हैदराबाद, - सचिवालय में इन दिनों अधिकतर विभाग और विभागों के अधिकारी भावी वर्ष 2024-25 के वाार्षिक बजट की तैयारियों में व्यस्त हैं। सत्ता परिवर्तन के बाद अधिकारियों को बजट की तैयारी में जहाँ नये सरकारी रंग-रूप को आकार देना है, वहीं मुख्यमंत्री के यथार्थवादी बजट के आदेशों का भी अनुपालन करना चुनौतीपूर्ण है। सरकार ने विभाग प्रमुखों को स्पष्ट संकेत दिये हैं कि आगामी वित्त वर्ष के बजट अनुमानों की तैयारी में काल्पनिक या अव्यवहार्यता से बिल्कुल काम न लें, बल्कि अधिक या कम अनुमानों से बचा जाए। निश्चित रूप से किसी भी प्रकार के अव्यवहार्य अनुमानों से न केवल सरकार की योजनाओं पर अमलावरी गड़बड़ा सकती है, बल्कि सरकार के खाली चल रहे खज़ाने पर भी दवाब पड़ सकता है। उम्मीद है कि 11 जनवरी तक अधिकतर विभाग अपने बजट प्रस्ताव वित्त विभाग को सौंप देंगे।
सरकार की तैयारी तो यही कहती है कि अगले महीने विधानसभा में पूर्ण बजट पेश किया जा सकता है, लेकिन यदि लोकसभा चुनावों की अधिसूचना जारी की जाती है तो लेखानुदान बजट भी संभावित है। मुख्यमंत्री के आदेश पर सभी विभागों के प्रमुख अपनी परप्तियों में सुधार करने और निचले स्तर से ऊपर तक रिसाव को रोकने के लिए एक नया आधार तलाशने में लगे हुए हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा गया है कि अपने-अपने स्तर पर आवश्यक व्यत्तिगत प्रदर्शन संकेतक तय करें और कार्य प्रदर्शन में सुधार करें। यह बात भी सामने आयी है कि पिछले वर्षों में अधिकतर विभागों के बजट प्रस्ताव बहुत देर से भेजे गये थे। अब सरकार चाहती है कि निर्धारित तिथियों का सख्ती से पालन किया जाए। संबंधित सभी विभागों से कहा गया है कि बजट अनुमान यदि 11 जनवरी के बाद परप्त होते हैं, तो वित्त विभाग संबंधित विभागों के अनुमानों में किए गए किसी भी बदलाव की जानकारी नहीं दे पाएगा। उल्लेखनीय है कि सचिवालय के सभी प्रशासनिक विभागों को सरकार ने कहा है कि 9 जनवरी यथार्थवादी...
तक अनुमान ऑनलाइन जमा किया जाए और टिप्पणियों के साथ यह प्रस्ताव 11 जनवरी तक भेजे जाएँ। विभागाध्यक्षों को निर्धारित पररूप में कैडर-वार पद और मौजूदा कर्मचारियों का विवरण उपलब्ध करवाने का भी निर्देश दिया गया है। साथ ही इस वर्ष शामिल होने वाले नए कर्मचारियों से संबंधित विवरण और चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमान भी प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। संकेत दिये गये हैं कि संशोधित अनुमान में बजट राशि में कोई वृद्धि नहीं होगी।
सभी विभागों, निगमों तथा विशेष प्रयोजन के साथ बनायी गयी संस्थाओं तथा स्वायत्त निकायों के प्रमुखों से अनुरोध किया गया है कि वे परेफार्मा के अनुसार तेलंगाना के गठन (2 जून 2014) से 30 दिसंबर 2023 तक उनके द्वारा परप्त किये गए ऋणों की जानकारी प्रस्तुत करें। इस संबंध में किसी भी प्रकार की चूक या विचलन को गंभीरता से लिया जाएगा। बजट के अनुमानों की तैयारी में करों और शुल्क की मौजूदा दरों के आधार बनाने के निर्देश देते हुए कहा गया है कि ऐसी दरों में कोई वृद्धि या कटौती प्रस्तावित नहीं की जानी चाहिए, जिन्हें सरकार द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है।
बजट अनुमानों की तैयारी के दिशानिर्दशों में यह भी कहा गया है कि कार्यालय का रखरखाव, किराया, सामान्य खर्च, पानी, बिजली, स्टेशनरी, आउटसोर्स सेवाएँ, कल्याण कार्यक्रमों और सब्सिडी के अनुमान वास्तविक जरूरतों के अनुसार होने चाहिए। विशेषकर सरकार ने आउटसोा\सग सेवाओं का ब्यौरा विस्तार से मांगा है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और उपमुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्का के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल केंद्रीय मंत्रियों से मिला था और इससे पूर्व दोनों शीर्ष नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात थी और राज्य को निधियाँ जारी करने का अनुरोध किया था। सरकार को उम्मीद है कि केंद्र से अनुदान के रूप में राजस्व परप्त होगा। अधिकारियों से बजट अनुमानों की तैयारी में इसका ध्यान रखने के लिए कहा गया है। विभागीय अधिकारियों से कहा गया है कि परसंगिक केंद्र परयोजित योजनाओं की पहचान करें, जिन्हें राज्य में लागू किया जा सकता है। ऐसी योजनाओं को वित्त वर्ष 2024-25 में लागू करने की व्यवहार्यता को ध्यान रखते हुए आवश्यक कदम उठाएँ।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार का नया बजट छह गारंटियों एवं अन्य विकासात्मक परियोजनाओं पर केंद्रित होने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि गत 27 दिसंबर को मुख्यमंत्री अनुमुला रेवंत रेड्डी ने अधिकारियों को फिजूलखर्ची से बचने का आदेश देते हुए कहा था कि राज्य का बजट बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह वास्तविकता प्रत्बििंबित हो। लोगों को बताया जाए कि राज्य की वित्तीय स्थिति, चुनौतियां और लक्ष्य क्या हैं। उन्होंने अधिकारियों को यह सोचकर बजट तैयार करने की सलाह दी थी कि असली तेलंगाना की यात्रा अभी शुरू हुई है। राज्य की वास्तविक आय, कर्मचारियों के वेतन, नयी सरकार की गारंटियों और अन्य कार्यों पर कितना खर्च होगा इसका सटीव आकलन बजट में होना चाहिए।