स्वार्थ की राजनीति के लिए तिरूमला मंदिर का उपयोग कर रहे हैं बाबू : करूणाकर रेड्डा

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हैदराबाद, 17 मई
(मिलाप डेस्क)
वाईएसअार कांग्रेस पाटाa (वाईकांपा) के नेता भूमना करूणाकर रेड्डा ने अारोप लगाया कि मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायुडू अपनी स्वार्थपूर्ण की राजनीति के लिए तिरूमला के श्री वेंकटेश्वर स्वामी का उपयोग कर रहे हैं।
अाज यहाँ मीडिया से बातचीत करते हुए करूणाकर रेड्डा ने कहा कि तिरूमला मंदिर के पुजारी अारोप लगा रहे हैं कि अब तक जो अप्रिय घटनाएँ तिरूमला में नहीं घटी, वे अब घट रही हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर के मुख्य पुजारी रमणा दीक्षितुलू द्वारा लगाये गये अारोपों का जवाब तेलुगु देशम पाटाa (तेदेपा) के नेता नहीं दे पा रहे हैं। की गई गलती पर प्रश>> करने पर रमणा दीक्षितुलू के खिलाफ कार्रवाई करना कहाँ तक सही है? उन्होंने कहा कि मंदिरों को ध्वस्त करने का श्रेय मुख्यमंत्री चंद्रबाबू को ही जाता है।
करूणाकर रेड्डा ने कहा कि अगले दो वर्ष तक सत्ता में रहने वाले वर्षों से मंदिर में पूजा करने वाले पुजारी के खिलाफ किस प्रकार कार्यवाही कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि तिरूमला के पुजारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार चंद्रबाबू को नहीं है। वे कलियुग के वैकुण्ठ के रूप में प्रसिद्ध तिरूमला को नर्व नहीं बना सकते। उन्होंने कहा कि चंद्रबाबू नायुडू के शासनकाल में विजयवाड़ा के अतराफ लगभग 45 मंदिरों को ध्वस्त किया गया। अब चंद्रबाबू नायुडू ब्राह्मणों को कुचलने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने अारोप लगाया कि चंद्रबाबू के शासन में भ्रष्टाचार, अापराधिक घटनाएँ अधिक हो रही हैं। विजयवाड़ा के कनक दुर्गा मंदिर में जिस प्रकार की पूजा की गई थी, उसी प्रकार की पूजा तिरूमला में भी किए जाने का खुलासा पुजारियों द्वारा करने के डर से मुख्यमंत्री पहले ही उनके खिलाफ कार्रवाई करना चाहते हैं।
करूणाकर ने कहा कि वेंकटेश्वर स्वामी के खिलाफ बाबू द्वारा अनावश्यक बयानबाज़ी करने के बाद अलिपिरी की घटना घटी। उन्होंने कहा कि मंदिरों की भूमियों को सस्ती दरों पर खरीदने का इतिहास चंद्रबाबू का है। उन्होंने कहा कि पुजारियों की व्यवस्था में हस्तक्षेप कर चंद्रबाबू नायुडू हिन्दू धर्म की परंपरा का नाश करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके शासनकाल में ही तिरूमला में एक हज़ार स्तम्भों के मंडप को ढहा दिया गया।
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