अातंकवादी बैंक खाते - टेरर फंडिंग के 6 अारोपी गिरफ्तार

hindi news 26 june Terrorist bank accounts  arrested for terror funding

टेरर फंडिंग के 6 अारोपी गिरफ्तार
गोरखपुर, 25 जून-(एजेंसियाँ)
नेपाल से सटा होने के चलते गोरखपुर टेरर फंडिंग का ट्रांजिट प्वाइंट बन गया है। अातंकियों से इंटरनेट कॉल के जरिए संपर्क में रहने वाले गोरखपुर से पकड़े गए 6 अारोपियों ने सैकड़ों खाते खुलवाकर करोड़ों रूपये की टेरर फंडिंग का काम किया है। वहीं पूरे देश में 1,500 से अधिक बैंक खातों पर संदेह के अाधार पर जाँच की जा रही है। इसमें जनधन और छात्रवृत्ति से जुड़े ज्यादातर खाते होने का एटीएस ने अाशंका जताई है। एटीएस सूत्रों के मुताबिक, टेरर फंडिंग का नेटवर्क देश भर में संचालित हो रहा है। पाकिस्तान वाया नेपाल के बाद अब गोरखपुर व अास-पास के ज़िले इस धंधे के ट्रांजिट प्वाइंट बन चुके हैं। इनमें से पकड़े गए सभी दस अारोपियों ने एक-दो नहीं, बल्कि सैकड़ों फजाa बैंक अकांउट के जरिए करोड़ों की टेरर फंडिंग की है। इसके लिए देशभर में एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया जा चुका है, जो पाकिस्तान में बैठे अाकाअों के इशारे में नेपाल व मस्कट से संचालित हो रहा है। गोरखपुर सहित प्रदेश भर में 24 मार्च को हुई ताबड़तोड़ गिरफ्तारियों के बाद बैंक और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट भी एटीएस सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियों की जाँच के दायरे में अा गए हैं। एटीएस के हाथ लगे करीब 1,500 से अधिक बैंक खातों की जाँच कराई जा रही है। इस बात की भी पड़ताल की जा रही है कि लगातार जनधन खातों और बचत खातों में हो रहे इन ट्रांजेक्शन पर बैंकों ने कभी कोई कदम क्यूँ नहीं उठाए।
इस बात की जानकारी जुटाई जा रही है कि इसकी सूचना पुलिस या अन्य एजेंसियों को क्यूँ नहीं दी गई। इसके अलावा एटीएस इस बात का भी पता लगाने में जुटी है कि लगातार लोगों के पास बढ़ रहे धन और प्रॉपर्जी के खिलाफ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कभी कोई एक्शन क्यों नहीं लिया। इन पर किसी तरह की कार्रवाई तो दूर, अाईटी की ओर से कभी ऐसे लोगों की जाँच तक नहीं कराई गई। ऐसे में अब एटीएस बैंकों व अाईटी से भी ऐसे लोगों की डिटेल जुटाने में लगी है। टेरर फंडिंग के मामले में  गिरफ्तार अारोपियों में कुछ का एटीएस नार्को टेस्ट करा सकती है। अारोपियों के खिलाफ सबूत मिलने के बाद ही उनकी गिरफ्तारियाँ की गई हैं। टीम इनके खिलाफ और भी सबूत जुटाने में लगी है, जिससे ऐसे लोग किसी भी दशा में बचने न पाएँ। गोरखपुर के मोबाइल कारोबारी नसीम व अरशद उर्फ बॉबी, मध्य-प्रदेश के रीवा का रहने वाला उमा प्रताप सिंह और कुशीनगर पडरौना के मुशर्रफ अंसारी उर्फ निखिल राय का एटीएस नार्को टेस्ट भी करा सकती है, लेकिन पहले टीम अारोपियों से पूछताछ करेगी और उसके बाद नार्को टेस्ट होगा।
अारोपियों के पास से एटीएस को मिले बैंक खातों के जरिए टीम अब तक 200 से अधिक बैंक खातों की डिटेल हासिल कर चुकी है। बैंकों व अाईटी के जरिए एटीएस इन सभी बैंक अकाउंट्स की स्कैनिंग शुरू कर दी है। ऐसे में खातों की स्कैनिंग का काम पूरा होते ही इससे और भी लोगों पर एटीएस शिकंजा कस सकता है। अारोपी फजाa जनधन खाते और स्कॉलरशिप अकाउंट के जरिए ही टेरर फंडिंग का काम करते हैं।
ऐसे में इस बात का पता लगाया जा रहा है कि देशभर में अब तक इनके जरिए इस तरह के कितने खाते खुल चुके हैं। इसमें कई बड़े नाम भी शामिल होने की अाशंका है। ऐसे में टीम इसकी गहनता से जाँच शुरू कर दी है। इन खातों के जरिए यूपी एटीएस के हाथों इससे भी बड़ी कामयाबी लग सकती है।
टेरर फंडिंग के मामले में यूपी एटीएस ने 24 मार्च को गोरखपुर सहित पाँच राज्यों से दस लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें गोरखपुर के दो बड़े मोबाइल कारोबारियों सहित छह अारोपियों की गिरफ्तारी एटीएस ने गोरखपुर से ही की थी। सभी को एटीएस ने कोर्ट में पेश करने के बाद पाँच दिनों की ट्रांजिट रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की थी। पहले दिन की पूछताछ में ही अारोपियों ने कई राज उगले थे। उसके अाधार पर एटीएस सहित देश भर की सुरक्षा एजेंसियाँ सतर्क हो गईं हैं। माना जा रहा है कि सुरक्षा एजेंसियाँ अब सिर्फ गोरखपुर में ही नहीं, बल्कि देश भर में टेरर फंडिंग की स्लीपर सेल को खंगालेंगी।
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