निजी पाठशालाओं में शुल्क वसूली पर सरकार का अंकुश नहीं

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हैदराबाद, 15 अप्रैल : हैदराबाद, मेड़चल व रंगारेड्डी जिलों में निजी पाठशालाओं द्वारा नियमों का उल्लंघन कर छात्र-छात्राओं से अधिक शुल्क वसूलने के मामले प्रकाश में आने के बावजूद इन पाठशालाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। अधिकारी यह कह कर इन मामलों से अपने आपको बचाने का प्रयास कर रहे हैं कि आरोपी पाठशालाओं को नोटिस जारी किया गया है। जब कभी शिकायत की जाती है तो शिक्षा विभाग इस संबंध में सबूत माँगने लगता है। कई पाठशालाओं में 16,500 रुपये से 5.42 लाख रुपये तक फीस वसूली जा रही है। डोनेशन्स के नाम पर 30,000 से एक लाख रुपये तक लिये जा रहे हैं।

हाल के दिनों में कैग ने भी इस मामले को लेकर सरकार की खिंचाई की थी। खास बात यह है कि सरकार इन पाठशालाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के बाजय पिछले दो सालों से नोटिस जारी कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रही है। ऐसे विद्यालयों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

इस मामले को लेकर वर्ष 2016 में उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। इससे न्यायालय ने इन पाठशालाओं में जाँच का आदेश दिया था। अप्रैल, 2016 में हैदराबाद, मेडचल, रंगारेड्डी जिले की कुल 162 पाठशालाओं की जाँच की गई। जाँच के दौरान पता चला कि वर्ष 1994 में जारी जीओ-1 के अनुसार, आय और व्यय में काफी बड़ा अंतर है।

अप्रैल, 2016 में जाँच करने वाले अधिकारियों ने मार्च, 2017 को यह रिपोर्ट सौंपी। इससे पता चलता है कि अधिकारी इस मामले को लेकर कितने गंभीर हैं। निजी पाठशालाएँ हर वर्ष 9 से 15 प्रतिशत तक शुल्क में बढ़ोत्तरी कर ऑडिट रिपोर्ट भी नहीं सौंप रही हैं। जुलाई, 2017 में 91 पाठशालाओं को हैदराबाद क्षेत्रीय शिक्षण संचालकों ने कारण बताओ नोटिस जारी किया। इससे निजी पाठशालाओं के संचालकों ने विवरण दिया। इसके बाद फिर एक बार नोटिस जारी किया गया। इसके बावजूद ऐसी पाठशालाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कैग ने 162 पाठशालाओं के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया, उनके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

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