बच्चे की तड़प-तड़प कर मौत
कोटा, 3 जुलाई-(एजेंसियाँ)शहर के संस्था संचालित अस्पताल भारत विकास परिषद् अस्पताल में घोर लापरवाही सामने अाई है। अस्पताल के डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की एक भूल ने परिवार की खुशियाँ मातम में तब्दील कर दीं। अस्पताल प्रशासन दो दिन के नवजात को वार्मर में रखकर भूल गया, जिससे उसकी तड़प-तड़प के मौत हो गई।
दादाबाड़ी प्रताप नगर स्थित अस्पताल के स्टाफ और डॉ. अविनाश बंसल के खिलाफ छावनी रामचन्द्र पुरा निवासी दिनेश साहू ने बच्चे की हत्या का अारोप लगाया है। दूसरी तरफ दादाबाड़ी थाने में अस्पताल के खिलाफ शिकायत देने के बाद मुकदमा दर्ज नहीं करने पर एसपी को परिवाद दिया गया है। पीड़ित दिनेश साहू ने बताया कि उसकी पत्नी संगीता को 28 जून को अस्पताल में डिलेवरी के लिए भर्ती करवाया गया था,
जहां जुडवाँ बच्चों का जन्म हुअा। जन्म के समय दोनों की हालत ठीक थी, लेकिन चिकित्सक ने एक बच्चे की हालत कमज़ोर बताकर उसे वार्मर (फोटोथेरेपी) में रखवा दिया। उस नवजात को स्टाफ वार्मर में रखकर भूल गया, जिससे नवजात की चमड़ी झुलस गई और उसकी मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल पर अारोप लगाया है कि दो दिन नवजात को वार्मर में रखने से उसकी स्किन पूरी तरह से झुलसकर काली पड़ गई थी। नवजात की मौत के बावजूद अस्पताल ने अगले दिन सुबह नवजात का शव दिया। चिकित्सक एवं स्टाफ से नवजात की मौत के बारें में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि दिल में छेद और कमजोरी के कारण नवजात की मौत हुई है।