आईआईटीएच और एनएचएआई में साझेदारी

MOU between IITH and NHAI
हैदराबाद-राष्ट्रीय राजमार्गों की आधारभूत संरचना को अत्याधुनिक तकनीक की मदद से लंबे समय तक टिकाऊ बनाने के लिए आईआईटी हैदराबाद और सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के मध्य समझौता हुआ है। इस साझेदारी के तहत भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए समकालीन और अत्याधुनिक तकनीकों पर काम करने की दिशा में आईआईटीएच में उत्कृष्टता केंद्र `परिवहन अनुसंधान और नवाचार हब' (टीआरआई हब) स्थापित किया जाएगा।

आज यहाँ जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, आईआईटीएच के (अनुसंधान व विकास) डीन प्रो. किरण कुची ने समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा कि यह उत्कृष्टता केंद्र के माध्यम से परिवहन में अत्याधुनिक अनुसंधान का समर्थन करने के लिए एनएचएआई की अग्रणी पहलों में से एक है। विज्ञप्ति में बताया गया कि इस साझेदारी के माध्यम से फुटपाथ और पुल बुनियादी ढाँचे में नई तकनीक का उपयोग किया जाएगा। अवसर पर एनएचएआई, नई दिल्ली के जीएम (टेक) अजय सभरवाल, एनएचएआई, हैदराबाद के आरओ और डीजीएम कृष्ण प्रसाद एवं अन्य उपस्थित थे।  आईआईटीएच के निदेशक प्रो. बी.एस. मूर्ति ने कहा कि नया हब संभवत: आईआईटी प्रणाली में अपनी तरह का पहला है, जो संस्थान में तिहान के लिए प्रौद्योगिकी नवाचार हब हेतु हाल ही में उद्घाटित परीक्षण सुविधा का पूरक होगा। यह नवीन तकनीकों का प्रदर्शन करेगा। इसके अलावा इसकी मदद से परिवहन के क्षेत्र में विभिन्न नवीन तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।

हब के बारे में जानकारी देते हुए टीआरआई हब के अध्यक्ष प्रो. सिरीश सराइड ने कहा कि वह समय पर परियोजना को पूरा करने, स्मार्ट और टिकाऊ राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने के लिए नई तकनीक व कार्यप्रणाली का प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि जियोसिंथेटिक्स, पुनः प्राप्त सामग्री, ग्लास फाइबर प्रबलित पॉलिमर (जीएफआरपी), पुलों और फुटपाथों के लिए सरिया, पुराने पुलों के लिए रेट्रोफिटिंग रणनीतियाँ बनाई जाएँगी। वहीं स्मार्ट भारतीय राजमार्गों के लिए टिकाऊ राजमार्ग आधारभूत संरचना से जुड़ा समाधान भी प्रदान किया जाएगा। इस हब के हिस्से के रूप में प्रो. सूर्य प्रकाश एस., प्रो. उमाशंकर बी., प्रोफेसर महेंद्र कुमार माधवन, डॉ. मुन्नवर बाशा, डॉ. अनिल अग्रवाल, प्रो. सिरीश एस. विभिन्न उद्देश्यों को पूरा करने के लिए 10 विभिन्न नवीन परियोजनाओं पर काम करेंगे।
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