एमसीअार एचअारडी में वैश्वीकरण पर व्याख्यान अायोजित

Lecture on Globalization conducted in MCRHRD 30june
हैदराबाद, 29 जून (श्रद्धा विजयलक्ष्मी)
वरिष्ठ कूटनीतिज्ञ गुरजीत सिंह, अाईएफएस (सेवानिवृत) ने डॉ. एमसीअार एचअारडी इंस्टीटयूट, तेलंगाना में अायोजित कार्यक्रम में भाग लेकर फाउंडेशन कोर्स कर रहे ग्रुप-एक के अधिकारियों को संबोधित किया। `वैश्वीकरण-भारत पर प्रभाव' विषय पर व्याख्यान देते हुए उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण के संदर्भ में भारतीय दृष्टिकोण पश्चिमी देशों की तुलना में भिन्न है।

विषय पर विस्तार से चर्चा करते हुये गुरजीत सिंह ने कहा कि भारत ने विश्वव्यापी अवधारणा के रूप से वैश्वीकरण को अपनाया है। इसका उद्देश्य वसुधैव कुटुम्बकम अर्थात एक विश्व-एक परिवर है। पश्चिमी देशों का जोर इस संदर्भ में साम्राज्यवद तथा उपनिवेशवद पर रहा है। उन्होंने कहा कि दूसरे शब्दों में कहा जाए तो पश्चिमी देशों का वैश्वीकरण की अवधारणा का अर्थ व्यापार है, जबकि भारत का नजरिया विश्व शांति का है। गुरजीत सिंह ने अागे कहा कि भारत वैश्विक मंच पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वह कर रहा है। वर्तमान भारतीय विदेश नीति अातंकवद, जलवयु परिवर्तन तथा माहामारी जैसे विषयों पर विशेष रूप से केंद्रित है। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह तथा नरेंद्र मोदी ने वैश्विक अभियानों को प्रभावपूर्ण तरीके से सामने लाने में अपना विशेष योगदान दिया है। `वैश्वीकरण-भारत पर प्रभाव' विषय से जुड़े संदर्भों पर चर्चा करने के साथ-साथ संबंधित अन्य विषयों पर प्रकाश डालते हुये गुरजीत सिंह ने कहा कि दो देशों के रिश्तों के बीच संतुलन रखने वले राजदूत की भूमिका अाज के संदर्भों में बहुत चुनौतीपूर्ण है। इसका कारण अप्रत्याशित विश्व राजनीति तथा सक्रिय मीडिया है।

अवसर पर इंस्टीटयूट के डॉयरेक्टर जनरल तथा तेलंगाना सरकार के विशेष मुख्य सचिव बी.पी. अाचार्या ने गुरजीत सिंह को स्मृति चिह्न प्रदान किया।
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