हैदराबाद, 4 जुलाई (डीवी भीमशंकर)
पंचायतराज व ग्रामीण विकास मंत्री जूपल्ली कृष्णा राव ने कहा कि स्थानीय निकायों को और मजबूत करने के लिए सरकार कटिबद्धता से काम कर रही है। इसके अंतर्गत ही नया पंचायतराज कानून लाया गया है। जिला परिषद अध्यक्षों ने उनके कार्यकाल के कल, गुरूवार को 4 वर्ष पूरे होने के मद्देनज़र अाज सचिवालय में मंत्री से भेंट कर जिला परिषदों को निधियों का अावंटन करने की अपील की।
उन्होंने कहा कि 14वें वित्त अायोग द्वारा सीधे पंचायतों को ही निधियाँ देने के कारण जिला परिषदों के समक्ष अार्थिक संकट की स्थिति पैदा हो रही है। विगत में केंद्र सरकार की निधियाँ जिला परिषदों को मिलती थीं, परंतु नियमों में कुछ संशोधन करने से अब उक्त निधियाँ सीधे गाँवों को जा रही हैं। इस परिप्रेक्ष्य में जिला परिषदों को राहत दिलाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार पर है।
अवसर पर जिला परिषद अध्यक्षों ने एक-एक जिला परिषद को 50 से 60 करोड़ रूपये अावंटित करने का अाग्रह किया। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना की निधियों में से भी जिला परिषदों को कुछ हिस्सा देने, उनको भी विधायक व एमएलसी के समान प्रोटोकॉल लागू करने, जिला परिषद सीईओ पद पर स्थानीय निकायों से संबंधित मामलों पर अनुभवी व्यक्तियों को ही नियुक्त करने का अाग्रह भी किया।
मंत्री ने जिला परिषद अध्यक्षों की माँगों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि स्वर्णिम तेलंगाना को हासिल करने में स्थानीय निकायों की ही महत्वपूर्ण भूमिका होगी। ग्राम स्वराज्य को ध्यान में रख कर ही नया पंचायतराज कानून बनाया गया। अवसर पर उन्होंने सरकारी कल्याण योजनाएँ असली लाभान्वितों तक पहुँचाने के प्रति ध्यान देने का सुझाव दिया। मंत्री से मिले जेडपी अध्यक्षों में बालू नायक, बंडारी भास्कर, गंडीपल्ली कविता, तुला उमा, पद्मा, राजू, राजमणि मुरली अादि शामिल हैं।
पंचायतराज व ग्रामीण विकास मंत्री जूपल्ली कृष्णा राव ने कहा कि स्थानीय निकायों को और मजबूत करने के लिए सरकार कटिबद्धता से काम कर रही है। इसके अंतर्गत ही नया पंचायतराज कानून लाया गया है। जिला परिषद अध्यक्षों ने उनके कार्यकाल के कल, गुरूवार को 4 वर्ष पूरे होने के मद्देनज़र अाज सचिवालय में मंत्री से भेंट कर जिला परिषदों को निधियों का अावंटन करने की अपील की।
उन्होंने कहा कि 14वें वित्त अायोग द्वारा सीधे पंचायतों को ही निधियाँ देने के कारण जिला परिषदों के समक्ष अार्थिक संकट की स्थिति पैदा हो रही है। विगत में केंद्र सरकार की निधियाँ जिला परिषदों को मिलती थीं, परंतु नियमों में कुछ संशोधन करने से अब उक्त निधियाँ सीधे गाँवों को जा रही हैं। इस परिप्रेक्ष्य में जिला परिषदों को राहत दिलाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार पर है।
अवसर पर जिला परिषद अध्यक्षों ने एक-एक जिला परिषद को 50 से 60 करोड़ रूपये अावंटित करने का अाग्रह किया। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना की निधियों में से भी जिला परिषदों को कुछ हिस्सा देने, उनको भी विधायक व एमएलसी के समान प्रोटोकॉल लागू करने, जिला परिषद सीईओ पद पर स्थानीय निकायों से संबंधित मामलों पर अनुभवी व्यक्तियों को ही नियुक्त करने का अाग्रह भी किया।
मंत्री ने जिला परिषद अध्यक्षों की माँगों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि स्वर्णिम तेलंगाना को हासिल करने में स्थानीय निकायों की ही महत्वपूर्ण भूमिका होगी। ग्राम स्वराज्य को ध्यान में रख कर ही नया पंचायतराज कानून बनाया गया। अवसर पर उन्होंने सरकारी कल्याण योजनाएँ असली लाभान्वितों तक पहुँचाने के प्रति ध्यान देने का सुझाव दिया। मंत्री से मिले जेडपी अध्यक्षों में बालू नायक, बंडारी भास्कर, गंडीपल्ली कविता, तुला उमा, पद्मा, राजू, राजमणि मुरली अादि शामिल हैं।