दहाड़ेगी शहादत : राज्यपाल शासन में अातंकियों पर कोई नरमी नहीं

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श्रीनगर, 20 जून
कश्मीर में अातंकियों ने जिस राइफलमेन औरंगजेग को यातनाएँ देकर मार डाला था उसके परिजनों से मिलने के लिए बुधवार को रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण जम्मू के मेंढर तहसील के सलानी गाँव पहुँची। रक्षा मंत्री इस दौरान औरंगजेब के परिजनों से मिलीं और बातचीत कीं। इस अवसर पर सेना प्रमुख ने संवाददाताअों से बातचीत में यह साफ किया कि राज्यपाल शासन से अातंकियों के खिलाफ अॉपरेशन पर कोई फर्व नहीं पड़ेगा।
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने परिवार को सहायता राशि के रूप में चेक भी सौंपा। औरंगजेब के पिता ने कहा कि अलगाववादी कश्मीर के युवाअों को बेववूफ बना रहे हैं। उन्होंने राज्यपाल शासन लगाए जाने का स्वागत किया और कहा कि ये पहले ही हो जाना चाहिए था।
इस दौरान रक्षामंत्री ने औरंगजेब के पिता मोहम्मद हनीफ और भाई से बात की। निर्मला ने काफी देर तक औरंगजेब के पिता से बात की। शहीद औरंगजेब के परिवार से मिलने के बाद निर्मला सीतारमण ने कहा कि अाज मैंने औरंगजेब के परिवार के साथ समय बिताया, ये परिवार पूरे देश के लिए प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि एक संदेश जो मैं यहाँ से वापस ले जा रही हूँ वह यह है कि यहाँ एक शहीद का परिवार है, जो पूरे देश के लिए प्रेरणा के रूप में खड़ा है। गौरतलब है कि ईद के मौके पर पुलवामा से घर अाते समय अातंकियों ने राइफलमैन औरंगजेब का अपहरण कर उसकी बर्बरतापूर्वक हत्या कर दी थी। इससे पहले सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को शहीद औरंगजेब के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी थी। सलानी में सेना अध्यक्ष के अाने से पूरा गाँव छावनी में तब्दील हो गया था। उन्होंने शहीद के पिता पूर्व सैनिक मोहम्मद हनीफ, माँ राज बी और भाइयों के साथ मुलाकात कर उन्हें सांत्वना देते हुए कहा था कि औरंगजेब पर पूरे देश को नाज है और पूरा देश और भारतीय सेना अापके साथ है।
इस अवसर पर गाँव की मस्जिद के इमाम की अगुवाई में जनरल बिपिन रावत अन्य सैन्य अधिकारियों व औरंगजेब के परिजनों ने उसकी अात्मा की शांति के लिए दुअा की। करीब  पौने घंटा सलानी में बिताने के बाद जनरल रावत ने कृष्णा घाटी में नियंत्रण रेखा के अग्रिम क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने नियंत्रण रेखा पर तैनात सेना के जवानों से मुलाकात कर विकट परिस्थितियों में पूरे जोश से देश की सुरक्षा में लगे जवानों की पीठ थपथपाई। सेना प्रमुख ने संवाददाताअों से बातचीत में यह साफ किया कि राज्यपाल शासन से अातंकियों के खिलाफ अॉपरेशन पर कोई फर्व नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सेना के काम पर कोई राजनीतिक दखल नहीं दिया जा रहा है। हमनें केवल रमजान के दौरान (जम्मू‚कश्मीर में) अॉपरेशन बंद किया था। लेकिन हमने देखा कि क्या हुअा?
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