हैदराबाद, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने तेलंगाना मुत्ति दिवस पर समस्त तेलंगानावासियों को महाराष्ट्र वासियों की ओर से शुभकामनाएं दीं और कहा कि हैदराबाद मुत्ति दिवस 17 सितंबर पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को नमन करने का बेहतर अवसर है और इस दिन को वर्ष 2023 तक मनाया जाएगा । उन्होंने हर्ष व्यत्त करते हुए कहा कि इस मुत्ति संगरम को नई पीढी तक ले जाने में इससे बेहतर प्रयास और क्या हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत को स्वतंत्रता मिलने के 1 साल बाद निजाम की मुट्ठी से हैदराबाद आजाद हुआ और 17 सितंबर स्वतंत्रता के इतिहास में एक गोल्डन पेज है।
शिंदे ने कहा कि वर्ष 1938 से ही निजाम के खिलाफ जनाक्रोश बढता जा रहा था आखिरकार वर्ष 1948 मेंं लौह पुरुष सरदार पटेल द्वारा ऑपरेशन पोलो पुलिस एक्शन के चलते भारत को एक संघ के रूप में रखने की सफलता हासिल हुई। उन्होंने स्वामी रामानंद तीर्थ आदि के नाम गिनाए और कहा कि निजाम के खिलाफ बडा आंदोलन खडा किया गया जिसमें हजारों सेनानियों ने अपना योगदान दिया और आखिरकार विजय परप्त हुई।
शिंदे ने कहा कि वर्ष 1938 से ही निजाम के खिलाफ जनाक्रोश बढता जा रहा था आखिरकार वर्ष 1948 मेंं लौह पुरुष सरदार पटेल द्वारा ऑपरेशन पोलो पुलिस एक्शन के चलते भारत को एक संघ के रूप में रखने की सफलता हासिल हुई। उन्होंने स्वामी रामानंद तीर्थ आदि के नाम गिनाए और कहा कि निजाम के खिलाफ बडा आंदोलन खडा किया गया जिसमें हजारों सेनानियों ने अपना योगदान दिया और आखिरकार विजय परप्त हुई।
एकनाथ शिंदे ने बताया कि महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर (औरंगाबाद) से आज यहां पुहंचे हैं और हर साल मराठवाडा मुत्ति संगरम दिन के रूप में मनाया जाता है। मुख्यमंत्री जाकर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की भूरी-भूरी प्रशंसा की और कहा कि कश्मीर से धारा 370 हटाने की जो हिम्मत दिखाई है उसके लिए अभिनंदन है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का दायित्व संभालने के बाद पहला कार्यक्रम हर घर तिरंगा अभियान था जिसे राज्य में सफल बनाने की चुनौती थी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के करीब ढाई करोड़ घरों पर तिरंगा लहराकर अभियान को सफल बनाया गया। उन्होंने कहा कि पहले तिरंगा केवल स्कूलों व शिक्षण संस्थानों तक ही सीमित था आम आदमी को इसे फहराने का मौका न के बराबार मिलता था परंतु हर घर तिरंगा के माध्यम से राष्ट्रीय ध्वज आम आदमी तक पहुंचा जिसे फहराने का हक सभी को परप्त हुआ।