हैदराबाद, 5 जुलाई-(मिलाप ब्यूरो)
श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रमणोपासक संघ के तत्वावधान में रामकोट स्थित गुजराती उपाश्रय में श्रमण संघीय सलाहकार सुमतिप्रकाशजी म.सा., उपाध्याय प्रवर डॉ. विशालमुनिजी म.सा. अादि ठाणा तथा साध्वी विरक्तिश्रीजी म.सा., साध्वी विभाश्रीजी म.सा. अादि ठाणा के सान्निध्य में प्रवचन सभा का अायोजन किया गया। अवसर पर अभिषेकमुनिजी म.सा. ने कहा कि तप 12 प्रकार के होते हैं- बाह्यतप एवं अभ्यंकर (अांतरिक) तप है। अांतरिक तप में स्वाध्याय और ध्यान को महत्व दिया गया है। ज्ञानियों ने कहा कि स्वाध्याय के समान कोई तप नहीं है। स्वाध्याय करने से पूर्व में किये गये कर्मों का क्षय (प्रायश्चित) होता है।
अाज यहाँ रतनचंद कटारिया एवं भरत डागा द्वारा जारी संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, म.सा. ने अागे कहा कि स्वाध्याय एवं ध्यान के माध्यम से अात्मा को निर्मल बना सकते हैं। ध्यान से अात्म ज्ञान की प्राप्ति होती है। म.सा. ने कहा कि प्रभु महावीर ने साढ़े बारह वर्षों की तपश्चर्या काल में मात्र 349 दिन अाहर ग्रहण किया और 120 पारणा अायंबिल द्वारा किया। स्वाध्याय करने से साधक के ज्ञान में वृद्धि होती है।
अभिषेकमुनिजी ने बताया कि सुमतिप्रकाशजी म.सा. की 48 वर्षों से निरंतर अायंबिल तप अाराधना चल रही है। उन्होंने 7 जुलाई 1971 को अायंबिल तप अाराधना का शुभारंभ किया था। वर्तमान सवा लाख नमोकार मंत्र जाप अारंभ किया है। 8 जुलाई को इसकी पूर्णाहुति होगी। इस दिन गुरूदेव मंगलकारी महामांगलिक प्रदान करेंगे। इससे पूर्व साध्वी विरक्तिश्रीजी म.सा. ने स्तवन प्रस्तुत करने के साथ कहा कि बुरा कहने, बुरा देखने और बुरा सुनने से बचना चाहिए। जिनवाणी श्रवण करना अत्यंत कल्याणकारी है। स्वाध्याय और ध्यान करके जीवन को सार्थक बनाना चाहिए।
अवसर पर पुनीतमुनिजी म.सा. ने स्तवन प्रस्तत किया। उन्होंने बताया कि गुरूदेव सुमतिप्रकाशजी म.सा. की दीर्घ तपस्या के उपलक्ष्य में गुजराती उपाश्रय में गीतों का कार्यक्रम दोपहर 1 बजे से होगा। गुजराती संघ के उपाध्यक्ष भरत शाह ने धर्मसभा का संचालन किया। संघ के अध्यक्ष विजयभाई संघवी ने गुरूभगवंतों के दर्शन वंदन करने की श्रद्धालुअों से अपील की। श्रमणोपासक संघ के महामंत्री किशोर कुमार मुथा ने बताया कि सुमतिप्रकाशजी म.सा के नमोकार महामंत्र जाप की पूर्णाहूति एवं महामांगलिक के अायोजन का लाभ श्रमणोपासक संघ को प्राप्त हुअा है।
