कर्नाटक चुनाव का असर पड़ सकता है कर्नूल पर

Karnataka results may have an impact on Karnool

कर्नूल, 19 मई-(मिलाप डेस्क)
कर्नाटक में भाजपा के सत्ता से दूर होने के बाद अब इस बात को लेकर चर्चा है कि इसका असर कर्नूल जिले पर भी पड़ सकता है। सूत्रों का कहना है कि गाली जनार्दन रेड्डा के करीबी माने जाने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ जिले के वाईएसअार कांग्रेस के एक विधायक ने चुनाव प्रचार किया था। अब यह सवाल उठने लगा कि बल्लारी के चुनाव परिणाम का असर क्या कर्नूल जिले के वाईएसअार कांग्रेस के नेताअों के टिकट अावंटन पर असर पड़ सकता है।
बल्लारी जिले में भाजपा की जीत के लिए गाली जनार्दन रेड्डा ने जमकर चुनाव प्रचार किया था, जबकि दूसरी ओर कर्नूल जिले के अालुरू निर्वाचन क्षेत्र के वाईएसअार कांग्रेस के विधायक जी. जयराम ने इसके विरोध में चुनाव प्रचार किया। जयराम का एक रिश्तेदार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और इस दौरान जयराम ने उनके समर्थन में चुनाव प्रचार किया।
खास बात यह है कि गाली जनार्दन रेड्डा और जयराम काफी अच्छे दोस्त रहे हैं। वर्ष 2014 में हुए चुनाव के दौरान जयराम को अालुरू से टिकट दिलाने का श्रेय गाली जनार्दन रेड्डा को ही जाता है। इसी व्रम में जयराम को तेदेपा ने पार्टी में शामिल होने का अामंत्रण दिया।
इस बारे में जानकारी मिलने के तुरंत बाद गाली जनार्दन रेड्डा ने जयराम को तेदेपा में जाने से रोका। कहा जा रहा है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर जयराम और गाली के बीच मनमुटाव का सिलसिला अारंभ हो गया। जयराम के भाई नागेंद्र बल्लारी रूरल विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा। श्रीरामुलू के मामा फकीरप्पा के खिलाफ उन्होंने चुनाव जीता।
दूसरी ओर जयराम के दामाद मुरलीकृष्णा श्रीगुप्पा ने विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और भाजपा उम्मीदवार सोमलिंगप्पा से हार गये। चुनाव प्रचार के दौरान जयराम ने बल्लारी रूरल और श्रीगप्पा विधानसभा क्षेत्रों में ­भाजपा के विरोध में चुनाव प्रचार किया। इस मुद्दे को लेकर भी गाली जनार्दन रेड्डा काफी नाराज हैं। उन्होंने सीधे इस बात की चुनौती दी है कि अाने वाले अाम चुनाव में वाईएसअार कांग्रेस से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव नहीं लड़ने देंगे।
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