अमरावती, 1 जुलाई
कड़पा में स्टील प्लांट की स्थापना के लिये 11 दिनों तक अामरण अनशन करने वाले सांसद सी.एम. रमेश एवं बी.टेक रवि अब पार्जी नेताअों के अलावा लोगों के बीच हास्य के पात्र बन गये हैं। लोगों को पहले से ही इस बात की जानकारी थी कि अनशन की समाप्ति कैसे होगी।
मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायुडू भी इस बात को भलिभाँति जानते थे कि केन्द्र सरकार इस मामले को लेकर राजी नहीं होगी, शायद इसी कारण अनशन समाप्त करवाने के लिये वे खुद कड़पा पहुँचे। अब पार्जी में यह सवाल उठने लगा है कि अाखिरकार मुख्यमंत्री नारा चन्द्रबाबू नायुडू ने सी.एम. रमेश को अनशन के लिये अनुमति क्यों दी। हालात कुछ ऐसे बन गये थे कि पार्जी के नेता ही सी.एम. रमेश एवं बी.टेक रवि के अनशन को लेकर मजाक उड़ाने लगे। पार्जी के सांसद जे.सी. दिवाकर रेड्डा ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि अनशन से कुछ भी हासिल नहीं होगा, जबकि कुछ अन्य नेताअों ने कहा था कि वजन घटाने के लिये उन्हें भी कुछ समय के लिये अनशन करना चाहिए।
विपक्ष ने भी सत्ता पक्ष के नेताअों के कटाक्ष को लेकर चुटकी ली। इससे पूर्व सी.एम. रमेश ने कहा था कि जब तक केन्द्र सरकार स्टील प्लांट को लेकर स्पष्ट अाश्वासन नहीं देती है, तब तक उनका अनशन जारी रहेगा, लेकिन केन्द्र सरकार की ओर से अाश्वासन न मिलने के बाद अाखिरकार उन्हें अनशन तोड़ना पड़ा। यहाँ तक कि लोगों में इस अनशन को लेकर सहानुभूति भी देखने को नहीं मिली। यह कहा जा सकता है कि नायुडू यह कहने में सफल रहे कि अनशन के दौरान वाईएसअार कांग्रेस ने इसका समर्थन नहीं किया।
दूसरे शब्दों में कहा जाए तो 11 दिनों तक चला यह अनशन पूरी तरह ठप्प रहा और लोगों में इसे लेकर कोई सहानुभूति भी नहीं देखी गयी। अाखिरकार मुख्यमंत्री को यह कहना पड़ा कि सरकार खुद अपने बलबूते कड़पा में स्टील प्लांट की स्थापना करेगी।
कड़पा में स्टील प्लांट की स्थापना के लिये 11 दिनों तक अामरण अनशन करने वाले सांसद सी.एम. रमेश एवं बी.टेक रवि अब पार्जी नेताअों के अलावा लोगों के बीच हास्य के पात्र बन गये हैं। लोगों को पहले से ही इस बात की जानकारी थी कि अनशन की समाप्ति कैसे होगी।
मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायुडू भी इस बात को भलिभाँति जानते थे कि केन्द्र सरकार इस मामले को लेकर राजी नहीं होगी, शायद इसी कारण अनशन समाप्त करवाने के लिये वे खुद कड़पा पहुँचे। अब पार्जी में यह सवाल उठने लगा है कि अाखिरकार मुख्यमंत्री नारा चन्द्रबाबू नायुडू ने सी.एम. रमेश को अनशन के लिये अनुमति क्यों दी। हालात कुछ ऐसे बन गये थे कि पार्जी के नेता ही सी.एम. रमेश एवं बी.टेक रवि के अनशन को लेकर मजाक उड़ाने लगे। पार्जी के सांसद जे.सी. दिवाकर रेड्डा ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि अनशन से कुछ भी हासिल नहीं होगा, जबकि कुछ अन्य नेताअों ने कहा था कि वजन घटाने के लिये उन्हें भी कुछ समय के लिये अनशन करना चाहिए।
विपक्ष ने भी सत्ता पक्ष के नेताअों के कटाक्ष को लेकर चुटकी ली। इससे पूर्व सी.एम. रमेश ने कहा था कि जब तक केन्द्र सरकार स्टील प्लांट को लेकर स्पष्ट अाश्वासन नहीं देती है, तब तक उनका अनशन जारी रहेगा, लेकिन केन्द्र सरकार की ओर से अाश्वासन न मिलने के बाद अाखिरकार उन्हें अनशन तोड़ना पड़ा। यहाँ तक कि लोगों में इस अनशन को लेकर सहानुभूति भी देखने को नहीं मिली। यह कहा जा सकता है कि नायुडू यह कहने में सफल रहे कि अनशन के दौरान वाईएसअार कांग्रेस ने इसका समर्थन नहीं किया।
दूसरे शब्दों में कहा जाए तो 11 दिनों तक चला यह अनशन पूरी तरह ठप्प रहा और लोगों में इसे लेकर कोई सहानुभूति भी नहीं देखी गयी। अाखिरकार मुख्यमंत्री को यह कहना पड़ा कि सरकार खुद अपने बलबूते कड़पा में स्टील प्लांट की स्थापना करेगी।