दु:खों को सुख में बदल सकता है जीव : प्रतिभाश्रीजी

Life can convert sorrows to happiness says Prathiba Shriji 5July2018
खैरताबाद जैन स्थानक में साध्वी डॉ. प्रतिभाश्रीजी अादि ठाणा के दर्शन-वंदन का लाभ लेतीं खैरताबाद महिला मंडल की श्राविकाएँ।
 
हैदराबाद, 4 जुलाई (चन्द्रभान अार.)
`यह संसार विचित्रता, विविधता और विषमता से भरा हुअा है। ऐसे संसार में जीते हुए हर कदम पर दु:ख तो मिलेगा, लेकिन जीव में अपने दु:खों को सुख में बदलने की विशेषता होती है।'

अाज खैरताबाद जैन स्थानक में अायोजित धर्मसभा में श्रमण संघीय शासन ज्योति साध्वी डॉ. प्रतिभाश्रीजी म.सा. ने उक्त उद्ग़ार व्यक्त किए। साध्वीश्री ने प्रवचन को अागे बढ़ाते हुए कहा कि दु:ख को रोकना मनुष्य के बस की बात नहीं है, लेकिन दु:खों को सुख में बदलना उसके हाथ में ही है। जीवन में दु:ख नहीं है, हमारे देखने के ढंग में दु:ख है। हम दु:ख को कैसे देखते हैं, कहाँ से देखते हैं, किस दृष्टिकोण, बिन्दु से नापते हैं, इस पर ही सब कुछ निर्भर करता है। परिस्थिति को नहीं, मनःस्थिति को बदलने की साधना करें।

इससे पूर्व साध्वी सर्वज्ञाश्रीजी ने कहा कि समय का महत्व दो कारणों से है- पहला कि समय कभी रूकता नहीं और दूसरा कि समय कभी लौटता नहीं। इससे पूर्व रिक्ता पायल ने गीतिका प्रस्तुत की। साध्वी परीक्षाश्रीजी ने मानव जन्म पर सुमधुर गीतिका की प्रस्तुति दी।

सभा का संचालन संघ के मंत्री पारसमल चाणोदिया ने किया। फीलखाना संघ के अध्यक्ष जवरीमल भंसाली ने अपने विचार रखे। साध्वश्री गुरूवार, 5 जुलाई को खैरताबाद से विहार कर कृष्णा नगर पधारेंगी। प्रवचन के दौरान खैरताबाद महिला मंडल ने साध्वीश्री के दर्शन एवं प्रवचन का लाभ लिया।
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