कर्म निर्जरा के रूप में मिलता है धर्म का परिणाम : विशालमुनिजी

Dharma is the culmination of karma says vishalmuni ji 30June2018
हैदराबाद, 29 जून-(मिलाप ब्यूरो)
श्रमण संघीय सलाहकार गुरूदेव श्री सुमतिप्रकाशजी म.सा., वाचनाचार्य डॉ. विशालमुनिजी म.सा., उप-प्रवर्तक अभिषेकमुनिजी म.सा. अादि ठाणा एवं तप चक्रेश्वरी साध्वी विभाश्रीजी म.सा. अादि ठाणा का अाज वेस्ट मारेडपल्ली में पदार्पण हुअा। गुरूदेव गौतमचंद गुगलिया के निवास पर विराजमान है। प्रवचन सभा का अायोजन सम्पतराज गांधी के निवास पर हुअा। अवसर पर अभिषेकमुनिजी म.सा. ने कहा कि जन्म लेते ही प्रथम क्रिया के रूप में मानव रोना शुरू करता है। रोने से कर्म बंध होता है। किन्तु कभी-कभी रोना कर्मों को धोने का कारण बन जाता है।

गुरूदेव श्री सुमति-विशाल चातुर्मास समिति-2018 के संयोजक नेमिचंद बुबाकिया द्वारा अाज यहाँ जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, म.सा. ने अागे कहा कि यदि दृष्टि सम्यक् है, तो कर्म बंध का कारण कर्मों के क्षय का कारण बन जाता है। प्रायः लोग संसारी कार्यों के लिए दुःखी होते हैं, उन्हें धर्म कार्य छूटने से रोना नहीं अाता है। लेकिन जब धर्म से लगाव होगा, तो सम्यकत्व की प्राप्ति अवश्य होगी। विशालमुनिजी म.सा. ने प्रवचन सभा में कहा कि जब तक सम्यक बोध नहीं होगा, तब तक धर्म के परिणाम सामने नहीं अा सकते। यदि सुख-साधनों की प्राप्ति होती है, तो लोग समझते हैं कि यह धर्म का फल है। जबाकि धर्म का परिणाम कर्मों की निर्जरा के रूप में मिलता है। म.सा. ने कहा कि पुण्यवाणी बढ़ने पर धर्म की प्राप्ति होती है। पुण्यवान होना अलग बात है और धर्मात्मा होना अलग बात है। बुद्धिमान होना ही इन्सान की पहचान नहीं होनी चाहिए। जीवन में सेवा, दया, करूणा का होना भी जरूरी है। पुनीतमुनिजी म.सा. ने स्तवन प्रस्तुत किया। 5 जुलाई को गुरूदेव सुमतिप्रकाशजी म.सा. अादि ठाणा श्रमणोपासक संघ को सान्निध्य प्रदान करेंगे। वहाँ माह की जप, तप, मौन साधना के पश्चात महामांगलिक प्रदान करेंगे।

सुमतिप्रकाशजी अादि ठाणा का अाज कोरा संघ में पदार्पण
श्रमण संघीय सलाहकार सुमतिप्रकाशजी म.सा., डॉ. विशालमुनिजी म.सा. अादि ठाणा एवं साध्वी विभाश्रीजी म.सा. अादि ठाणा का शनिवार, 30 जून को श्री जैन श्रावक संघ, कोरा छावनी, सिखविलेज स्थित परिसर में पदार्पण होगा। संघ के चेयरमैन गीतमल बेताला ने बताया कि सुबह 9.15 बजे से अानंद जैन भवन में प्रवचन सभा का अायोजन किया जाएगा। 1 जुलाई को गुरू भगवंतों का पदार्पण मारूति विधि जैन स्थानक में होगा। सिकंदराबाद संघ के महामंत्री डायचंद दक ने बताया कि 3 जुलाई तक मुनिवृंद सिकंदराबाद स्थानक में विराजमान रहेंगे।
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