हैदराबाद, 18 जून-(मिलाप डेस्क)
जुबली हिल्स स्थित पेद्दम्मागुड़ी के लिए न्यासी बोर्ड का गठन करने पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी। न्यासी बोर्ड के गठन को चुनौती देते हुए पूर्व विधायक विष्णुवर्धन रेड्डा ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। उन्होंने याचिका में दलील दी कि जब उनका परिवार मंदिर का रखरखाव कर रहा है, तब न्यास का गठन वैसे किया जा सकता है। याचिका पर सुनवाई करने के बाद अदालत ने न्यासी बोर्ड के गठन पर रोक लगा दी।
ज्ञातव्य है कि पूर्व विधायक दल के नेता पी. जनार्दन रेड्डा ने 1993 में इस मंदिर की स्थापना की थी। इस मंदिर के लिए धर्मस्व विभाग की ओर से न्यासी बोर्ड का गठन करना चर्चा का विषय बन गया। जनार्दन रेड्डा के बाद उनके पुत्र विष्णुवर्धन रेड्डा ने मंदिर के रखरखाव में कोई कसर बाकी नहीं रखी। यह मंदिर अनुशासन, साफ-सफाई और बेहतर कारकर्दगी के लिए मशहूर है।
इस मंदिर का रखरखाव केवल एक व्यक्ति द्वारा किए जाने से किसी प्रकार की अनियमितता सुनने में नहीं अाई। इस मंदिर के लिए न्यासी बोर्ड की स्थापना करने का प्रयास करने पर बार-बार इसका विरोध किया गया और इसमें छूट देने की माँग की गई। गत 5 मार्च को छूट की तिथि समाप्त हो गई। एक बार पुनः छूट देने की माँग करने पर धर्मस्व विभाग की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। इसी कारण विष्णुवर्धन रेड्डा ने अदालत की शरण ली।