श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रमणोपासक संघ के तत्वावधान में रामकोट स्थित गुजराती उपाश्रय में श्रमण संघीय सलाहकार सुमतिप्रकाशजी म.सा., उपाध्याय प्रवर डॉ. विशालमुनिजी म.सा. अादि ठाणा तथा साध्वी विरक्तिश्रीजी म.सा., साध्वी विभाश्रीजी म.सा. अादि ठाणा के सान्निध्य में प्रवचन सभा का अायोजन किया गया। अवसर पर अभिषेकमुनिजी म.सा. ने कहा कि तप 12 प्रकार के होते हैं- बाह्यतप एवं अभ्यंकर (अांतरिक) तप है। अांतरिक तप में स्वाध्याय और ध्यान को महत्व दिया गया है। ज्ञानियों ने कहा कि स्वाध्याय के समान कोई तप नहीं है। स्वाध्याय करने से पूर्व में किये गये कर्मों का क्षय (प्रायश्चित) होता है।
अाज यहाँ रतनचंद कटारिया एवं भरत डागा द्वारा जारी संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, म.सा. ने अागे कहा कि स्वाध्याय एवं ध्यान के माध्यम से अात्मा को निर्मल बना सकते हैं। ध्यान से अात्म ज्ञान की प्राप्ति होती है। म.सा. ने कहा कि प्रभु महावीर ने साढ़े बारह वर्षों की तपश्चर्या काल में मात्र 349 दिन अाहर ग्रहण किया और 120 पारणा अायंबिल द्वारा किया। स्वाध्याय करने से साधक के ज्ञान में वृद्धि होती है।
अभिषेकमुनिजी ने बताया कि सुमतिप्रकाशजी म.सा. की 48 वर्षों से निरंतर अायंबिल तप अाराधना चल रही है। उन्होंने 7 जुलाई 1971 को अायंबिल तप अाराधना का शुभारंभ किया था। वर्तमान सवा लाख नमोकार मंत्र जाप अारंभ किया है। 8 जुलाई को इसकी पूर्णाहुति होगी। इस दिन गुरूदेव मंगलकारी महामांगलिक प्रदान करेंगे। इससे पूर्व साध्वी विरक्तिश्रीजी म.सा. ने स्तवन प्रस्तुत करने के साथ कहा कि बुरा कहने, बुरा देखने और बुरा सुनने से बचना चाहिए। जिनवाणी श्रवण करना अत्यंत कल्याणकारी है। स्वाध्याय और ध्यान करके जीवन को सार्थक बनाना चाहिए।
अवसर पर पुनीतमुनिजी म.सा. ने स्तवन प्रस्तत किया। उन्होंने बताया कि गुरूदेव सुमतिप्रकाशजी म.सा. की दीर्घ तपस्या के उपलक्ष्य में गुजराती उपाश्रय में गीतों का कार्यक्रम दोपहर 1 बजे से होगा। गुजराती संघ के उपाध्यक्ष भरत शाह ने धर्मसभा का संचालन किया। संघ के अध्यक्ष विजयभाई संघवी ने गुरूभगवंतों के दर्शन वंदन करने की श्रद्धालुअों से अपील की। श्रमणोपासक संघ के महामंत्री किशोर कुमार मुथा ने बताया कि सुमतिप्रकाशजी म.सा के नमोकार महामंत्र जाप की पूर्णाहूति एवं महामांगलिक के अायोजन का लाभ श्रमणोपासक संघ को प्राप्त हुअा है।
पंकजमुनिजी अादि ठाणा का प्राप्त होगा सान्निध्य
पंकजमुनिजी अादि ठाणा-5 शुक्रवार 6 जुलाई को सुबह काचीगुड़ा स्थित जिनेश्वर धाम से विहार कर ज्ञानचंद राजेश सुराणा के रूक्मिणी अपार्टमेंट (जैन सेवा संघ भवन के पीछे) में पदार्पण करेंगे। वे गुजराती उपाश्रय में सुमतिप्रकाशजी म.सा. के प्रवचन सभा में सान्निध्य प्रदान करड्डागे। संघ के अध्यक्ष बाबूलाल कांकरिया एवं महामंत्री किशोर मुथा ने लोगों से गुजराती उपाश्रय में प्रवचन श्रवण करने की अपील की है।