बात चाहे घर की सजावट की हो या फिर किसी शुभ काम की, घर के मुख्य-द्वार को हमेशा अाम की पत्तियों से सजाया जाता है। क्या अाप जानते हैं, इस वृक्ष की पत्तियों में ऐसा क्या खास है, जो इन्हें हर शुभ काम में इस्तेमाल किया जाता है। अाइए जानते हैं, इसके पीछे छिपे कई अहम धार्मिक कारण।
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भारतीय हिन्दू संस्वृति में अाम के वृक्ष को पूजनीय माना जाता है। ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि इसके फल के अलावा इसकी लकडि़यां और पत्तियां भी बेहद लाभकारी और गुणकारी होती हैं। हिन्दू धर्म में अाम के पेड़ की लकडि़यों का इस्तेमाल समिधा के रूप में किया जाता है। माना जाता है कि इस लकड़ी को घी के साथ जलाने पर घर में सकात्मक ऊर्जा का वास होता है। इस पेड़ की पत्तियों को घर के मुख्य दरवाजे पर लटकाने से घर में सुख और समृद्धि बढ़ने के साथ सभी मंगल कार्य निर्विघ्न पूरे हो जाते हैं।
धार्मिक मान्यतानुसार अाम हनुमान जी का प्रिय फल है। इसीलिए जहां अाम और अाम के पत्ते होते हैं, वहां हनुमान जी की विशेष वृपा बनी रहती है। शाñां में भी दरवाजें पर अाम के पत्तों को लटकाना अत्यंत शुभ माना गया है।
हमारी भारतीय संस्वृति में अाम के पेड़ की लकडि़यों का उपयोग समिधा के रूप में वैदिक काल से ही किया जा रहा है। माना जाता है कि अाम की लकड़ी, घी, हवन-सामग्री अादि का हवन में उपयोग करने से वातावरण में सकारात्मकता बढ़ती है।
घर के प्रवेश-द्वार पर अाम की पत्तियां लटकाने से घर में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति के साथ सकारात्मक ऊर्जा घर में अाती है। बाहर से अाने वाली हवा जब भी इन पत्तियों का स्पर्श कर घर में घुसती है तो वह सकारात्मक कणों को भी अपने साथ लाती है।
अाम की पत्तियों से टकरा कर घर में घुसने वाली हवा से सुख और समृद्धि अाती है और ऐसे घर में कलह कभी भी जकड़ नहीं सकती। इसके अलावा ऐसा भी माना जाता है कि प्रवेश-द्वार पर अाम की पत्तियां लटकाने से बिना विघ्न सारे मांगलिक कार्य पूरे हो जाते हैं। इसलिए कोई भी शुभ कार्य करते समय सबसे पहले घर के दरवाजे पर अाम के पत्तों को लटकाया जाता है।
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भारतीय हिन्दू संस्वृति में अाम के वृक्ष को पूजनीय माना जाता है। ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि इसके फल के अलावा इसकी लकडि़यां और पत्तियां भी बेहद लाभकारी और गुणकारी होती हैं। हिन्दू धर्म में अाम के पेड़ की लकडि़यों का इस्तेमाल समिधा के रूप में किया जाता है। माना जाता है कि इस लकड़ी को घी के साथ जलाने पर घर में सकात्मक ऊर्जा का वास होता है। इस पेड़ की पत्तियों को घर के मुख्य दरवाजे पर लटकाने से घर में सुख और समृद्धि बढ़ने के साथ सभी मंगल कार्य निर्विघ्न पूरे हो जाते हैं।
धार्मिक मान्यतानुसार अाम हनुमान जी का प्रिय फल है। इसीलिए जहां अाम और अाम के पत्ते होते हैं, वहां हनुमान जी की विशेष वृपा बनी रहती है। शाñां में भी दरवाजें पर अाम के पत्तों को लटकाना अत्यंत शुभ माना गया है।
हमारी भारतीय संस्वृति में अाम के पेड़ की लकडि़यों का उपयोग समिधा के रूप में वैदिक काल से ही किया जा रहा है। माना जाता है कि अाम की लकड़ी, घी, हवन-सामग्री अादि का हवन में उपयोग करने से वातावरण में सकारात्मकता बढ़ती है।
घर के प्रवेश-द्वार पर अाम की पत्तियां लटकाने से घर में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति के साथ सकारात्मक ऊर्जा घर में अाती है। बाहर से अाने वाली हवा जब भी इन पत्तियों का स्पर्श कर घर में घुसती है तो वह सकारात्मक कणों को भी अपने साथ लाती है।
अाम की पत्तियों से टकरा कर घर में घुसने वाली हवा से सुख और समृद्धि अाती है और ऐसे घर में कलह कभी भी जकड़ नहीं सकती। इसके अलावा ऐसा भी माना जाता है कि प्रवेश-द्वार पर अाम की पत्तियां लटकाने से बिना विघ्न सारे मांगलिक कार्य पूरे हो जाते हैं। इसलिए कोई भी शुभ कार्य करते समय सबसे पहले घर के दरवाजे पर अाम के पत्तों को लटकाया जाता है।