में ही होना था, लेकिन कोविड के कारण नहीं हो सका। अब हुबली के चातुर्मास को पूर्ण कर साध्वी वृंद रामकोट पधारी हैं। सभी चातुर्मास का लाभ लें। चातुर्मास का शुभारंभ 13 जुलाई को होगा। सुबह 9.15 बजे से एक घंटे प्रवचन होगा। रविवार को विशेष प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जायेगा।
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