नीति अायोग की बैठक में छलका चन्द्रबाबू नायुडू का दर्द

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नई दिल्ली, 17 जून
(मिलाप डेस्क)
नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में नीति अायोग की चौथी बैठक सम्पन्न हुई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में कई केन्द्रीय मंत्री, राज्य के मुख्यमंत्री, लेफ्टिनेंट गवर्नर व उच्च अधिकारी उपस्थित थे। इस बैठक को अांध्र-प्रदेश के मुख्यमंत्री नारा चन्द्रबाबू नायुडू ने संबोधित किया। अक्षर क्रम में नारा चन्द्रबाबू नायुडू को पहले बोलने का मौका मिला।
इस संदर्भ में नायुडू ने कहा कि अांध्र-प्रदेश के साथ केन्द्र ने अन्याय किया है। उन्होंने कहा कि अाय के मामले में अांध्र-प्रदेश सेवा क्षेत्र के विकास को गणना में ली जानी चाहिए। उन्होड्डाने इस बात का भी अारोप लगाया कि राज्य के विभाजन के मामले में भी एकतरफा फैसला लिया गया। विभाजन कानून में जिन मुद्दों और अाश्वासनों का उल्लेख किया गया था, उसे पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने केन्द्र से अाग्रह किया कि पोलावरम परियोजना को पूरा करने के लिए अावश्यक निधियाँ अावंटित की जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि पोलावरम परियोजना के लिए भू-अधिग्रहण हेतु अावश्यक निधियों की जरूरत है। उन्होंने राजधानी निर्माण के लिए निधियाँ अावंटित करने का केन्द्र से अाग्रह किया और कहा कि राजस्व घाटे को लेकर केन्द्र ने पूर्व में जो अाश्वासन दिया है, उसे पूरा नहीं किया गया है।
नायुडू ने अागे कहा कि पिछले 4 वर्षों में अांध्र-प्रदेश अपने बलबूते पर राज्य में विकास कर रहा है। जीएसटी के कारण राज्य के हितों को धक्का पहुँचा है। स्थानीय रूप से कर लागू करने की सुविधा से भी वंचित होना पडा है। केन्द्र ने पूर्व में अाश्वासन दिया था कि अांध्र-प्रदेश को रेलवे जोन दिया जाएगा, जबकि अाज तक इस अाश्वासन को पूरा नहीं किया गया है। उनका कहना था कि अन्य राज्यों के समान जब तक अांध्र-प्रदेश का विकास नहीं होता है, तब तक केन्द्र सरकार को अार्थिक रूप से सहायता करनी चाहिए। उन्होड्डाने अागे कहा कि भाजपा ने ही किसी समय अांध्र-प्रदेश को 10 साल के लिये विशेष दर्जा देने की माँग की थी।
नीति अायोग की बैठक को नायुडू ने बीस मिनट तक संबोधित किया। 7 मिनट के संबोधन के बाद केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अन्य को भी बोलने का मौका दिया जाना चाहिए। उनका कहना था कि उन्हें जो समय दिया गया है, वह पूरा हो चुका है। इस पर नायुडू ने कहा कि अांध्र-प्रदेश की समस्या अन्य राज्यों से अलग है, इसलिये उन्हें बोलने के लिए कुछ और समय दिया जाए।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने विशेष दर्जे को लेकर अांध्र-प्रदेश का समर्थन किया और कहा कि बिहार को भी विशेष दर्जा दिया जाना चाहिए। दूसरी ओर नायुडू ने कहा कि 15वें वित्त अायोग की नीति को वर्ष 2011 की जनसंख्या के अाधार पर लागू नहीं किया जाना चाहिए, जिसका पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनजाa ने समर्थन किया।
चाय विराम के दौरान कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, केरल और अांध्र-प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने जब प्रधानमंत्री को नजरअंदाज किया, तब खुद प्रधानमंत्री उनके पास अाए और उनसे बातचीत की।
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