पोलावरम : गोदावरी प्रवाह पर नोटिस जारी
नई दिल्ली, 28 मई-(भाषा)
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने अाज उस याचिका पर केंद्र तथा अन्य को नोटिस जारी कर जवाब माँगा, जिसमें पोलावरम बांध में एक दीवार के निर्माण की वजह से गोदावरी नदी में न्यूनतम पर्यावरण प्रवाह में बाधा उत्पन्न होने का अारोप लगाया गया है।
एनजीटी के कार्यवाहक अध्यक्ष न्यायमूर्ति जवाद रहीम की अध्यक्षता वाली पीठ ने पोलावरम परियोजना प्राधिकरण , केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, अंतर मंत्री निगरानी समिति, केंद्रीय अंतर्देशीय मत्स्य संस्थान, अांध्र-प्रदेश, पश्चिमी गोदावरी के जिला कलेवÌटर और अन्य को नोटिस जारी किया तथा 31 जुलाई से पहले जवाब माँगा।
अधिकरण ने हाल में सभी राज्यों से अपनी-अपनी नदियों में पानी की कमी वाले मौसम में औसतन 15 से 20 प्रतिशत न्यूनतम पर्यावरण प्रवाह बरकरार रखने को कहा था। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील प्रज्ञा पारिजात सिंह ने पीठ को बताया कि संबंधित दीवार के निर्माण की वजह से नदी के पर्यावरणीय प्रवाह में अवरोध उत्पन्न हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह की दीवारों के निर्माण से नदी में जलीय जीवों और पोलावरम में तथा इसके अासपास नदी पर निर्भर अाठ हजार मछुअारों की अाजीविका पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। वकील ने कहा कि पानी सूख रहा है और अाजीविका की कमी की वजह से हजारों मछुअारे प्रभावित हो रहे हैं। इतना ही नहीं, जलीय जीवन के प्रभावित होने से पारिस्थितिकी संतुलन भी बिगड़ रहा है।
अधिकरण अांध्र-प्रदेश निवासी पोथाबथुअाला नागेश्वर राव की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिन्होंने पोलावरम बाँध स्थल पर गोदावरी नदी में न्यूनतम पर्यावरणीय प्रवाह बरकरार रखे जाने तथा मछुअारों के लिए मछली पकड़ने का काम जारी रखने संबंधी निर्देश दिए जाने का अाग्रह किया है। याचिका में पर्यावरणीय मंजूरी का कथित उल्लंघन करने को लेकर परियोजना प्रस्तावक के खिलाफ कार्रवाई किये जाने का भी अाग्रह किया गया है।
नई दिल्ली, 28 मई-(भाषा)
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने अाज उस याचिका पर केंद्र तथा अन्य को नोटिस जारी कर जवाब माँगा, जिसमें पोलावरम बांध में एक दीवार के निर्माण की वजह से गोदावरी नदी में न्यूनतम पर्यावरण प्रवाह में बाधा उत्पन्न होने का अारोप लगाया गया है।
एनजीटी के कार्यवाहक अध्यक्ष न्यायमूर्ति जवाद रहीम की अध्यक्षता वाली पीठ ने पोलावरम परियोजना प्राधिकरण , केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, अंतर मंत्री निगरानी समिति, केंद्रीय अंतर्देशीय मत्स्य संस्थान, अांध्र-प्रदेश, पश्चिमी गोदावरी के जिला कलेवÌटर और अन्य को नोटिस जारी किया तथा 31 जुलाई से पहले जवाब माँगा।
अधिकरण ने हाल में सभी राज्यों से अपनी-अपनी नदियों में पानी की कमी वाले मौसम में औसतन 15 से 20 प्रतिशत न्यूनतम पर्यावरण प्रवाह बरकरार रखने को कहा था। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील प्रज्ञा पारिजात सिंह ने पीठ को बताया कि संबंधित दीवार के निर्माण की वजह से नदी के पर्यावरणीय प्रवाह में अवरोध उत्पन्न हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह की दीवारों के निर्माण से नदी में जलीय जीवों और पोलावरम में तथा इसके अासपास नदी पर निर्भर अाठ हजार मछुअारों की अाजीविका पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। वकील ने कहा कि पानी सूख रहा है और अाजीविका की कमी की वजह से हजारों मछुअारे प्रभावित हो रहे हैं। इतना ही नहीं, जलीय जीवन के प्रभावित होने से पारिस्थितिकी संतुलन भी बिगड़ रहा है।
अधिकरण अांध्र-प्रदेश निवासी पोथाबथुअाला नागेश्वर राव की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिन्होंने पोलावरम बाँध स्थल पर गोदावरी नदी में न्यूनतम पर्यावरणीय प्रवाह बरकरार रखे जाने तथा मछुअारों के लिए मछली पकड़ने का काम जारी रखने संबंधी निर्देश दिए जाने का अाग्रह किया है। याचिका में पर्यावरणीय मंजूरी का कथित उल्लंघन करने को लेकर परियोजना प्रस्तावक के खिलाफ कार्रवाई किये जाने का भी अाग्रह किया गया है।