नई दिल्ली, 6 जून
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अाज कहा कि सरकार द्वारा बनाए गए 10,000 करोड़ रूपये के कोषों के कोष से स्टार्टअप कंपनियों के लिए अागे चलकर एक लाख करोड़ रूपये की मदद सुनिश्चित की जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि अब नवोन्मेषी सोच के साथ शुरू किए जाने वाले स्टार्टअप उद्यमों का प्रसार केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं है बल्कि छोटे शहर और गाँव भी स्टार्टअप केंद्रों के रूप में उभर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 10,000 करोड़ रूपये के इस कोष की मदद से वेंचर वैपिटल फंडों ने स्टार्टअप इकाइयों को 7,000 करोड़ रूपये की सहायता प्रदान की है। उन्होंने कहा कि इस कोष से अागे चलकर स्टार्टअप कंपनियों के लिए एक लाख करोड़ रूपये का वित्तपोषण सुनिश्चित किया जा सकेगा।
मोदी ने कहा कि उदीयमान उद्यमियों के लिए देश में पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए सरकार ने भी एक पारिस्थितिकी विकसित की है। धन उपलब्ध कराने के साथ ही सरकार ने स्वूलों में बच्चों के लिए टिंकरिंग (प्रौद्योगिकी के साथ खेलने की) प्रयोगशालाअों की स्थापना, इन्वÌयूबेशन सेंटर, नियामकीय बाधाअों को समाप्त करना, कर प्रोत्साहन, कानूनी मामलों में सहयोग और बौद्धिक संपदा अधिकार जैसे क्षेत्रों में भी काम किया है।
प्रधानमंत्री ने अाज देशभर के युवा उद्यमियों के साथ संवाद के दौरान कहा कि इन प्रोत्साहनों ने छोटे शहरों, कस्बों और गाँवों में उद्यमियों को मदद की और यह क्षेत्र अब स्टार्टअप केंद्रों के रूप में उभर रहे हैं। इस चर्चा में देहरादून, रायपुर और गुवाहाटी जैसे शहरों के युवा उद्यमियों ने भी भाग लिया। मोदी ने कहा कि स्टार्टअप के लिए मेक इन इंडिया के साथ डिजाइन इन इंडिया भी बहुत अावश्यक है। इस क्षेत्र में अागे निकलने के लिए पर्याप्त पूंजी, साहस और लोगों से संपर्व जरूरी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अाज कहा कि सरकार द्वारा बनाए गए 10,000 करोड़ रूपये के कोषों के कोष से स्टार्टअप कंपनियों के लिए अागे चलकर एक लाख करोड़ रूपये की मदद सुनिश्चित की जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि अब नवोन्मेषी सोच के साथ शुरू किए जाने वाले स्टार्टअप उद्यमों का प्रसार केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं है बल्कि छोटे शहर और गाँव भी स्टार्टअप केंद्रों के रूप में उभर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 10,000 करोड़ रूपये के इस कोष की मदद से वेंचर वैपिटल फंडों ने स्टार्टअप इकाइयों को 7,000 करोड़ रूपये की सहायता प्रदान की है। उन्होंने कहा कि इस कोष से अागे चलकर स्टार्टअप कंपनियों के लिए एक लाख करोड़ रूपये का वित्तपोषण सुनिश्चित किया जा सकेगा।
मोदी ने कहा कि उदीयमान उद्यमियों के लिए देश में पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए सरकार ने भी एक पारिस्थितिकी विकसित की है। धन उपलब्ध कराने के साथ ही सरकार ने स्वूलों में बच्चों के लिए टिंकरिंग (प्रौद्योगिकी के साथ खेलने की) प्रयोगशालाअों की स्थापना, इन्वÌयूबेशन सेंटर, नियामकीय बाधाअों को समाप्त करना, कर प्रोत्साहन, कानूनी मामलों में सहयोग और बौद्धिक संपदा अधिकार जैसे क्षेत्रों में भी काम किया है।
प्रधानमंत्री ने अाज देशभर के युवा उद्यमियों के साथ संवाद के दौरान कहा कि इन प्रोत्साहनों ने छोटे शहरों, कस्बों और गाँवों में उद्यमियों को मदद की और यह क्षेत्र अब स्टार्टअप केंद्रों के रूप में उभर रहे हैं। इस चर्चा में देहरादून, रायपुर और गुवाहाटी जैसे शहरों के युवा उद्यमियों ने भी भाग लिया। मोदी ने कहा कि स्टार्टअप के लिए मेक इन इंडिया के साथ डिजाइन इन इंडिया भी बहुत अावश्यक है। इस क्षेत्र में अागे निकलने के लिए पर्याप्त पूंजी, साहस और लोगों से संपर्व जरूरी है।