सबके लिए खुले हों जगन्नाथ के द्वार

Jagannath should be open to everyone 6July2018
पुरी रथ यात्रा से पहले महत्वपूर्ण अदालती अादेश
नई दिल्ली, 5 जुलाई-(भाषा)
पुरी की वार्षिक रथ यात्रा के पहले एक महत्वपूर्ण अादेश में उच्चतम न्यायालय ने अाज जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन को निर्देश दिया कि वह हर श्रद्धालु को पूजा की अनुमति देने पर विचार करे, भले ही वह किसी भी पंथ का हो। न्यायालय ने हालाँकि कहा कि श्रद्धालु को अनुमति ड्रेस कोड के संबंध में नियामक उपायों के तहत होगी।

न्यायालय के पूर्व के एक अादेश का जिक्र करते हुए न्यायमूर्ति अादर्श गोयल और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर की पीठ ने कहा कि हिंदू धर्म किसी अन्य विश्वास को खत्म नहीं करता है। यह सदियों के अनन्त विश्वास और ज्ञान और प्रेरणा को दर्शाता है। न्यायालय ने कहा कि न केवल राज्य, बाल्कि केंद्र भी धार्मिक स्थानों के संबंध में अागंतुकों द्वारा सामना की जाने वाली परेशानियों, प्रबंधन में कमी, स्वच्छता का रखरखाव, चढ़ावे का उचित उपयोग और संपत्तियों की सुरक्षा के पहलुओं पर गौर कर सकता है।

न्यायिक हस्तक्षेप के लिए रास्ता साफ करते हुए पीठ ने कहा कि पूरे भारत में हर जिला न्यायाधीश अपने अधिकार क्षेत्र के तहत खुद या किसी अदालत के माध्यम से ऐसे मामलों की जाँच कर सकते हैं और संबंधित उच्च न्यायालय को एक रिपोर्ट भेज सकते हैं। ऐसी रिपोर्ट को जनहित याचिका के तौर पर माना जा सकता है। न्यायमूर्ति गोयल ने अवकाशग्रहण करने से एक दिन पहले केंद्र को निर्देश दिया कि सेवकों की नियुक्ति, श्रद्धालुओं के उत्पीड़न अादि के संबंध में पुरी के जिला न्यायाधीश द्वारा उठाए गए मुद्दों पर विचार करने के लिए दो हफ्ते में एक समिति गठित करे।

पीठ ने केंद्र की समिति को 31 अगस्त तक अंतरिम रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।
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