पुराने शहर में जल्द शुरू हो सकता है मेट्रो का काम

Metro work may start soon in the old city1may2022
 
हैदराबाद - कभी-कभी ना उम्मीदी में भी कुछ उम्मीदें नज़र आ ही जाती हैं। पुराने शहर मेट्रो के साथ भी कुछ ऐसा ही लग रहा है। मेट्रो रेल प्राधिकरण पुराने शहर में मेट्रो निर्माण की ज़मीन बनाने के लिए बुनियादी स्तर के कामों पर ध्यान दे रहा है। यदि सब कुछ ठीक रहता है, तो आगामी एक दो माह में पुराने शहर में मेट्रो निर्माण की कवायद में तेज़ी आ सकती है।  

विधानसभा में पिछले बजट सत्र में सरकार द्वारा पुराने शहर में मेट्रो रेल विस्तार के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा के बाद यह तय हो गया था कि सरकार इस मामले में सकारात्मक सोच रखती है। चंद्रायनगुट्टा के मजलिस विधायक व विपक्ष के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने इसका स्वागत करते हुए कार्य शीघ्र शुरू करने की माँग की थी। तभी से इस बात की सुगबुगाहट तेज़ हो गयी थी कि सरकार पुराने शहर में मेट्रो के लिए विकल्पों की तलाश कर रही है। मेट्रो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने `मिलाप' को बताया कि ज़मीनी स्तर कार्य शुरू करने के लिए कुछ मंजूरियाँ अनिवार्य हैं, प्रशासन ने उसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है।  

सूत्र बताते हैं कि जेबीएस से एमजीबीएस तक आकर रुका पड़ा मेट्रो की ग्रीन लाइन का कार्य शुरू होने के लिए कुछ और दिन लग सकते हैं, लेकिन सरकार इसे अगले चुनावों से पहले प्रगति पर देखना चाहती है। इसके पूर्व निर्धारित एलाइनमेंट पर किसी प्रकार के परिवर्तन की संभावना नहीं है। सरकार की ओर से भी इस मुद्दे पर स्पष्टता आयी है कि किसी सूरत में पुराने शहर में मेट्रो निर्माण की प्रक्रिया को पूरा किया जाना है।  सरकार से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद हैदराबाद मेट्रो रेल लिमिटेड (एचएमआरएल) प्राधिकरण पुराने शहर में मेट्रो के लिए वित्तीय संभावनाओं और विकल्पों पर विचार कर रहा है। बताया जाता है कि सरकार ने एल एण्ड टी के साथ बातचीत को अंतिम रूप देने की जिम्मेदारी एचएमआरएल प्राधिकरण को ही दे दी है। हालाँकि उच्च स्तर पर इस मामले में बातचीत के कुछ  दौर हो चुके हैं।

चुनौतीपूर्ण होगा भूमि अधिग्रहण
मेट्रो रेल के अधिकारियों की एक टीम ने हाल ही में पुराने शहर में मेट्रो रेल अलाइनमेंट वाले मार्ग का सर्वेक्षण किया था। इसमें रेल निर्माण कार्य शुरू करने से पूर्व क्षेत्रों के निर्माण हेतु तैयार करने की कवायद का अध्ययन किया गया। अधिकारियों ने पाया कि अावश्यक भू अधिग्रहण बड़ी चुनौती है। इसके बावजूद लोगों की रुचि परियोजना में इतनी अधिक है कि बड़ी संख्या में लोग अपनी संपत्ति के प्रभावित होने से अधिक परियोजना को पूरा होते देखना चाहते हैं। सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक कार्यों में भूमि अधिग्रहण के अलावा पेयजल पाइपलाइन, सीवरेज पाइप लाइन एवं बिजली लाइनों का स्थानांतरण काफी महत्वपूर्ण कार्य है। परियोजना शुरू होकर लगभग 13 वर्ष हो चुके हैं। तब और अब में भूमि की दरें काफी बढ़ गयी हैं। ऐसे में पुराने आकलन और नयी लागत में काफी अंतर होगा। इसके लिए काफी रुपया खर्च होगा। इसके बावजूद एचएमआरएल प्राधिकरण इस प्रक्रिया को शीघ्र निपटाने के मूड़ में है। पुराने शहर का मेट्रो निर्माण पूरा होता है, तो रायदुर्ग-एयरपोर्ट मार्ग पर भी काम शुरू होने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।  उल्लेखनीय है कि मेट्रो के प्रथम चरण की परियोजना में लगभग 21,000 करोड़ रूपये खर्च हो चुके हैं। इसमें मियाँपुर-एल.बी. नगर तक 29 किलोमीटर, नागोल से रायदुर्ग तक 29 किलोमीटर तथा जेबीएस से एमजीबीएस तक 11 किलोमीटर की लाइन शामिल है। एमजीबीएस से फलकनुमा तक के 5 किलोमीटर मार्ग पर मेट्रो रेल निर्माण से यह परियोजना मूल रूप से 74 किलोमीटर की हो जाएगी। हालाँकि अभी तक परियोजना आर्थिक रूप से लाभदायक होने के कोई संकेत नहीं आये हैं। हैदराबाद मेट्रो प्रबंधन के पास रेल कॉरिडोर के अलावा 6 मिलियन एसएफटी पर वाणिज्यिक गतिविधियों की योजना है, जिसमें से अब तक केवल 1.3 एसएफटी पर ही काम हुआ है। इनमें पंजागुट्टा, इरम मंजिल, मूसारामबाग़ एवं हाईटेक सिटी के मॉल शामिल हैं।
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