नौकरशाही में नये प्रयोग की सार्थकता


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नया भारत निर्मित करना चाहते हैं। इसके लिए देश के प्रशासनिक क्षेत्र को सशत्त बनाने एवं नौकरशाही को दक्ष, प्रभावी एवं कार्यकारी बनाने की तीव्र अावश्यकता है। नौकरशाही को प्रभावी, सक्षम एवं कार्यक्षम बनाने और उसमें नए तौर-तरीकों को समाहित करने के इरादे से संयुत्त सचिव पद के स्तर पर निजी क्षेत्र के दक्ष, विशेषज्ञ पेशेवर लोगों को नियुत्त करने का फैसला एक नई पहल है, जिसका स्वागत किया जाना चाहिए।
 एक अरसे से यह महसूस किया जा रहा था कि नौकरशाही में ऐसे प्रतिभाशाली पेशेवर लोगों का प्रवेश होना चाहिए, जो अपने-अपने क्षेत्र में विशेष योग्यता के साथ अनुभव से भी प्रतिभाशाली हों, दक्ष हों। लेकिन अनेक कारण रहे, जिससे इस बारे में अब तक कोई फैसला नहीं लिया जा सका। देर से ही सही, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने विभिन्न क्षेत्रों के मेधावी एवं अनुभवी पेशेवर लोगों के अावेदन माँगकर एक नई शुरूअात की है। प्रश्न उठ सकता है कि इतने ऊंचे वेतन एवं साधन-सुविधाअों के बावजूद भारत सरकार एवं राज्य सरकार के उच्च पदों पर योग्य एवं प्रतिभाशाली व्यत्तियों का चयन क्यों नहीं होता? उत्तर है- अारक्षण के नाम पर राजनीतिक रोटियाँ सेंकने वाले राजनीतिक दल यह संभव नहीं होने देते। मोदी सरकार ने यह साहस किया है, तो निश्चित ही भारत की तस्वीर बदलेगी।
यह एक नयी एवं अभिनव शुरूअात है, भले ही प्रारंभ में दस पदों के लिए अावेदन माँगे गए हैं। इन पदों के लिए सक्षम व्यत्ति अागे अाएँ, इस हेतु तय किया गया है कि अावेदन करने वाले निजी क्षेत्र या किसी सार्वजनिक उपक्रम अथवा शैक्षिक संस्थान में पेशेवर के तौर पर कार्यरत हों और कम से कम 15 वर्ष का अनुभव रखते हों। पात्रता की ऐसी शर्तों के चलते यह उम्मीद की जाती है कि सरकार वास्तव में मेधावी एवं अपने काम में दक्ष, विशेषज्ञ एवं प्रतिभा-सम्पन्न लोगों को खुद से जोड़ने में सक्षम होगी। उम्मीद यह भी की जाती है कि वे पेशेवर इस अवसर का लाभ उठाने के लिए अागे अाएँगे, जिनके पास अनुभव के साथ विशेष योग्यता है और जो देश एवं समाज के लिए कुछ कर दिखाना चाहते हैं। देश के सर्वोच्च प्रतिभा-सम्पन्न लोग इस मौके को हाथोंहाथ लेंगे और सेवा करने के लिए अागे अाएँगे। राजनीतिक जागृति के साथ प्रशासनिक जागृति का अभियान वर्तमान की बड़ी जरूरत है। नौकरशाहों पर नकेल कसना एवं उन्हें अपनी जिम्मेदारियों के लिए प्रतिबद्ध करना भी जरूरी है।
जब भी कोई बड़ा परिवर्तन किया जाता है, तो उसकी प्रतिक्रिया अवश्य होती है। संयुत्त सचिव स्तर के अधिकारी के तौर पर पेशेवर लोगों की भताa की इस पहल का यह कहते हुए विरोध किया जा रहा है कि सरकार तय प्रक्रिया का उल्लंघन कर रही है और वह पिछले दरवाजे से पसंदीदा लोगों को नौकरशाही में प्रवेश कराने का इरादा रखती है। यह स्पष्ट ही है कि ऐसे अालोचक इस तथ्य की जानबूझकर अनदेखी कर रहे हैं कि सरकार केवल पेशेवर एवं अनुभवी लोगों को ही संयुत्त सचिव स्तर पर नियुत्त करने जा रही है। यह सही है कि ये वे पेशेवर होंगे, जिन्होंने न तो सिविल सेवा परीक्षा दी होगी और न ही इस परीक्षा के बाद लिया जाने वाला प्रशिक्षण प्राप्त किया होगा, लेकिन केवल वही मेधावी नहीं होते जिन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास की होती है। देश में तमाम ऐसे पेशेवर हैं, जिन्होंने अाइएएस अधिकारियों से कहीं बेहतर काम कर दिखाया है। निःसंदेह अाइएएस अधिकारियों की अपनी अहमियत है, लेकिन यह कहना ठीक नहीं कि केवल वही देश की बेहतर तरीके से सेवा कर सकते हैं। चूंकि यह एक नया प्रयोग है, इसलिए कुछ समय बाद ही यह पता चलेगा कि परिणाम अनुवूल रहे या प्रतिवूल!
इस पहल को, सरकार में वरिष्ठ पदों पर सीधी भताa के रूप में देखा जा रहा है। इस नयी पहल में अावेदक की न्यूनतम अायु 1 जुलाई 2018 को 40 साल से कम नहीं होनी चाहिए, साथ ही वे मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से स्नातक होने चाहिए। उच्च शिक्षा का उन्हें अतिरित्त लाभ मिलेगा। चयन के लिए उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया जाएगा। चयनित उम्मीदवार को तीन साल के करार पर रखा जाएगा। इसे अधिकतम पाँच साल तक बढ़ाया जा सकेगा। चयनित उम्मीदवारों को संयुत्त सचिव के स्तर का वेतनमान दिया जाएगा, साथ ही वे सरकारी अावास व वाहन जैसी सुविधाअों के भी हकदार होंगे।
 इस नयी शुरूअात से, उच्च पदों से अाईएएस का वर्चस्व खत्म होगा। वेंद्र सरकार को अपने 10 महत्वपूर्ण मंत्रालयों एवं क्षेत्रों जैसे- राजस्व वित्तीय सेवा, अार्थिक मामले, कृषि, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, पोत परिवहन, पर्यावरण, नवीकरणीय ऊर्जा, नागरिक उड्डयन और वाणिज्य के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाले मेधावी और उत्साही लोगों की जरूरत है। संयुत्त सचिव स्तर पर अधिकारियों की कमी से जूझ रही वेंद्र सरकार को इससे राहत मिलेगी। यह एक नया प्रयोग है, जिससे भारत सरकार के उच्च प्रशासन की शक्ल को नया अाकार मिलेगा।
इस नयी पहल से वेंद्र सरकार की वे बड़ी परियोजनाएँ, जो समय से पीछे चल रही हैं, शीघ्रता से पूरी हो सवेंगी। अाम तौर पर अब तक परियोजनाएँ इसीलिए लंबित होता
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