हैदराबाद, 5 जुलाई (एफ एम सलीम)
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि सरकार शीघ्र ही नयी उद्योग नीति की घोषणा करेगी। यह नीति पारंपरिक उद्योगों और नये औद्योगिक संकल्पनाअों के बीच पुल का काम करेगी। उन्होंने कहा कि देश के पारंपारिक उद्योगों की रक्षा करना जितना ज़रूरी है, उतना ही नवोन्मेषी उद्योगों की तलाश करना भी ज़रूरी है।
केंद्रीय मंत्री ने अाज यहाँ गच्ची बावली में नवनिर्मित फुटवेयर डिज़ाइन एण्ड डेवलपमेंट इंस्टीटयूट के भवन का उद्घाटन किया। सुरेश प्रभु ने कहा कि सरकार शीघ्र ही नयी औद्योगिक नीति घोषित करेगी, जिसमें देश के पारंपारिक चर्मोद्योग को नयी दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि भारत में कई पारंपारिक उद्योग हैं, लेकिन ब्रांडिंग न होने के कारण उनके उत्पादों का निर्यात नहीं किया जा सकता। नयी नीति में इस बात की ओर विशेष ध्यान दिया गया है। नीति में न केवल उद्योग, बल्कि औद्योगिक प्रशिक्षण, डिजाइन, निर्माण तथा निर्यात के पहलू भी शामिल होंगे।
केंद्रीय मंत्री ने गच्ची बावली में तेलंगाना सरकार द्वरा एफडीडीअाई के लिए 15 एकड़ भूमि प्रदान करने हेतु धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि फुटवेयर निर्माण के क्षेत्र में देश के शहरों में पारंपारिक उद्योग हैं। यहाँ पीढि़यों से यह काम किया जा रहा है, लेकिन इसके उन्नयन के लिए कई चुनौतियाँ हैं। इन चुनौतियों की ओर समय पर ध्यान देने से ही संकट को दूर किया जा सकता है। सरकार ने इसके लिए 2,600 करोड़ रूपये अावंटित किये हैं, जिसमें प्लांट एवं मशीनरी, अाधुनिक टेक्नोलॉजी, मानव संसाधन विकास एवं अन्य शामिल हैं। उन्होंने कहा कि केवल पारंपारिक ज्ञान के साथ विकास नहीं किया जा सकता। इसके लिए नवोन्मेषी टेक्नोलॉजी भी अावश्यक है। साथ ही पर्यावरण की समस्याअों को सुलझाने की ओर ध्यान देने की अावश्यकता है। उन्होंने कहा कि यदि चर्मोद्योग के विकास को सही दिशा मिलती है, तो लगभग 6 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोज़गार मिलेगा। अवसर पर केंद्रीय संयुक्त सचिव अनिता प्रवीण एवं इंस्टीटयूट के प्रबंध-निदेशक अरूण कुमार सिन्हा उपस्थित थे।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि सरकार शीघ्र ही नयी उद्योग नीति की घोषणा करेगी। यह नीति पारंपरिक उद्योगों और नये औद्योगिक संकल्पनाअों के बीच पुल का काम करेगी। उन्होंने कहा कि देश के पारंपारिक उद्योगों की रक्षा करना जितना ज़रूरी है, उतना ही नवोन्मेषी उद्योगों की तलाश करना भी ज़रूरी है।
केंद्रीय मंत्री ने अाज यहाँ गच्ची बावली में नवनिर्मित फुटवेयर डिज़ाइन एण्ड डेवलपमेंट इंस्टीटयूट के भवन का उद्घाटन किया। सुरेश प्रभु ने कहा कि सरकार शीघ्र ही नयी औद्योगिक नीति घोषित करेगी, जिसमें देश के पारंपारिक चर्मोद्योग को नयी दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि भारत में कई पारंपारिक उद्योग हैं, लेकिन ब्रांडिंग न होने के कारण उनके उत्पादों का निर्यात नहीं किया जा सकता। नयी नीति में इस बात की ओर विशेष ध्यान दिया गया है। नीति में न केवल उद्योग, बल्कि औद्योगिक प्रशिक्षण, डिजाइन, निर्माण तथा निर्यात के पहलू भी शामिल होंगे।
केंद्रीय मंत्री ने गच्ची बावली में तेलंगाना सरकार द्वरा एफडीडीअाई के लिए 15 एकड़ भूमि प्रदान करने हेतु धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि फुटवेयर निर्माण के क्षेत्र में देश के शहरों में पारंपारिक उद्योग हैं। यहाँ पीढि़यों से यह काम किया जा रहा है, लेकिन इसके उन्नयन के लिए कई चुनौतियाँ हैं। इन चुनौतियों की ओर समय पर ध्यान देने से ही संकट को दूर किया जा सकता है। सरकार ने इसके लिए 2,600 करोड़ रूपये अावंटित किये हैं, जिसमें प्लांट एवं मशीनरी, अाधुनिक टेक्नोलॉजी, मानव संसाधन विकास एवं अन्य शामिल हैं। उन्होंने कहा कि केवल पारंपारिक ज्ञान के साथ विकास नहीं किया जा सकता। इसके लिए नवोन्मेषी टेक्नोलॉजी भी अावश्यक है। साथ ही पर्यावरण की समस्याअों को सुलझाने की ओर ध्यान देने की अावश्यकता है। उन्होंने कहा कि यदि चर्मोद्योग के विकास को सही दिशा मिलती है, तो लगभग 6 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोज़गार मिलेगा। अवसर पर केंद्रीय संयुक्त सचिव अनिता प्रवीण एवं इंस्टीटयूट के प्रबंध-निदेशक अरूण कुमार सिन्हा उपस्थित थे।