नई दिल्ली, 15 मई
घोटाले में फंसे पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को जनवरी-मार्च की अवधि में 13,416.91 करोड़ रूपये का शुद्ध घाटा हुअा। सार्वजनिक क्षेत्र के इस बैंक के लिए यह सबसे बड़ा त्रैमासिक घाटा है। यह मुख्य रूप से फंसे कर्ज के लिए ऊंचे प्रावधान के चलते हुअा है। बैंक ने 2016-17 की चौथी तिमाही में 261.90 करोड़ रूपये का एकल मुनाफा कमाया था। बैंक ने कहा है कि नीरव मोदी घोटाले के चलते हुए घाटे के मद में उसने 7,178 करोड़ रूपये का प्रावधान अालोच्य तिमाही में किया। इसके अनुसार यह 14,356 करोड़ रूपये की वुल राशि का 50 प्रतिशत है। बैंक घोटाले वाले इस खाते की बाकी बची राशि के लिए प्रावधान मौजूदा वित्त वर्ष की बाकी तीन तिमाहियों में करेगी।
पीएनबी का कहना है कि उसने फर्जी तरीके से जारी किए गए साख पत्रों (एलओयू) तथा विदेशी साख पत्रों (एफएलसी) के मद में अपनी देनदारियों के लिए अन्य बैंकों को 6,586.11 करोड़ रूपये का भुगतान किया है।
नीरव मोदी व उसके वुछ सहयोगियों ने पीएनबी के वुछ अधिकारियों से कथित साँठ गाँठ में बैंक को दो अरब डॉलर से अधिक का चूना लगाया।
अालोच्य तिमाही में बैंक की वुल अाय घटकर 12,945.68 करोड़ रूपये रह गई, जो कि एक साल पहले की अवधि में 14,989.33 करोड़ रूपये रही थी।
बैंक की सकल गैर-निष्पादित अास्तियाँ (एनपीए) या फँसा कर्ज इस साल मार्च के अाखिर में बढ़कर 18.38 प्रतिशत हो गया, जो कि एक साल पहले 12.53 प्रतिशत था। इस दौरान इसका शुद्ध एनपीए 11.24 प्रतिशत रहा, जो एक साल पहले 7.81 प्रतिशत था। राशि के हिसाब से बैंक का सकल एनपीए चौथी तिमाही में बढ़कर 86,620 करोड़ रूपये हो गया।
वहीं समूचे वित्त वर्ष के लिए बैंक को 12,282.82 करोड़ रूपये का एकल घाटा हुअा। जबकि उसकी वुल अाय इस दौरान मामूली बढ़कर 56,876.63 करोड़ रूपये हो गई, जो पूर्व वित्त वर्ष में 56,227.36 करोड़ रूपये रही थी। संचयी अाधार पर बैंक को 2017-18 में 12,130.05 करोड़ रूपये का घाटा हुअा, जबकि 2016-17 में उसे।,187.24 करोड़ रूपये का मुनाफा हुअा था। बैंक के दो कार्यकारी निदेशकों के.वी. ब्रह्माजी राव तथा संजीव शरण ने अाज की बैठक में भाग नहीं लिया। बैंक के निदेशक मंडल ने इन दोनों के सभी वित्तीय व कार्यकारी अधिकार कल छीन लिए थे, वÌयोंकि इनका नाम सीबीअाई द्वारा दाखिल अारोप-पत्र में है।
घोटाले में फंसे पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को जनवरी-मार्च की अवधि में 13,416.91 करोड़ रूपये का शुद्ध घाटा हुअा। सार्वजनिक क्षेत्र के इस बैंक के लिए यह सबसे बड़ा त्रैमासिक घाटा है। यह मुख्य रूप से फंसे कर्ज के लिए ऊंचे प्रावधान के चलते हुअा है। बैंक ने 2016-17 की चौथी तिमाही में 261.90 करोड़ रूपये का एकल मुनाफा कमाया था। बैंक ने कहा है कि नीरव मोदी घोटाले के चलते हुए घाटे के मद में उसने 7,178 करोड़ रूपये का प्रावधान अालोच्य तिमाही में किया। इसके अनुसार यह 14,356 करोड़ रूपये की वुल राशि का 50 प्रतिशत है। बैंक घोटाले वाले इस खाते की बाकी बची राशि के लिए प्रावधान मौजूदा वित्त वर्ष की बाकी तीन तिमाहियों में करेगी।
पीएनबी का कहना है कि उसने फर्जी तरीके से जारी किए गए साख पत्रों (एलओयू) तथा विदेशी साख पत्रों (एफएलसी) के मद में अपनी देनदारियों के लिए अन्य बैंकों को 6,586.11 करोड़ रूपये का भुगतान किया है।
नीरव मोदी व उसके वुछ सहयोगियों ने पीएनबी के वुछ अधिकारियों से कथित साँठ गाँठ में बैंक को दो अरब डॉलर से अधिक का चूना लगाया।
अालोच्य तिमाही में बैंक की वुल अाय घटकर 12,945.68 करोड़ रूपये रह गई, जो कि एक साल पहले की अवधि में 14,989.33 करोड़ रूपये रही थी।
बैंक की सकल गैर-निष्पादित अास्तियाँ (एनपीए) या फँसा कर्ज इस साल मार्च के अाखिर में बढ़कर 18.38 प्रतिशत हो गया, जो कि एक साल पहले 12.53 प्रतिशत था। इस दौरान इसका शुद्ध एनपीए 11.24 प्रतिशत रहा, जो एक साल पहले 7.81 प्रतिशत था। राशि के हिसाब से बैंक का सकल एनपीए चौथी तिमाही में बढ़कर 86,620 करोड़ रूपये हो गया।
वहीं समूचे वित्त वर्ष के लिए बैंक को 12,282.82 करोड़ रूपये का एकल घाटा हुअा। जबकि उसकी वुल अाय इस दौरान मामूली बढ़कर 56,876.63 करोड़ रूपये हो गई, जो पूर्व वित्त वर्ष में 56,227.36 करोड़ रूपये रही थी। संचयी अाधार पर बैंक को 2017-18 में 12,130.05 करोड़ रूपये का घाटा हुअा, जबकि 2016-17 में उसे।,187.24 करोड़ रूपये का मुनाफा हुअा था। बैंक के दो कार्यकारी निदेशकों के.वी. ब्रह्माजी राव तथा संजीव शरण ने अाज की बैठक में भाग नहीं लिया। बैंक के निदेशक मंडल ने इन दोनों के सभी वित्तीय व कार्यकारी अधिकार कल छीन लिए थे, वÌयोंकि इनका नाम सीबीअाई द्वारा दाखिल अारोप-पत्र में है।