सिद्धू रोड रेज मामले में दोषी, जेल की सज़ा से बचे

Guilty in Sidhu Road Rae case
नई दिल्ली, 15 मई-
उच्चतम न्यायालय ने पूर्व ि¯ाकेटर और पंजाब सरकार में पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को वर्ष 1988 के रोड रेज मामले में गैर-इरादतन हत्या के अपराध में दोषी ठहराने का उच्च न्यायालय का फैसला पलटते हुए उन्हें अाज जानबूझ कर चोट पहुँचाने के अपराध का दोषी ठहराया और उन पर एक हजार रूपये का जुर्माना लगाया।
न्यायमूर्ति जे. चेलामेश्वर और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू भारतीय दंड संहिता की धारा 323 के तहत जानबूझकर चोट पहुँचाने के अपराध के दोषी हैं। न्यायालय ने उन्हें जेल की सजा नहीं सुनायी, बल्कि उन पर एक हजार रूपये का जुर्माना लगाया।
न्यायालय ने सिद्धू के सहायक रूपिन्दर सिंह संधू को बरी करते हुए कहा कि हमने संधू के मामले में उच्च न्यायालय का फैसला पूरी तरह पलट दिया है। धारा 323 के अंतर्गत अधिकतम एक साल की वैद या एक हजार रूपये जुर्माना अथवा दोनों सजा का प्रावधान है। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने दिसंबर, 2006 में निचली अदालत का निर्णय निरस्त करते हुए सिद्धू और संधू को भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के तहत गैर-इरादतन हत्या का दोषी ठहराते हुए दोनों को तीन-तीन साल की वैद और एक एक लाख रूपये जुर्माने की सजा सुनायी थी। निचली अदालत ने सितंबर, 1999 में सिद्धू को हत्या के अारोपों से बरी कर दिया था।
शीर्ष अदालत ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सिद्धू और संधू की अपील पर 18 अप्रैल को सुनवाई पूरी की थी। इस मामले की सुनवाई के दौरान सिद्धू की ओर से दलील दी गयी थी कि मृतक गुरनाम सिंह की मृत्यु के कारणों के बारे में साक्ष्य परस्पर विरोधाभासी हैं और इस मामले मे चिकित्सकीय राय भी अस्पष्ट है।
उच्चतम न्यायालय ने 2007 में सिद्धू और संधू को दोषी ठहराने के फैसले पर रोक लगा दी थी। इस तरह सिद्धू के लिये अमृतसर संसदीय सीट के लिये उस समय हो रहे उप-चुनाव में खड़े होने का रास्ता साफ हो गया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार 27 दिसंबर, 1988 को पटियाला में सिद्धू और संधू ने शेरावालां गेट ¯ाॉसिंग के निकट बीच सड़क में कथित रूप से जिप्सी पार्व कर रखी थी। उस समय मृतक दो अन्य लोगों के साथ बैंक से पैसा निकालने जा रहा था।
अारोप था कि जब वे ¯ाॉसिंग पर पहुँचे तो मारूति कार चला रहे गुरनाम ने बीच सड़क पर जिप्सी खड़ी देखी तो उन्होंने उसमे सवार सिद्धू और संधू से इसे हटाने का अनुरोध किया। इसी बात पर दोनों में तकरार हो गयी।
पुलिस का दावा था कि सिद्धू ने सिंह की पिटाई की और फिर घटनास्थल से भाग गये। सिंह को अस्पताल ले जाया गया जहाँ उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था। सिद्धू पहले भारतीय जनता पार्टी में थे, लेकिन पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस में शामिल हो गये थे।
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